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अवैध बजरी खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, राजस्थान सरकार से 4 सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

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Published : Feb 19, 2020, 3:04 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बजरी खनन मामले में राजस्थान सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई करते हुए न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि अवैध रेत खनन के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है, इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. पढ़ें विस्तृत खबर....

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अवैध रेत खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली/जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रेत खनन को लेकर महत्वपूर्ण आदेश दिया है. देश की शीर्ष अदालत ने बुधवार को राजस्थान सरकार और जिला मजिस्ट्रेट और राज्य के प्रत्येक जिले के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि वे अवैध बालू खनन को रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए.

सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन मामले में राजस्थान सरकार से 4 सप्ताह में जवाब भी मांगा है. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई करते हुए न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि अवैध रेत खनन के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है, इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः परिवहन विभाग घूसकांड: खुद को बचाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड के फोन से होती थी डील, एक डायरी में छुपे कई राज

आपको बता दें कि अवैध रेत खनन मामले की सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस एसए बोबडे के अलावा जस्टिस बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं.

इसी पीठ ने जिन्होंने न्यायालय द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CAC) को अवैध रेत खनन मामले की जांच करने और इससे निपटने के कदम सुझााते हुए एक रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है.

नई दिल्ली/जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रेत खनन को लेकर महत्वपूर्ण आदेश दिया है. देश की शीर्ष अदालत ने बुधवार को राजस्थान सरकार और जिला मजिस्ट्रेट और राज्य के प्रत्येक जिले के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि वे अवैध बालू खनन को रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए.

सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन मामले में राजस्थान सरकार से 4 सप्ताह में जवाब भी मांगा है. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई करते हुए न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि अवैध रेत खनन के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है, इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.

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आपको बता दें कि अवैध रेत खनन मामले की सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस एसए बोबडे के अलावा जस्टिस बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं.

इसी पीठ ने जिन्होंने न्यायालय द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CAC) को अवैध रेत खनन मामले की जांच करने और इससे निपटने के कदम सुझााते हुए एक रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है.

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