ETV Bharat / city

पायलट कैंप के MLA और स्पीकर जोशी के बीच तीखी नोकझोंक...स्पीकर ने कहा- 'सदन नियम से चलेगा, किसी को आपत्ति है तो पद से हटा दे' - speaker cp Joshi

राजस्थान विधानसभा में आज बुधवार को पायलट कैंप के विधायक रमेश मीणा और स्पीकर सीपी जोशी के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. मीणा सवाल पूछने खड़े हुए तो सीट पर माइक नहीं था. इस पर उन्होंने नाराजगी जताई, जिसके बाद ये वाकया सामने आया. इस दौरान स्पीकर ने कहा कि जब तक मैं अध्यक्ष हूं, सदन नियम-कायदों से चलेगा. किसी को मुझसे आपत्ति है तो मुझे अध्यक्ष पद से हटा दे.

tight note between pilot camp mla ramesh meena and speaker cp Joshi
रमेश मीणा और स्पीकर सीपी जोशी के बीच तीखी नोकझोंक
author img

By

Published : Mar 10, 2021, 2:36 PM IST

Updated : Mar 10, 2021, 3:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज पूर्व मंत्री रहे रमेश मीणा और स्पीकर सीपी जोशी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. दरअसल, विवाद इस बात पर हुआ कि जब रमेश मीणा सवाल को बोलने के लिए खड़े हुए तो उनकी सीट पर माइक नहीं था. इस पर उन्होंने आपत्ति जताई और स्पीकर ने जब उनको यह कहा कि आप पीछे वाली सीट पर जाकर बोल दीजिए तो इस पर स्पीकर सीपी जोशी और रमेश मीणा में जमकर तकरार हुई.

राजस्थान विधानसभा में तीखी नोकझोंक, पार्ट-1

इसी का सीपी जोशी ने कहा कि सदन आपकी इच्छा से नहीं चलेगी. सदन स्पीकर की इच्छा से चलेगा, तो रमेश मीणा ने भी गुस्से में कह दिया कि जानबूझकर उन्हें ऐसी सीट पर बैठाया गया, जहां पर माइक नहीं है. नाराज सीपी जोशी ने रमेश मीणा को सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद जब प्रश्नकाल समाप्त हुआ तो स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मुझे बहुत खेद है और मुझे बहुत हर्ट फील हो रहा है कि माननीय सदस्य नियम और कायदों का पालन नहीं कर रहे हैं. कोविड-19 के बाद सबको मालूम है कि हमने बैठने की व्यवस्था इस तरीके से की कि सभी सदस्य हाउस में आकर बैठ सके. हमने कोरोना के चलते एडिशनल व्यवस्था की, जहां माइक की व्यवस्था नहीं है वह सदस्य पीछे जाकर बोल सकते हैं. यह सब पार्टियों को पता है कि बैठने की व्यवस्था अध्यक्ष नहीं करता है यह एक गलत इंप्रेशन दिया जा रहा है. बैठने की व्यवस्था पार्टी के चीफ व्हिप करते हैं मैंने किसी के बैठने की व्यवस्था नहीं की. कुछ सीटों पर, क्योंकि माइक नहीं है ऐसे में हमने व्यवस्था की है कि सदस्य जहां माइक नहीं है पीछे जाकर बोल दें और चीफ व्हिप अपने अपने सदस्यों को यह बात बताएंगे.

पढ़ें : 'लेटर बम' के बाद BJP में फिर बवाल, विधायक दल की बैठक में देवनानी बोले- हमें बोलने नहीं दिया जाता

उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि जो वरिष्ठ सदस्य हैं वह अपने चीफ व्हिप की डायरेक्शन भी नहीं मानते. पार्टी के व्हिप की यह जिम्मेदारी बनती है कि सदस्य को इस बारे में अवगत कराया होगा. अगर अवगत नहीं कराया तो इस तरीके से हाउस चलेगा तो मैं उसको टॉलरेट नहीं करूंगा. चाहे कोई नाराज हो या कुछ हो जब मैं प्रतिपक्ष के सीनियर लीडर अनुशासन के मामले में निर्णय लेकर कह सकता हूं तो सरकारी पक्ष की भी जिम्मेदारी है कि वह भी नियम और कायदे का उसी तरीके से पालन करे, जिस तरीके की व्यवस्था बनी है. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि यह खेद का विषय है कि मेरे अध्यक्ष के निर्णय के बाद भी 295 और स्थगन प्रस्ताव सदस्य की भावना को सुनने के लिए मंत्री सदन में बैठे रहेंगे. लेकिन मुझे कहते हुए तकलीफ है कि मंत्री स्थगन प्रस्ताव और 295 के समय हाउस में नहीं होते हैं. हम हाउस की गरिमा नहीं बनाना चाहते हैं, अध्यक्ष की गरिमा नहीं बनाना चाहते हैं तो मुझे कोई तकलीफ नहीं है. आपने मुझे चुना है, आप मुझे हटा दे मुझे कोई तकलीफ नहीं होगी, लेकिन जब तक इस सीट पर मैं हूं तब तक मैं नियमों के अनुसार ही काम करूंगा चाहे कोई नाराज हो जाए. मैं अपेक्षा करूंगा संसदीय सचिव और पार्टी के बीच से कि वह अपने सदस्यों को जानकारी दें कि बैठना कहां है और अगर माइक नहीं है तो वह पीछे जाकर बैठ सकते हैं. लेकिन अध्यक्ष को अगर यह डिक्टेट किया जाए कि मैं यहीं पर प्रश्न पूछ लूंगा तो मैं इस व्यवस्था को बर्दाश्त नहीं करूंगा.

राजस्थान विधानसभा में तीखी नोकझोंक, पार्ट-2

ऐसे में मुझे कठिन निर्णय लेने पड़ेंगे अगर कठिन निर्णय पसंद नहीं है तो आप मुझे अध्यक्ष पद से हटा दें. हम सदन की गरिमा को गिराना चाहते हैं तो संसदीय लोकतंत्र में लोगों का विश्वास घट जाएगा ऐसे में हम जन समस्याओं का निवारण नहीं कर सकेंगे. यह पार्लिमेंट डेमोक्रेसी में होता है मैं कोई पुलिस का थानेदार नहीं जो वारंट निकालकर लोगों को डिसिप्लिन समझूंगा. जिस तरीके की दुर्भाग्य की बात आज हुई है वह भविष्य में दोबारा नहीं हो अगर किसी को नहीं पता है. नियम कायदे तो इस किताब को पढ़ें. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मैं लिबरल भी हूं लिखा हुआ है कि प्रश्न एक बार आ गया तो दोबारा नहीं आए, लेकिन मैं फिर भी प्रश्न की गंभीरता के चलते उसे दोबारा अलाउ कर देता हूं. जोशी ने दुख जताया कि अब सदन में कानून नहीं बन रहे हैं कानूनों की संख्या कम हो गयी हैं. पक्ष और विपक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि जनता की समस्याओं का निराकरण करें. यही मेरा प्रयत्न है मैं. स्पीकर एक्टिविज्म में विश्वास करता हूं, जब मैं प्रश्न करता हूं तो मंत्री नाराज होते हैं. उन्होंने मंत्री बीडी कल्ला का नाम लेते हुए कहा कि आप सीनियर हैं, लेकिन 172 करोड़ की स्कीम अगर 332 करोड़ रुपए लग जाए और फिर भी कंप्लीट ना हो तो हमें निश्चित तौर पर सोचना चाहिए. ना हम कमेटी का ध्यान रखते हैं सीएजी की रिपोर्ट पढ़ें एक विभाग में एक्सेस ग्रांट हो रही है, क्या हमने आज तक किसी ब्यूरोक्रेट को यह बताया कि एक्सेस ग्रांट आपके विभाग में क्यों जा रही है. उसका प्रमोशन हो रहा है.

