जयपुर. प्रदेश में आर्मी और रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं, आरोपी के खिलाफ हनुमानगढ़ जिले के विभिन्न थानों में ठगी के मामले दर्ज हैं. हनुमानगढ़ पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी. जिसपर जयपुर पश्चिम जिला पुलिस ने आरोपी को उसके ननिहाल से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
बता दें कि पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी हनुमानगढ़ जिले के नोहर थाना क्षेत्र के रायसिंहपुरा गांव का रहने वाला अजय सिंह राठौड़ है. आरोपी कई दिनों से पुलिस से बचकर भाग रहा था. नोहर थाने में राजीनामा करने पहुंचा था, नोहर पुलिस ने छोड़ दिया. जिसके बाद जयपुर पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया.
पुलिस के मुताबिक बेरोजगार युवाओं को अपनी जान-पहचान से आर्मी में नौकरी लगवाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी करने के बाद फरार शातिर ठग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के खिलाफ जयपुर के अलावा हनुमानगढ़ के नोहर, भादरा, गोगामेडी समेत अन्य थानों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं. डीसीपी वेस्ट प्रदीप मोहन शर्मा के मुताबिक ठगी के मामले में आरोपी अजय सिंह राठौड़ को गिरफ्तार किया गया है.
इसके अलावा आरोपी के खिलाफ हरियाणा के हिसार निवासी संदीप कुमार ने सिंधी कैंप थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पीड़ित के मुताबिक आरोपी अजय सिंह राठौड़ और उसकी पत्नी दीपिका ने फर्जी और जाली दस्तावेज बनाकर मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में स्टोर कीपर की नौकरी लगवाने का झांसा देकर करीब 7 लाख 50 हजार रुपये ठग लिए. मामले की जांच सिंधी कैंप थाना अधिकारी गुंजन सोनी के निर्देशन में एएसआई सुरेश कुमार को सौंपी गई.
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जिसके बाद शातिर आरोपी अजय सिंह राठौड़ की तलाश के लिए पुलिस ने उसके कई ठिकानों पर दबिश दी गई, लेकिन आरोपी भागने में कामयाब रहा. पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि अजय सिंह राठौड़ हनुमानगढ़ जिले के नोहर पुलिस थाने में अन्य किसी मामले में राजीनामा करने आया हुआ है. जहां, पुलिस की टीम वहां पर पहुंची तो अजय सिंह को भनक लग गई.
जिसके बाद आरोपी नोहर थाने से भागकर अपने ननिहाल पीलीबंगा हनुमानगढ़ में जाकर छिप गया. जिसके बाद राजधानी जयपुर के सिंधी कैंप थाना पुलिस ने आरोपी को उसके ननिहाल से दबोच लिया. पुलिस के मुताबिक आरोपी बेरोजगार युवाओं को अपनी जान पहचान के आधार पर आर्मी और रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देता है. इसके बाद अलग-अलग किस्तों में नगद या बैंक अकाउंट से लाखों रुपए एक एक बेरोजगार युवा से ले लेता है. फिर उनको फर्जी नियुक्ति पत्र और मेडिकल के लिए कॉल लेटर भेजता है.
वहीं, जब बेरोजगार युवा मेडिकल के लिए बताई हुई जगह पर पहुंचते हैं, तब उनको ठगी का पता चलता है. आरोपी से रुपए वापस करने की बात कहते हैं तो आरोपी जमीन बेचकर रुपए लौटाने का आश्वासन देकर टरकाता रहता है. इसी तरह कई युवाओं से करोड़ों रुपए ठगे गए हैं. फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.