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Jaipur News: संरक्षित स्मारक भी नहीं सुरक्षित, प्राचीन मथुरा पोल गेट के सामने बिछी जाली उखाड़ ले गए चोर

जयपुर में चोरों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. संरक्षित स्मारक में शामिल प्राचीन मथुरा पोल गेट (Theft incident in Mathura pole gate) के रास्ते में बिछी मोटे सरिये की जाली को चोर उखाड़ ले गए. घटना नववर्ष की रात की बताई जा रही है. रास्ते में सरिए की जाली चोरी होने से लोगों और वाहनों का आवागमन बंद हो गया. घटना को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है.

Thieves stole forged of ancient Mathura pole gate
जयपुर के प्राचीन मथुरा पोल गेट के सामने बिछी जाली उखाड़ ले गए चोर
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Published : Jan 2, 2022, 3:52 PM IST

Updated : Jan 2, 2022, 5:59 PM IST

जयपुर. राजधानी में नववर्ष की रात्रि को चोर संरक्षित स्मारक में शामिल प्राचीन मथुरा पोल गेट (Thieves stole forged of ancient Mathura pole gate) के रास्ते में बिछी मोटे सरियों की जाली को जेसीबी मशीन की मदद से उखाड़ कर ले गए. चोरी के बाद से रास्ते पर लोगों और वाहनों का आवागमन बंद हो गया. जिसके कारण लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है. पूर्व में भी गेट के पास लगी कई लाइटों चोरों अपना निशाना बना चुके हैं.

नगर निगम की ओर से वर्ष 2005-06 में मथुरापोल गेट पर करीब 60 लाख रुपये की लागत से विकास कार्य किए गए थे. मथुरा पोल गेट के पास रंगमंच बनाया गया था और काफी लाइटिंग लगाकर जगह को विकसित किया गया था, लेकिन सार संभाल नहीं होने से पहले तो सारी लाइटें चोरी हो गई और अब गेट के रास्ते पर लगी मोटे सरिए की जाली भी चोरी हो गई.

जयपुर के प्राचीन मथुरा गेट के सामने बिछी जाली ले गए चोर

इस तरह सरकारी संपत्तियों की चोरी होने से लगता है कि सरकारी संपत्ति का कोई धरी-धोरी नहीं है. चोरी की घटना के बाद से लोगों का आवागमन पूरी तरह बंद हो चुका है. वारदात से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. लोगों का कहना है कि मथुरा पोलगेट को नगर निगम की ओर से लाखों रुपए खर्च करके विकसित किया गया था. यहां पर लाइटें लगाई गई थी, लेकिन देखरेख नहीं होने की वजह से लाइटें चोरी हो गई और अब लोहे की जाली भी चोरी हो गई.

पढ़ें.Vehicle Thief Gang in jaipur : जयपुर में चोरों के हौसले बुलंद, साल के पहले ही दिन चुराए 19 वाहन...

गेट के आसपास लाइटें नहीं होने से रात के समय अंधेरा रहता है. यहां पर असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है. अंधेरा होने के साथ ही शराबी यहां पर जमावड़ा लगा लेते हैं. ऐसे में महिलाओं का आना-जाना भी दुबर हो रहा है. इस रास्ते पर अंधेरे का फायदा उठाकर कई चोरी की वारदातें भी हो रही हैं. पहले राह चलते एक व्यक्ति का मोबाइल फोन भी चोरों ने छीन लिया था, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

नगर निगम के पूर्व चेयरमैन ईश्वर लाल सैनी के कार्यकाल में मथुरा पोल गेट पर कई विकाक कार्य हुए थे. सैनी ने बताया कि वर्ष 2005-06 में नगर निगम की ओर से मोटे लोहे के सरिये की जाली और लाइटें लगवाई गई थी. मथुरा पोल गेट पर रंगमंच भी बनवाया गया था, जिस पर कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे. करीब 50-60 लाख रुपये की लागत से यहां विकास कार्य करवाए गए थे, लेकिन नगर निगम इसको संभाल नहीं पाया. धीरे-धीरे वहां सब उजड़ता जा रहा है.

