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Transfer Ban Removed : गहलोत सरकार ने तबादलों पर से रोक हटाई, पुरानी नीति से ही होंगे तबादले

प्रदेश के विभिन्न सरकारी महकमों के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर करीब एक साल से लगी रोक को तुरंत प्रभाव से आगामी आदेशों तक हटा दिया (Transfer ban removed in Rajasthan) है. तबादलों को लेकर लंबे समय से रोक हटाने की मांग की जा रही थी. साथ ही शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों को लेकर भी मांग की जा रही थी. रोक हटने के बाद होने वाले तबादले पुरानी तबादला नीति के तहत ही होंगे.

Transfer ban removed in Rajasthan, transfer on existing policy till the new one comes
प्रदेश में राजकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर रोक हटी, पुरानी नीति से ही होंगे तबादले
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Published : May 30, 2022, 4:48 PM IST

Updated : May 30, 2022, 7:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान के राजकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने तबादलों से तत्काल प्रभाव से रोक हटा दी है. हालांकि तबादला नीति नहीं आने तक तबादले पुरानी तबादला नीति के अनुरूप ही (Ban removed on transfers in Rajasthan) होंगे. सरकार के इस आदेश के साथ ही अब प्रदेश में तबादलों की बयार आएगी. प्रशासनिक एवं समन्वय विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राजकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर लगाये गये पूर्ण प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.

शिक्षा विभाग में होंगे बड़े स्तर पर तबादला: बता दें कि तबादलों से रोक हटने के साथ ही बड़ी संख्या में अब शिक्षा विभाग के तबादले होंगे. ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होने से पहले सरकार शिक्षा विभाग के तबादलों की लिस्ट जारी करेगी. हालांकि शिक्षा विभाग की तबादला नीति नहीं आने की वजह से पुरानी तबादला नीति के आधार पर ही तबादले (Transfers on the existing policy in Rajasthan) होंगे. बता दें कि हाल ही में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा था कि जब तक शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति नहीं आ जाती, तब तक पुरानी तबादला नीति के आधार पर ही शिक्षकों के तबादले होंगे.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने लगाई अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर रोक

करीब एक साल से लगी हुई थी रोक: दरअसल राज्य सरकार ने करीब 1 साल पहले राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लगाई थी. इसके बाद से अति आवश्यक तबादलों पर उच्चस्तरीय अनुमति के बाद ही तबादले हो रहे थे. सरकार ने अब एक साल बाद इन तबादलों से पूर्णतया रोक हटा दी है. अब सभी विभागों के तबादले हो सकेंगे. बता दें कि प्रदेश में तबादलों को लेकर लंबे समय से रोक हटाने की मांग की जा रही थी. साथ ही शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों को लेकर भी मांग की जा रही थी, लेकिन नई ट्रांसफर पॉलिसी के फेर में तबादलों से रोक हटाने को लेकर निर्णय नहीं हो पा रहा था.

इसलिए सरकार ने लिया फैसलाः राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले सरकार की ओर से लिया गया फैसला निर्दलीय विधायकों की ओर से लगातार की जा रही मांग से जोड़कर देखा जा रहा है. तबादलों पर प्रतिबंध तुरंत हटाने के पीछे यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे राज्यसभा चुनाव के दौरान पनप रहे असंतोष के बाद कुछ डैमेज कंट्रोल हो सकेगा. दरअसल अलग-अलग क्षेत्र से विधायकों की इस बात को लेकर नाराजगी आ रही थी कि उनके क्षेत्र के तबादले नहीं हो पा रहे है. क्षेत्र के कर्मचारी और अधिकारी तबादलों की अर्जी उनके पास तो लेकर जा रहे थे , लेकिन उस अर्जी पर सरकार की ओर से लगी रोक की वजह से को तबादला नहीं हो रहा था. माना जा रहा है कि विधायकों के इस असंतोष को कम करने के लिए भी तत्काल प्रभाव से रोक हटाई गई है . खास बात यह है कि यह रोक अग्रिम आदेश तक के लिए हटाई गई है , जबकि हमेशा सरकार रोक समय अवधि के लिए हटाती थी.

जयपुर. राजस्थान के राजकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने तबादलों से तत्काल प्रभाव से रोक हटा दी है. हालांकि तबादला नीति नहीं आने तक तबादले पुरानी तबादला नीति के अनुरूप ही (Ban removed on transfers in Rajasthan) होंगे. सरकार के इस आदेश के साथ ही अब प्रदेश में तबादलों की बयार आएगी. प्रशासनिक एवं समन्वय विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राजकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर लगाये गये पूर्ण प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.

शिक्षा विभाग में होंगे बड़े स्तर पर तबादला: बता दें कि तबादलों से रोक हटने के साथ ही बड़ी संख्या में अब शिक्षा विभाग के तबादले होंगे. ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होने से पहले सरकार शिक्षा विभाग के तबादलों की लिस्ट जारी करेगी. हालांकि शिक्षा विभाग की तबादला नीति नहीं आने की वजह से पुरानी तबादला नीति के आधार पर ही तबादले (Transfers on the existing policy in Rajasthan) होंगे. बता दें कि हाल ही में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा था कि जब तक शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति नहीं आ जाती, तब तक पुरानी तबादला नीति के आधार पर ही शिक्षकों के तबादले होंगे.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने लगाई अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर रोक

करीब एक साल से लगी हुई थी रोक: दरअसल राज्य सरकार ने करीब 1 साल पहले राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लगाई थी. इसके बाद से अति आवश्यक तबादलों पर उच्चस्तरीय अनुमति के बाद ही तबादले हो रहे थे. सरकार ने अब एक साल बाद इन तबादलों से पूर्णतया रोक हटा दी है. अब सभी विभागों के तबादले हो सकेंगे. बता दें कि प्रदेश में तबादलों को लेकर लंबे समय से रोक हटाने की मांग की जा रही थी. साथ ही शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों को लेकर भी मांग की जा रही थी, लेकिन नई ट्रांसफर पॉलिसी के फेर में तबादलों से रोक हटाने को लेकर निर्णय नहीं हो पा रहा था.

इसलिए सरकार ने लिया फैसलाः राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले सरकार की ओर से लिया गया फैसला निर्दलीय विधायकों की ओर से लगातार की जा रही मांग से जोड़कर देखा जा रहा है. तबादलों पर प्रतिबंध तुरंत हटाने के पीछे यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे राज्यसभा चुनाव के दौरान पनप रहे असंतोष के बाद कुछ डैमेज कंट्रोल हो सकेगा. दरअसल अलग-अलग क्षेत्र से विधायकों की इस बात को लेकर नाराजगी आ रही थी कि उनके क्षेत्र के तबादले नहीं हो पा रहे है. क्षेत्र के कर्मचारी और अधिकारी तबादलों की अर्जी उनके पास तो लेकर जा रहे थे , लेकिन उस अर्जी पर सरकार की ओर से लगी रोक की वजह से को तबादला नहीं हो रहा था. माना जा रहा है कि विधायकों के इस असंतोष को कम करने के लिए भी तत्काल प्रभाव से रोक हटाई गई है . खास बात यह है कि यह रोक अग्रिम आदेश तक के लिए हटाई गई है , जबकि हमेशा सरकार रोक समय अवधि के लिए हटाती थी.

Last Updated : May 30, 2022, 7:06 PM IST
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