जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश में धारा 144 लागू है और इस वायरस का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए शहीद स्मारक पर चल रहा धरना आगामी सूचना तक स्थगित कर दिया गया है. इसके लिए पहले आपात बैठक बुलाई गई और बैठक में यह निर्णय लिया गया.
धरना प्रदर्शन करने वाले लोग अब कोरोना वायरस के विषय में लोगों में जागरूकता लाने का काम करेंगे. साथ ही कोरोना के चलते जिन लोगों के काम धंधे बंद हो गए हैं, जो दिहाड़ी मजदूर हैं, या करोना वायरस के कारण बनने वाले हालात से प्रभावित होकर उनके सामने खाने और परिवार को पालने का संकट पैदा हो गया है. उनकी आवश्यकता के अनुसार यथासंभव मदद की जाएगी.
आंदोलन के सदस्य नईम रब्बानी ने बताया कि आज भी 40 बेघर लोगों के बारे में पता चला तो तुरंत उन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया. जन आंदोलन की आपात बैठक के बाद आंदोलन की महिला सदस्यों ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मुलाकात की. आंदोलन के सभी अन्य संगठनों ने एकमत से कोरोना के कारण पैदा हुई आपात स्थिति को देखते हुए फैसला किया है कि संक्रमण की रोकथाम में प्रशासन का पूर्ण सहयोग किया जाएगा.
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कोरोना वायरस एक राष्ट्रीय आपदा है और हमारे प्रदेश में भी यह तेजी से फैल रहा है. इसलिए सीएए, एनसीआर और एनपीआर के विरोध में चल रहा शहीद स्मारक पर चल रहा धरना अगली सूचना तक स्थगित रहेगा. इसके बाद जैसे ही स्थिति ठीक होती है तो आंदोलन बदस्तूर जारी रखा जाएगा और सीएए, एनसीआर और एनपीआर के बारे में मोहल्ले और गांव में जागृति के कार्यक्रम चलाए जाएंगे और साहित्य भी वितरित किया जाएगा.
इस दौरान संयोजक सवाई सिंह, मोहम्मद नाजिमुद्दीन, कविता श्रीवास्तव, निशा सिद्धू, सुमित्रा चोपड़ा, नईम रब्बानी, राहुल चौधरी, वकार अहमद आदि लोग मौजूद रहे. आपको बता दें कि शहीद स्मारक पर धरना शुरू हुआ था तो काफी संख्या में लोग यहां धरना प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन इसके बाद कर्बला में भी धरना शुरू कर दिया गया. जब प्रदेश में धारा 144 लगी उसके बाद से यहां चार महिलाएं ही निरंतर धरना दे रही थी.