जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रदेश का बजट पेश होने के बाद गुरुवार से सदन के भीतर इस पर सामान्य वाद-विवाद यानी बहस का दौर शुरू हुआ. इसकी शुरुआत प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के संबोधन से हुई. राठौड़ ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जादूगर बताते हुए कहा कि जादूगर के इंद्रजाल और माया जाल में यह बजट झूठ का पुलिंदा है.
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राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 26 महीने पुरानी सरकार ने अपना तीसरा बजट पवित्र सदन में पेश किया और 145 मिनट तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पानी पी पीकर बोले. लेकिन 306 अलग-अलग पैरों में पढ़ा गया यह बजट भाषण उबाऊ थकाऊ और पूरी तरह कपोल कल्पित घोषणाओं से भरपूर था.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जब मुख्यमंत्री यह उबाऊ बजट भाषण पढ़ रहे थे, तब सदन में मौजूद कई सदस्य तो निद्रा के आगोश में जाने लगे थे. उनको जगाने के लिए बार-बार मुख्यमंत्री मेज थपथपा रहे थे. किसी भी बजट का आधार उस राज्य की रेवेन्यू रिसिप्ट होती है, लेकिन प्रदेश में रेवेन्यू है ही नहीं क्योंकि राजस्थान आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रहा है और ठेकेदारों को भी समय पर भुगतान नहीं हो रहा.
राठौड़ ने कहा कि आज देश भर में राजस्थान सबसे अधिक कर्ज में दबे हुए राज्यों में शुमार है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जब बजट भाषण पढ़ रहे थे तो आप सब लोग मेज थपथपा रहे थे, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब आप लोग जनता के बीच जाएंगे तब आपको अपनी छाती कूटना पड़ेगी.
संयम लोढ़ा और शांति धारीवाल के बीच नोकझोंक
राजेंद्र राठौड़ के संबोधन के दौरान सदन में मौजूद निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बीच तीखी नोकझोंक हुई. राठौड़ जब बोल रहे थे तब संयम लोढ़ा ने उठकर जीएसटी कंपनसेशन से जुड़ा सवाल पूछ लिया और यह भी कहा कि आप केंद्र से राज्य को भरपूर मदद मिलने की बात कहते हो तो यह भी बता दो कि जीएसटी में कमी क्यों हुई.
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वहीं, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने इस दौरान राठौड़ को कहा कि आप जो आंकड़े प्रस्तुत कर रहे हो और छुपाकर किए गए हैं. धारीवाल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने करोड़ों का टांका प्रदेश सरकार पर लगा दिया है. इस बीच राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आप जीएसटी काउंसिल की बैठक में शामिल होते हो तो चुप्पी साध लेते हो वहां तो आपकी जुबान नहीं खुलती.
राठौड़ ने कहा कि आप राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के वैट की दरें काम नहीं कर रहे जो कि देशभर में सर्वाधिक है. इस पर सदन में हंगामा भी हुआ. इसके बाद राजेंद्र राठौड़ ने व्यंगात्मक रूप से कहा कि सभापति जी यह मुझे धमका रहे हैं आप संरक्षण दें.