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जयपुर: साल में एक बार महाशिवरात्रि पर खुलने वाले इस मंदिर के कपाट कल रहेंगे बंद, भक्त हुए मायूस - Mahashivaratri

जयपुर में छोटी कांशी के मोतीडूंगरी स्थित अपने गौरवशाली इतिहास के लिए जाने जाना वाला शिव मंदिर शंकर गढ़ी के द्वार इस महाशिवरात्रि पर नहीं खुलेंगे. वहीं, इस बार मंदिर के पट नहीं खुलने से भक्तों में काफी निराशा है.

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सीना ताने खड़े शिव मंदिर शंकर गढ़ी के द्वार महाशिवरात्रि पर नहीं खुलेंगे
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Published : Mar 10, 2021, 8:48 PM IST

जयपुर. प्रदेश में छोटी कांशी के मोतीडूंगरी स्थित अपने गौरवशाली इतिहास के लिए सीना ताने खड़े शिव मंदिर शंकर गढ़ी के द्वार इस महाशिवरात्रि पर नहीं खुलेंगे. साल में एक बार महाशिवरात्रि पर खुलने वाले इस मंदिर का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है. लेकिन इस बार मंदिर के पट नहीं खुलने से भक्तों में काफी निराशा है.

दरअसल शंकर गढ़ी मंदिर जयपुर की स्थापना से भी पहले बनाया गया है. मंदिर में सिर्फ भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान है. इस मंदिर में सिर्फ भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान है. इसके अलावा इस मंदिर के द्वार सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन ही खुलने से श्रद्धालुओं में विशेष आकर्षण होता है.

जहां भक्त एक किलोमीटर की पहाड़ी पर चढ़ाई कर कई घण्टों तक लाइन में लगकर भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन इस महाशिवरात्रि बम-बम भोले की गूंज सुनाई नहीं देगी. वहीं एकलिंगेश्वर महादेव के बारे में यह भी कहा जाता है कि पहले शिव के साथ शिव परिवार की स्थापना की गई, लेकिन कुछ समय बाद उनकी प्रतिमाएं गायब हो गई. इस घटना के बाद किसी ने फिर मूर्तियों को स्थापित करने का साहस नहीं किया. इसलिए साल में सिर्फ एक बार इस मंदिर के पट खोले जाते हैं.

पढ़ें: आदिवासियों के लिए अलग से धर्म कोड बनाने की मांग पूरी नहीं की गई तो हम आदिवासी राज्य बनाने की मांग करेंगे: गणेश घोघरा

जहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को काफी दुर्गम यात्रा भी तय करनी होती है. वहीं फोटो और वीडियो भी मंदिर के गर्भगृह के खींचना यहां मना है और मीडिया की भी एंट्री बाहर तक ही है. इस मंदिर की दीवारे जहां गुलाबीनगर के इतिहास की अनेक गाथाएं छुपाएं हैं. वहीं वर्ष में एकबार भक्त इसके कपाट खुलने की प्रतीक्षा करते हैं, लेकिन इस बार भक्त काफी मायूस हैं.

जयपुर. प्रदेश में छोटी कांशी के मोतीडूंगरी स्थित अपने गौरवशाली इतिहास के लिए सीना ताने खड़े शिव मंदिर शंकर गढ़ी के द्वार इस महाशिवरात्रि पर नहीं खुलेंगे. साल में एक बार महाशिवरात्रि पर खुलने वाले इस मंदिर का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है. लेकिन इस बार मंदिर के पट नहीं खुलने से भक्तों में काफी निराशा है.

दरअसल शंकर गढ़ी मंदिर जयपुर की स्थापना से भी पहले बनाया गया है. मंदिर में सिर्फ भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान है. इस मंदिर में सिर्फ भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान है. इसके अलावा इस मंदिर के द्वार सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन ही खुलने से श्रद्धालुओं में विशेष आकर्षण होता है.

जहां भक्त एक किलोमीटर की पहाड़ी पर चढ़ाई कर कई घण्टों तक लाइन में लगकर भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन इस महाशिवरात्रि बम-बम भोले की गूंज सुनाई नहीं देगी. वहीं एकलिंगेश्वर महादेव के बारे में यह भी कहा जाता है कि पहले शिव के साथ शिव परिवार की स्थापना की गई, लेकिन कुछ समय बाद उनकी प्रतिमाएं गायब हो गई. इस घटना के बाद किसी ने फिर मूर्तियों को स्थापित करने का साहस नहीं किया. इसलिए साल में सिर्फ एक बार इस मंदिर के पट खोले जाते हैं.

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जहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को काफी दुर्गम यात्रा भी तय करनी होती है. वहीं फोटो और वीडियो भी मंदिर के गर्भगृह के खींचना यहां मना है और मीडिया की भी एंट्री बाहर तक ही है. इस मंदिर की दीवारे जहां गुलाबीनगर के इतिहास की अनेक गाथाएं छुपाएं हैं. वहीं वर्ष में एकबार भक्त इसके कपाट खुलने की प्रतीक्षा करते हैं, लेकिन इस बार भक्त काफी मायूस हैं.

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