जयपुर. प्रदेश को सबसे ज्यादा राज्य से देने वाले विभागों में परिवहन विभाग एक मुख्य विभाग है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से परिवहन विभाग को राजस्व हासिल करने में पांचवें नंबर का दर्जा भी दिया गया है. इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग को 6 हजार करोड़ का राजस्व हासिल करना था. जिसे कंपाउंड करते हुए 5200 करोड़ रुपए कर दिया गया है, लेकिन परिवहन विभाग इस वित्तीय वर्ष के अंतर्गत भी अपना राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगा.
हालांकि राजस्व लक्ष्य हासिल करने को लेकर परिवहन आयुक्त रवि जैन लगातार परिवहन विभाग के अधिकारियों और निरीक्षकों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं. इसी के तहत अब 31 मार्च नजदीक आ रहा है और विभाग के सामने राजस्व लक्ष्य को लेकर एक बड़ी चुनौती खड़ी हुई है. गौरतलब है कि परिवहन विभाग अभी तक 3 हजार 650 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य हासिल कर चुका है. ऐसे में 5200 करोड़ रुपए तक पहुंचना परिवहन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.
इस दौरान राजस्व लक्ष्य को लेकर परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि परिवहन विभाग रेवन्यू के लिहाजा से एक मुख्य विभाग है और 2020-21 के लिए परिवहन विभाग को 5200 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करना है. जिसमें परिवहन विभाग की ओर से अभी तक 3650 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य भी हासिल कर लिया गया है. जैन ने बताया कि परिवहन विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी मिलकर राजस्व लक्ष्य हासिल करने की हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही जैन ने बताया कि बाकी बचे हुए 12 दिन के अंतर्गत परिवहन विभाग अपने राजस्व लक्ष्य के नजदीक तक पहुंच जाएगा.
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बता दें कि विभाग को सबसे ज्यादा राजस्व टेक्स्ट और वाहनों की रजिस्ट्रेशन से प्राप्त होता है, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में वाहनों की बिक्री भी कम हुई थी और केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से 31 मार्च तक वाहनों के कागजों की वैधता को भी बढ़ाया हुआ है. जिससे विभाग के राजस्व पर असर भी पड़ रहा है. जैन का कहना है कि परिवहन विभाग इस वित्तीय वर्ष में अपने टारगेट के करीब तक पहुंच जाएगा.