जयपुर. चार साल से तबादले नहीं होने के कारण प्रदेश के तृतीय श्रेणी शिक्षकों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है. हजारों शिक्षक गृह जिलों से दूर अन्य जिलों में काम करने को मजबूर हैं. तबादला नीति को लेकर भी शिक्षकों में असमंजस की स्थिति है. इससे नाराज होकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने सोमवार को जयपुर में सरकार के खिलाफ हल्ला (Third grade teachers protest in Jaipur) बोला.
जयपुर के शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने तबादला नहीं होने के कारण सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. प्रदेश भर के शिक्षक इसमें शामिल भी हुए. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री बीड़ी कल्ला तबादला नीति को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहे. उनकी बयानबाजी से तृतीय श्रेणी शिक्षकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राजस्थान शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आरसी जाखड़ ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से शिक्षा मंत्री बीड़ी कल्ला तबादलों को लेकर ढुलमुल रवैया अपनाए हुए हैं. वह तबादला नीति को स्पष्ट नहीं कर रहे हैं और ना ही कैबिनेट के सामने रख रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी इस बारे में पूरी जानकारी है. हमारी उनसे भी मांग है कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले जल्द से जल्द किए (Third grade teachers protest for transfers) जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार अन्य श्रेणी के शिक्षकों का तबादला कर तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है.
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कर्मचारी संगठन महासंघ एकीकृत ने भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों के इस हल्ला बोल कार्यक्रम को अपना समर्थन दिया. महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि लंबे समय से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हो रहे और वे अपने गृह जिले से 400 से 500 किलोमीटर दूर ड्यूटी करने को मजबूर हैं. सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों से आवेदन भी मांगे थे और उन आवेदनों को सरकार ने निरस्त कर दिया है. उन्होंने मांग कि है कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के उनके गृह जिले के पास तबादले किए जाएं. उन्होंने कहा कि हाल ही में रीट में पास हुए 15 हजार शिक्षकों को सरकार नियुक्ति देने की तैयारी कर रही है. हमारी मांग है कि उनकी नियुक्ति देने से पहले सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले करें ताकि इनके साथ न्याय हो सके.