जयपुर. जयपुर की कमिश्नरेट स्पेशल टीम ने वाहन चोरों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए गैंग के सरगना संजय योगी और खरीदार दिलीप गुर्जर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही गैंग में शामिल वाहन चुराने वाले दो बाल अपचारियों को निरुद्ध किया गया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से चुराए गए 8 दुपहिया वाहन भी बरामद किए हैं.
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने जयपुर और आसपास के जिलों से 2 दर्जन से अधिक दुपहिया वाहन चुराने की बात कबूल की है. फिलहाल पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों से पूछताछ में जुटी है जिसमें अन्य वारदातों का भी खुलासा होने की संभावना है.
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एडिशन डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि शहर में बढ़ती वाहन चोरी की वारदातों को देखते हुए कमिश्नरेट स्पेशल टीम ने मुखबिर तंत्र से सूचना एकत्रित करने के बाद वाहन चुराने वाली गैंग के सरगना संजय योगी को गिरफ्तार किया. इसके बाद आरोपी की निशानदेही पर चोरी के वाहन खरीदने वाले दिलीप गुर्जर और गैंग में शामिल विजय मीणा को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों की निशानदेही पर चुराए गए 8 दोपहिया वाहन बरामद किए गए और साथ ही दो बाल अपचारियों को निरुद्ध किया गया.
9वीं पास संजय योगी ने बनाई गैंग और देने लगा वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम
गैंग का सरगना संजय योगी नवी कक्षा तक पढ़ा लिखा है जो पूर्व में अंबाबाड़ी में फल बेचने का काम किया करता था. आरोपी ने गैंग में दो बाल अपचारियों को शामिल किया और दोपहिया वाहन चुराने की वारदातों को अंजाम देने लगा. गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर संजय योगी ने जयपुर के अलावा दौसा, अलवर और करौली से दोपहिया वाहन चुराना शुरू कर दिया. इसके बाद चुराए गए वहानों को दिलीप गुर्जर को प्रति वाहन 2 से 6 हजार रुपए में बेचना शुरू कर दिया.
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गिरफ्त में आए आरोपियों ने पूछताछ में यह बात बताई है कि वह वाहन चुराने के लिए भीड़ भाड़ वाले स्थान को चुना करते हैं. जैसे ही कोई व्यक्ति अपना वाहन खड़ा करके कहीं जाता और 5 मिनट तक वापस नहीं आता तब गैंग के सदस्य मास्टर-की से उस व्यक्ति के वाहन का लॉक खोल कर गाड़ी लेकर फरार हो जाते हैं. वाहन चुराने के बाद जयपुर के आस-पास के गांव में ले जाकर चुराए गए वाहन की नंबर प्लेट बदल कर उसे आगे बेच देते हैं.