जयपुर. जयपुर के स्थापना दिवस पर एक साथ पूजा करने वाली दोनों निगम की मेयर अवैध डेयरी पर की गई कार्रवाई के चलते अब आमने-सामने हो गई हैं. जहां ग्रेटर मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने अवैध डेयरी को शहर भर की समस्या बताया है. वहीं हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने इसे स्वाभिमान से जोड़ते हुए अब यूडीएच मंत्री से शिकायत करने का मन बना लिया है.
बीते दिनों ग्रेटर नगर निगम मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर की ओर से हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में अवैध डेयरी पर की गई कार्रवाई हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को नागवार गुजरी है. ग्रेटर मेयर की तमाम दलीलों के बावजूद हेरिटेज मेयर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से शिकायत करने का मन बना चुकी है. उन्होंने कहा कि ग्रेटर मेयर अपने क्षेत्र की मर्यादा रखें. हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में उन्हें काम करने दें. ग्रेटर मेयर को उनके मान सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि उस वक्त जितने भी अधिकारी साथ थे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और यूडीएच मंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की जाएगी. या फिर अपनी जवाबदेही दें और यदि अवैध डेयरी बड़ी समस्या है, तो वो अपने क्षेत्र में कार्रवाई की शुरुआत करें, ना कि हेरिटेज निगम क्षेत्र में.
उधर, ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने तर्क दिया कि अभी जयपुर का हेरिटेज और ग्रेटर का बंटवारा पूरी तरह नहीं हुआ है. हेरिटेज निगम का कचरा डिपो ग्रेटर में आ रहा है. सफाई कार्य में लगी प्राइवेट कंपनी को पेमेंट ग्रेटर के द्वारा दिया जा रहा है. यहां तक कि गौशाला भी दोनों निगम की साथ ही है. यही नहीं कई अधिकारी तो ग्रेटर और हेरिटेज में संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं और जहां तक अवैध डेयरी का सवाल है तो कटेवा नगर में ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र से महज 300 मीटर ही आगे है. फिर भी कार्रवाई से पहले कमिश्नर और मेयर दोनों को सूचित किया गया. चूंकि उन गायों से ग्रेटर नगर निगम प्रभावित हो रहा था, ऐसे में संयुक्त रूप से कार्रवाई की जानी थी. लेकिन कार्रवाई रुकना और दुर्भाग्यपूर्ण था. सवालिया निशान भी यही है कि वो कार्रवाई क्यों रुकी.
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उन्होंने कहा कि जयपुर की एकजुटता को बनाए रखने के लिए स्थापना दिवस पर हेरिटेज मेयर को मोती डूंगरी गणेश मंदिर में एक साथ पूजा करने के लिए आमंत्रित किया गया, तो क्या ऐसे विषयों पर एक साथ मिलकर काम नहीं कर सकते.
बहरहाल, कोर्ट की रोक के बावजूद जयपुर शहर के आवासीय इलाकों में अवैध पशु डेयरियां संचालित हो रही हैं, लेकिन इन पर की गई कार्रवाई फिलहाल शहर के जनप्रतिनिधियों के बीच आपसी विवाद का कारण बन गई है.