जयपुर. फाल्गुन मास की द्वितीय तिथि को आज स्वयंसिद्ध मुहूर्त में हजारों जोड़े का पाणिग्रहण संस्कार होगा. ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त में चंद्रमा, लग्न, वार व अन्य कुयोग स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं. इन मुहूर्तों में कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ फलदाई होता है.
शादी के अलावा फुलेरा दूज के दिन नामकरण, पूजन, हवन जैसे मांगलिक कार्य भी कर सकते हैं. वहीं, इस दिन किसी ज्योतिषी के परामर्श के बगैर भी अबूझ मुहूर्त में विवाह आदि मांगलिक कार्य कर सकते हैं. अबूझ मुहूर्त किसी भी प्रकार के हानिकारक प्रभाव और दोषों से रहित माना जाता है.
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आपको बता दे कि इस वर्ष शादी के मुहूर्त बेहद कम है और साल 2021 में सिर्फ 51 सावे ही है. अगर अबूझ मुहूर्त को छोड़ दिया जाए तो अप्रैल से पहले फिलहाल कोई मुहूर्त नहीं है. इस कारण लोगों को शादी ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं, फुलेरा दूज के बाद 21 अप्रैल को रामवमी का ही अबूझ मुहूर्त रहेगा. इस बीच कोई मुहूर्त नहीं बनता है.