सीपी जोशी ने आगे कहा कि हम मिलकर राजस्थान के पैसे का सदुपयोग करें और सब मिलकर राजस्थान को आगे बढ़ाने का काम करें इसी का प्लेटफार्म यह विधानसभा है. इसलिए मुझे कठिन निर्णय लेते हैं. मेरे मिलने वाले सदस्यों को भी मुझे नाराज करना पड़ता है और जो जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं उनको भी मैं कहना चाहता हूं कि मेरी जिम्मेदारी नहीं है. सदस्यों को डिसिप्लिन करने की, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है यह काम मुझे करने पड़ रहे हैं. अगर मुझ में आपको विश्वास है आप ने सर्वसम्मति से मुझे बनाया अगर आप मुझपर विश्वास नहीं है तो आप मुझे कहे कि हम अध्यक्ष पद के लिए नया आदमी चुनते हैं तो भी मुझे खुशी होगी. लेकिन जब तक मैं अध्यक्ष पद पर हूं तब तक यह काम करूंगा. उन्होंने कहा कि रमेश मीणा पहली बार मेंबर नहीं है तीसरी बार मेंबर है मिनिस्टर रहे है उनको यह मालूम है कि बैठने की व्यवस्था अध्यक्ष नहीं करता उनको मालूम है कि कोविड-19 व्यवस्था की है. कुछ सदस्य वहां बैठे हैं जहां कभी बैठने की व्यवस्था नहीं होती है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज पूर्व मंत्री रहे रमेश मीणा और स्पीकर सीपी जोशी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. दरअसल, विवाद इस बात पर हुआ कि जब रमेश मीणा सवाल को बोलने के लिए खड़े हुए तो उनकी सीट पर माइक नहीं था. इस पर उन्होंने आपत्ति जताई और स्पीकर ने जब उनको यह कहा कि आप पीछे वाली सीट पर जाकर बोल दीजिए तो इस पर स्पीकर सीपी जोशी और रमेश मीणा में जमकर तकरार हुई.

राजस्थान विधानसभा में तीखी नोकझोंक, पार्ट-1

इसी का सीपी जोशी ने कहा कि सदन आपकी इच्छा से नहीं चलेगी. सदन स्पीकर की इच्छा से चलेगा, तो रमेश मीणा ने भी गुस्से में कह दिया कि जानबूझकर उन्हें ऐसी सीट पर बैठाया गया, जहां पर माइक नहीं है. नाराज सीपी जोशी ने रमेश मीणा को सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद जब प्रश्नकाल समाप्त हुआ तो स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मुझे बहुत खेद है और मुझे बहुत हर्ट फील हो रहा है कि माननीय सदस्य नियम और कायदों का पालन नहीं कर रहे हैं. कोविड-19 के बाद सबको मालूम है कि हमने बैठने की व्यवस्था इस तरीके से की कि सभी सदस्य हाउस में आकर बैठ सके. हमने कोरोना के चलते एडिशनल व्यवस्था की, जहां माइक की व्यवस्था नहीं है वह सदस्य पीछे जाकर बोल सकते हैं. यह सब पार्टियों को पता है कि बैठने की व्यवस्था अध्यक्ष नहीं करता है यह एक गलत इंप्रेशन दिया जा रहा है. बैठने की व्यवस्था पार्टी के चीफ व्हिप करते हैं मैंने किसी के बैठने की व्यवस्था नहीं की. कुछ सीटों पर, क्योंकि माइक नहीं है ऐसे में हमने व्यवस्था की है कि सदस्य जहां माइक नहीं है पीछे जाकर बोल दें और चीफ व्हिप अपने अपने सदस्यों को यह बात बताएंगे.

पढ़ें : 'लेटर बम' के बाद BJP में फिर बवाल, विधायक दल की बैठक में देवनानी बोले- हमें बोलने नहीं दिया जाता

उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि जो वरिष्ठ सदस्य हैं वह अपने चीफ व्हिप की डायरेक्शन भी नहीं मानते. पार्टी के व्हिप की यह जिम्मेदारी बनती है कि सदस्य को इस बारे में अवगत कराया होगा. अगर अवगत नहीं कराया तो इस तरीके से हाउस चलेगा तो मैं उसको टॉलरेट नहीं करूंगा. चाहे कोई नाराज हो या कुछ हो जब मैं प्रतिपक्ष के सीनियर लीडर अनुशासन के मामले में निर्णय लेकर कह सकता हूं तो सरकारी पक्ष की भी जिम्मेदारी है कि वह भी नियम और कायदे का उसी तरीके से पालन करे, जिस तरीके की व्यवस्था बनी है. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि यह खेद का विषय है कि मेरे अध्यक्ष के निर्णय के बाद भी 295 और स्थगन प्रस्ताव सदस्य की भावना को सुनने के लिए मंत्री सदन में बैठे रहेंगे. लेकिन मुझे कहते हुए तकलीफ है कि मंत्री स्थगन प्रस्ताव और 295 के समय हाउस में नहीं होते हैं. हम हाउस की गरिमा नहीं बनाना चाहते हैं, अध्यक्ष की गरिमा नहीं बनाना चाहते हैं तो मुझे कोई तकलीफ नहीं है. आपने मुझे चुना है, आप मुझे हटा दे मुझे कोई तकलीफ नहीं होगी, लेकिन जब तक इस सीट पर मैं हूं तब तक मैं नियमों के अनुसार ही काम करूंगा चाहे कोई नाराज हो जाए. मैं अपेक्षा करूंगा संसदीय सचिव और पार्टी के बीच से कि वह अपने सदस्यों को जानकारी दें कि बैठना कहां है और अगर माइक नहीं है तो वह पीछे जाकर बैठ सकते हैं. लेकिन अध्यक्ष को अगर यह डिक्टेट किया जाए कि मैं यहीं पर प्रश्न पूछ लूंगा तो मैं इस व्यवस्था को बर्दाश्त नहीं करूंगा.