मथुरा पोल गेट के नीचे पानी के नाले पर मोटे लोहे के सरिए का जाल लगाया गया था, लेकिन चोर जेसीबी मशीन से उखाड़ कर जाल को ले गए. मौके पर जेसीबी मशीन के टायर के निशान देखे गए हैं.

जयपुर. राजधानी में नववर्ष की रात्रि को चोर संरक्षित स्मारक में शामिल प्राचीन मथुरा पोल गेट (Thieves stole forged of ancient Mathura pole gate) के रास्ते में बिछी मोटे सरियों की जाली को जेसीबी मशीन की मदद से उखाड़ कर ले गए. चोरी के बाद से रास्ते पर लोगों और वाहनों का आवागमन बंद हो गया. जिसके कारण लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है. पूर्व में भी गेट के पास लगी कई लाइटों चोरों अपना निशाना बना चुके हैं.

नगर निगम की ओर से वर्ष 2005-06 में मथुरापोल गेट पर करीब 60 लाख रुपये की लागत से विकास कार्य किए गए थे. मथुरा पोल गेट के पास रंगमंच बनाया गया था और काफी लाइटिंग लगाकर जगह को विकसित किया गया था, लेकिन सार संभाल नहीं होने से पहले तो सारी लाइटें चोरी हो गई और अब गेट के रास्ते पर लगी मोटे सरिए की जाली भी चोरी हो गई.

जयपुर के प्राचीन मथुरा गेट के सामने बिछी जाली ले गए चोर

इस तरह सरकारी संपत्तियों की चोरी होने से लगता है कि सरकारी संपत्ति का कोई धरी-धोरी नहीं है. चोरी की घटना के बाद से लोगों का आवागमन पूरी तरह बंद हो चुका है. वारदात से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. लोगों का कहना है कि मथुरा पोलगेट को नगर निगम की ओर से लाखों रुपए खर्च करके विकसित किया गया था. यहां पर लाइटें लगाई गई थी, लेकिन देखरेख नहीं होने की वजह से लाइटें चोरी हो गई और अब लोहे की जाली भी चोरी हो गई.

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गेट के आसपास लाइटें नहीं होने से रात के समय अंधेरा रहता है. यहां पर असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है. अंधेरा होने के साथ ही शराबी यहां पर जमावड़ा लगा लेते हैं. ऐसे में महिलाओं का आना-जाना भी दुबर हो रहा है. इस रास्ते पर अंधेरे का फायदा उठाकर कई चोरी की वारदातें भी हो रही हैं. पहले राह चलते एक व्यक्ति का मोबाइल फोन भी चोरों ने छीन लिया था, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

नगर निगम के पूर्व चेयरमैन ईश्वर लाल सैनी के कार्यकाल में मथुरा पोल गेट पर कई विकाक कार्य हुए थे. सैनी ने बताया कि वर्ष 2005-06 में नगर निगम की ओर से मोटे लोहे के सरिये की जाली और लाइटें लगवाई गई थी. मथुरा पोल गेट पर रंगमंच भी बनवाया गया था, जिस पर कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे. करीब 50-60 लाख रुपये की लागत से यहां विकास कार्य करवाए गए थे, लेकिन नगर निगम इसको संभाल नहीं पाया. धीरे-धीरे वहां सब उजड़ता जा रहा है.

मथुरा पोल गेट के नीचे पानी के नाले पर मोटे लोहे के सरिए का जाल लगाया गया था, लेकिन चोर जेसीबी मशीन से उखाड़ कर जाल को ले गए. मौके पर जेसीबी मशीन के टायर के निशान देखे गए हैं.

Last Updated : Jan 2, 2022, 5:59 PM IST
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