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भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व भाई दूज आज, जानिए यमराज से उनकी बहन ने क्या लिया वचन? - Rajasthan news

16 नवंबर को भाई दूज का त्योहार है. आज बहनें भाई की पूजा कर उनके लंबे उम्र की कामना करेंगी. कहा जाता है कि यमराज से उनकी बहन यमी ने वरदान लिया था, तब से भाई दूज का पर्व बहनें मनाती आ रही हैं.

भाई दूज 2020, Rajasthan news
भाई दूज आज
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Published : Nov 16, 2020, 10:13 AM IST

जयपुर. यम दिव्तीया यानी भाई दूज का पर्व सोमवार को है. भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मनाने के उद्देश्य से भाई दूज शुभ मुहूर्त में ये पर्व मनाया जाएगा. बहन अपने भाई को तिलक कर उनकी सफलता, मनोकामना पूर्ति की कामना करेंगी.

भाई दूज आज

भाई दूज पर सजी हुई थाली में बहने अपने आंचल में खुशियां भरकर भाई के संग कुछ स्वप्न सुहाने लेकर इस पर्व को मनाती है. साथ ही भाईदूज पर भाई भी अपनी बहनों को खूबसूरत तोहफे देते है. ज्योतिषाचार्य डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि भाई दूज का महत्व यम और यमी से है. एक बार यमराज अपनी बहन यमी यानी यमनादेवी के घर गए थे. जहां उन्होंने अपनी बहन के हाथ का स्वादिष्ट भोजन किया, जिससे यमराज बहुत प्रसन्न हुए. उसके बाद जब यमराज जाने लगे तब यमी ने उनके ललाट पर तिलक लगाया.

यह भी पढ़ें. Special: 60 साल की उम्र के बाद महिला ने किया अपना सपना पूरा, 100 मेडल के बाद भी 'Not Out'

तब यमराज ने यमी से कहा, आप मांगों कुछ भी तब यमी ने कहा यदि आप कुछ देना भी चाहते हो तो सिर्फ एक वरदान दीजिए कि आज के दिन जो बहन अपने भाई को इस प्रकार तिलक लगाएं और उसकी अकाल मृत्यु ना हो ये वचन दीजिए. तब से लेकर आज तक परंपरा अनुसार सुहागिन बहन अपने घर पर भाई को बुलाती है और अपने हाथों से बना हुआ खाना खिलाकर तिलक करती है. साथ ही भाई की सेहत, सफलता और मनोकामना पूर्ति की कामना करती है.

जयपुर. यम दिव्तीया यानी भाई दूज का पर्व सोमवार को है. भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मनाने के उद्देश्य से भाई दूज शुभ मुहूर्त में ये पर्व मनाया जाएगा. बहन अपने भाई को तिलक कर उनकी सफलता, मनोकामना पूर्ति की कामना करेंगी.

भाई दूज आज

भाई दूज पर सजी हुई थाली में बहने अपने आंचल में खुशियां भरकर भाई के संग कुछ स्वप्न सुहाने लेकर इस पर्व को मनाती है. साथ ही भाईदूज पर भाई भी अपनी बहनों को खूबसूरत तोहफे देते है. ज्योतिषाचार्य डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि भाई दूज का महत्व यम और यमी से है. एक बार यमराज अपनी बहन यमी यानी यमनादेवी के घर गए थे. जहां उन्होंने अपनी बहन के हाथ का स्वादिष्ट भोजन किया, जिससे यमराज बहुत प्रसन्न हुए. उसके बाद जब यमराज जाने लगे तब यमी ने उनके ललाट पर तिलक लगाया.

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तब यमराज ने यमी से कहा, आप मांगों कुछ भी तब यमी ने कहा यदि आप कुछ देना भी चाहते हो तो सिर्फ एक वरदान दीजिए कि आज के दिन जो बहन अपने भाई को इस प्रकार तिलक लगाएं और उसकी अकाल मृत्यु ना हो ये वचन दीजिए. तब से लेकर आज तक परंपरा अनुसार सुहागिन बहन अपने घर पर भाई को बुलाती है और अपने हाथों से बना हुआ खाना खिलाकर तिलक करती है. साथ ही भाई की सेहत, सफलता और मनोकामना पूर्ति की कामना करती है.

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