जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को भाजपा के विरोध के बीच राजस्थान पर्यटन व्यवसाय (सुकरकरण व विनिमय) संशोधन विधेयक 2021 पारित कर दिया गया. इस मौके पर पर्यटन राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह संशोधन कानून लपकों और पर्यटक को परेशान करने वालों पर लगाम लगाने वाला कानून है.
संशोधन विधेयक पर चर्चा के बाद सरकार के जवाब के रूप में मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किसी नए एक्ट में स्पेशल धाराएं या प्रावधान न हों तो उससे जुड़े अपराध में सीआरपीसी की धाराएं लगती हैं. लेकिन साल 2010 में जो कानून बनाया गया वहीं 2016 में एक मामले में हाईकोर्ट तक पहुंच गया जिसके बाद कोर्ट के निर्देश पर पुराने कानून में संशोधन के जरिए नई धाराएं जोड़ी गई है जिससे उससे जुड़े अपराधों को संज्ञेय माना जाए. क्योंकि उसके बाद ही ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज होगी और एफआईआर दर्ज होने पर ही थानों में इन प्रकरणों का संधारण हो सकेगा.
डोटासरा ने यह भी कहा कि मामूली सा संशोधन है, लेकिन जिस प्रकार के तर्क चर्चा के दौरान बीजेपी के विधायकों ने दिए, उसका भी मैं जवाब दूंगा. मंत्री ने कहा प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय बढ़े और यहां आने वाले पर्यटकों को अच्छा वातावरण मिले, यह हम सब चाहते हैं और इसके लिए कानून भी लाए जाते हैं. यदि फिर भी और संशोधन की आवश्यकता होगी तो हम इसमें संशोधन करेंगे.
सदन में रखे कार्रवाई के आंकड़े
संशोधन विधेयक पर पर्यटन राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि साल 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, लेकिन तब हाईकोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी के बावजूद इस कानून में संशोधन की तरफ भाजपा ने ध्यान नहीं दिया. डोटासरा ने कहा कि हमारी सरकार ने लपकों को रोकने के लिए जयपुर, उदयपुर सहित कई जिला मुख्यालय पर पर्यटन थाने भी खोले हैं. डोटासरा ने बताया साल 2018 में 2204 प्रकरणों में कार्रवाई की गई, वहीं साल 2019 में 462, साल 2020 में 194 और साल 2021 में 102 प्रकरणों में कार्रवाई की गई.
धार्मिक पर्यटक सर्किट के लिए केंद्र से नहीं मिली सहायता..
संशोधन विधेयक पर जवाब देते समय पर्यटन राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर भी कटाक्ष किया. डोटासरा ने कहा हमने 8 से 9 धार्मिक व पर्यटन सर्किट से जुड़े प्रस्ताव केंद्र को भेजे हैं. नीति आयोग के सदस्यों से भी निवेदन किया है. लेकिन अब तक राजस्थान को इन प्रोजेक्टों के लिए फूटी कौड़ी भी केंद्र से नहीं मिली. डोटासरा ने कटारिया और राठौड़ से केंद्र सरकार से इस बाबत निवेदन करने की बात कही. डोटासरा ने राजेंद्र राठौड़ से कहा कि एक प्रोजेक्ट शेखावाटी का भी है. यदि आप केंद्र में इस बारे में चर्चा नहीं करेंगे तो क्षेत्र के लोग बोलेंगे कि राठौड़ साहब की कथनी और करनी में अंतर है.
2010 में खामी वाला कानून बना, सदन का हुआ अपमान...
सदन में मौजूद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस बीच पर्यटन राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से कहा कि साल 2010 में जब सदन में यह कानून बना, तो इसमें इतनी बड़ी खामी कैसे रह गई. इसके लिए दोषी और जिम्मेदार कौन है. क्योंकि इससे विधानसभा जैसी संस्था और हमारी बदनामी होती है.
क्यों लाना पड़ा संशोधन विधेयक, कानून में अब यह संशोधन...
प्रदेश सरकार ने साल 2010 में बने राजस्थान पर्यटन व्यवसाय अधिनियम संख्या 9 में नई धारा 27 क जोड़ी है. इसमें अब इस अधिनियम के अधीन दंडनीय समस्त अपराध संज्ञेय और जमानतीय होंगे. लेकिन इस अधिनियम की धारा 13 की उप धारा तीन और उप धारा 4 के अधीन दंडनीय अपराध संज्ञेय और अजमानतीय होंगे.
दरअसल हाई कोर्ट ने 18 जनवरी 2017 को एकल पीठ जो 2016 में एक याचिका लगाई थी. उस पर अपना निर्णय देते हुए अधिनियम 2010 की संख्या 9 की धारा 13 और धारा 1 और 2 के अधीन दंडनीय अपराध अधिनियम में संज्ञेय अपराध के रूप में उप बंधित नहीं किए जाने की बात लिखी थी. इसीलिए उस अधिनियम के अधीन अपराधियों को संज्ञेय और अजमानतीय बनाने के उद्देश्य से अधिनियम की वर्तमान धारा 27 और 28 के बीच एक नई धारा 27 क संशोधन के जरिए जोड़ी है.
दिलावर से हुई नोक-झोंक, डोटासरा का बड़ा कटाक्ष...
सदन में जब मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा जवाब दे रहे थे तब भाजपा विधायक मदन दिलावर ने खड़े होकर महाराणा प्रताप की भूमि पर अतिक्रमण की बात कही. हालांकि सभापति ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी, लेकिन वे बोलते रहे. इस बीच मंत्री ने भी बोलना चाहा लेकिन सभापति ने उन्हें विषय पर बोलने की ही बात कहकर चुप करा दिया. हालांकि इस बीच मंत्री गोविंद डोटासरा ने यह जरूर कह दिया कि राजस्थान विधानसभा में अच्छी डिस्पेंसरी भी है जहां इलाज होते हैं. डोटासरा का यह कटाक्ष दिलावर पर ही था.