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अंगदान को लेकर अब भी जागरूकता की कमी, अंगदान से बचाई जा सकती है लोगों की जिंदगी - organ donation in Rajasthan

हाल ही में सवाई मानसिंह अस्पताल में पहला कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया, लेकिन आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अब भी काफी ऐसे मरीज हैं, जिनको ब्रेन डेड मरीज से अंगों की जरूरत है. जागरूकता की कमी के चलते अब भी लोग अंगदान के लिए जागरूक नहीं हैं. इसके लिए स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन यानि सोटो ने 30 ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर भी नियुक्त किए हैं.

organ donation  in Rajasthan, राजस्थान में अंगदान
अंगदान के लिए जागरूकता की कमी
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Published : Jan 19, 2020, 10:12 AM IST

जयपुर. स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) ने जो आंकडे जारी किए हैं, अगर उनकी मानें तो अब भी बड़ी संख्या में लोगों को जीवन के लिए अंगदान की जरूरत है. सोटो के कंसलटेंट डॉक्टर मनीष शर्मा ने बताया, कि उनके ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से करीब 30 ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए हैं. जो ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की काउंसलिंग करते हैं, ताकि उन्हें अंगदान के लिए मनाया जा सके. लेकिन अब भी लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता नहीं है.

अंगदान के लिए जागरूकता की कमी

पढ़ें. जयपुरिया अस्पताल को कॉक्लियर इंप्लांट की सौगात...SMS पर कम होगा मरीजों का दबाव

आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अब भी 320 लोगों को किडनी और दिल की जरूरत है, जिससे उनकी जिंदगी बच सके. ये तो सिर्फ वो आंकड़े हैं, जो रजिस्टर्ड हैं. अगर देश की बात करें तो 5 लाख से ज्यादा मरीजों को अब भी अंग प्रत्यारोपण का इंतजार है.

जयपुर. स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) ने जो आंकडे जारी किए हैं, अगर उनकी मानें तो अब भी बड़ी संख्या में लोगों को जीवन के लिए अंगदान की जरूरत है. सोटो के कंसलटेंट डॉक्टर मनीष शर्मा ने बताया, कि उनके ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से करीब 30 ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए हैं. जो ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की काउंसलिंग करते हैं, ताकि उन्हें अंगदान के लिए मनाया जा सके. लेकिन अब भी लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता नहीं है.

अंगदान के लिए जागरूकता की कमी

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आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अब भी 320 लोगों को किडनी और दिल की जरूरत है, जिससे उनकी जिंदगी बच सके. ये तो सिर्फ वो आंकड़े हैं, जो रजिस्टर्ड हैं. अगर देश की बात करें तो 5 लाख से ज्यादा मरीजों को अब भी अंग प्रत्यारोपण का इंतजार है.

Intro:जयपुर- हाल ही में सवाई मानसिंह अस्पताल में पहला कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया लेकिन अगर आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अभी भी काफी ऐसे मरीज है जिनको ब्रेन डेड मरीज से अंगों की आवश्यकता है लेकिन जागरूकता की कमी के चलते अभी भी लोग अंगदान के प्रति जागरूक नहीं है इसके लिए स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन यानी सोटो ने 30 ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर भी नियुक्त किए हैं


Body:स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को जीवन के लिए अंगदान की जरूरत है स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के कंसलटेंट डॉक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि उनके ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से करीब 30 ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए हैं जो ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की काउंसलिंग करते हैं ताकि उन्हें अंगदान के लिए राजी किया जा सके लेकिन अभी भी लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता नहीं है. आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अभी भी 320 लोगों को किडनी 43 लोगों को लीवर और 21 लोगों को दिल की जरूरत है ताकि उनकी जिंदगी बच सके यह आंकड़े हैं जो रजिस्टर्ड है लेकिन देश की बात करें तो 5 लाख से अधिक मरीजों को अभी भी अंग प्रत्यारोपण का इंतजार है
बाईट- डॉक्टर मनीष शर्मा, कंसलटेंट सोटो


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