राजस्थान विधानसभा में तीखी नोकझोंक, पार्ट-2

ऐसे में मुझे कठिन निर्णय लेने पड़ेंगे अगर कठिन निर्णय पसंद नहीं है तो आप मुझे अध्यक्ष पद से हटा दें. हम सदन की गरिमा को गिराना चाहते हैं तो संसदीय लोकतंत्र में लोगों का विश्वास घट जाएगा ऐसे में हम जन समस्याओं का निवारण नहीं कर सकेंगे. यह पार्लिमेंट डेमोक्रेसी में होता है मैं कोई पुलिस का थानेदार नहीं जो वारंट निकालकर लोगों को डिसिप्लिन समझूंगा. जिस तरीके की दुर्भाग्य की बात आज हुई है वह भविष्य में दोबारा नहीं हो अगर किसी को नहीं पता है. नियम कायदे तो इस किताब को पढ़ें. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मैं लिबरल भी हूं लिखा हुआ है कि प्रश्न एक बार आ गया तो दोबारा नहीं आए, लेकिन मैं फिर भी प्रश्न की गंभीरता के चलते उसे दोबारा अलाउ कर देता हूं. जोशी ने दुख जताया कि अब सदन में कानून नहीं बन रहे हैं कानूनों की संख्या कम हो गयी हैं. पक्ष और विपक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि जनता की समस्याओं का निराकरण करें. यही मेरा प्रयत्न है मैं. स्पीकर एक्टिविज्म में विश्वास करता हूं, जब मैं प्रश्न करता हूं तो मंत्री नाराज होते हैं. उन्होंने मंत्री बीडी कल्ला का नाम लेते हुए कहा कि आप सीनियर हैं, लेकिन 172 करोड़ की स्कीम अगर 332 करोड़ रुपए लग जाए और फिर भी कंप्लीट ना हो तो हमें निश्चित तौर पर सोचना चाहिए. ना हम कमेटी का ध्यान रखते हैं सीएजी की रिपोर्ट पढ़ें एक विभाग में एक्सेस ग्रांट हो रही है, क्या हमने आज तक किसी ब्यूरोक्रेट को यह बताया कि एक्सेस ग्रांट आपके विभाग में क्यों जा रही है. उसका प्रमोशन हो रहा है.

सीपी जोशी ने आगे कहा कि हम मिलकर राजस्थान के पैसे का सदुपयोग करें और सब मिलकर राजस्थान को आगे बढ़ाने का काम करें इसी का प्लेटफार्म यह विधानसभा है. इसलिए मुझे कठिन निर्णय लेते हैं. मेरे मिलने वाले सदस्यों को भी मुझे नाराज करना पड़ता है और जो जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं उनको भी मैं कहना चाहता हूं कि मेरी जिम्मेदारी नहीं है. सदस्यों को डिसिप्लिन करने की, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है यह काम मुझे करने पड़ रहे हैं. अगर मुझ में आपको विश्वास है आप ने सर्वसम्मति से मुझे बनाया अगर आप मुझपर विश्वास नहीं है तो आप मुझे कहे कि हम अध्यक्ष पद के लिए नया आदमी चुनते हैं तो भी मुझे खुशी होगी. लेकिन जब तक मैं अध्यक्ष पद पर हूं तब तक यह काम करूंगा. उन्होंने कहा कि रमेश मीणा पहली बार मेंबर नहीं है तीसरी बार मेंबर है मिनिस्टर रहे है उनको यह मालूम है कि बैठने की व्यवस्था अध्यक्ष नहीं करता उनको मालूम है कि कोविड-19 व्यवस्था की है. कुछ सदस्य वहां बैठे हैं जहां कभी बैठने की व्यवस्था नहीं होती है.

Last Updated : Mar 10, 2021, 3:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.