जयपुर. धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद अब समीक्षा का दौर शुरू हो गया है. इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने धरियावद सीट पर भाजपा की हार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. पूनिया ने स्वीकार किया कि केंद्रीय नीतिगत निर्णय के चलते धरियावद में पार्टी संभावित जिताऊ उम्मीदवार को टिकट नहीं दे पाई.
धरियावद विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी खेत सिंह मीणा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे. इस करारी हार के बाद प्रदेश नेतृत्व की कार्यशैली और चुनावी प्रबंधन पर भी सवाल उठने लगे थे. हालांकि अब खुलासा हुआ है कि प्रदेश नेतृत्व ने जिस जिताऊ उम्मीदवार को टिकट देने का आग्रह किया था, केंद्र के एक नीतिगत निर्णय के चलते उसे टिकट नहीं मिल पाया. संभवता वो उम्मीदवार इस सीट पर दिवंगत विधायक गौतम लाल मीणा के पुत्र कन्हैयालाल मीणा थे, जिनको टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा था.
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प्रदेश भाजपा के स्थानीय फीडबैक और सर्वे में भी कन्हैया लाल मीणा को इस सीट पर जीत का प्रबल दावेदार माना गया था, लेकिन केंद्रीय स्तर पर यह निर्णय हुआ था कि पार्टी दिवंगत विधायक के परिवार में से किसी को टिकट नहीं देगी और ना ही परिवारवाद को बढ़ावा देगी. इसी नीतिगत निर्णय के चलते कन्हैयालाल मीणा को टिकट नहीं मिल पाया. पूनिया का बयान भी इसी ओर इशारा कर रहा है. आपको बता दें कि वल्लभनगर उपचुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और पार्टी प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की जमानत भी जप्त हो गई.
शायद इसीलिए फिसली थी पूनिया की जुबान
पिछले दिनों पूनिया ने अपने जन्मदिन पर एक बयान दिया था. इस दौरान उनकी जुबान फिसल गई थी. तब उन्होंने धरियावद भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा को बता दिया था जबकि पार्टी ने खेत सिंह मीणा को प्रत्याशी बनाया था. संभवता प्रदेश इकाई ने जिताऊ उम्मीदवार के रूप में कन्हैया लाल मीणा के नाम पर ही एक राय बनाई थी लेकिन टिकट खेत सिंह को मिल गया और पूनिया के बयान में भी शायद इसीके चलते कन्हैया लाल के नाम का जिक्र रहा.
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हार वाली सीट पर अतिरिक्त कार्य करने की है जरूरत-पूनिया
पूनिया ने कहा कि इन दोनों ही उपचुनाव क्षेत्रों में स्थानीय समीकरण व मुद्दे हावी रहे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि साल 2013 में जब भाजपा की प्रचंड लहर थी तब भी वल्लभनगर में भाजपा प्रत्याशी को करीब 21000 वोट ही आए थे. यही कारण है कि उपचुनाव में जो नतीजे आए हैं उसके बाद हमें इन दोनों ही सीटों पर अतिरिक्त कार्य करने की जरूरत है.