जयपुर. राजधानी में CAA, NPR और NRC के विरोध में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को पांचवे दिन भी जारी है. शहीद स्मारक पर चल रहे इस धरने पर प्रशासन ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. वहीं धरना कर रहे प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है.
CAA, NPR और NRC के विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पहले तो प्रशासन ने बैनर पर शाहीन बाग जयपुर लिखे होने की वजह से आपत्ति जताई और बैनर हटवा दिया. वहीं अब देर रात तक नारेबाजी करने पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. इसी बात पर प्रदर्शनकारी नाराजगाी जता रहे हैं कि जब लिखित में अनिश्चितकालिन धरने की परमिशन मिली हुई है, तो प्रशासन अब सख्ती क्यों दिखा रहा है.
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धरने पर बैठे सईद खान ने बताया कि CAA, NPR और NRC के विरोध में 31 जनवरी से अनिश्चितकालिन धरना चल रहा है. इस धरने में पहले ही दिन बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए. इसमें खासतौर से महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हैं, लेकिन अब प्रशासन कभी धरने की अनुमति को लेकर परेशान किया जा रहा है तो कभी माइक की आवाज ज्यादा नहीं होनी चाहिए, इसको लेकर परेशान किया जा रहा है. वहीं धरने पर आए स्थानीय विधायक रफीक खान को इसके बारे में अवगत कराया गया है.
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश में जब अर्थव्यवस्था पूरी तरीके से बिगड़ी हुई है तो ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था सुधारने की बजाय केंद्र की मोदी सरकार CAA और NRC जैसे मुद्दों पर काम कर रही है. मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ पांच दिन से जयपुर के शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया हुआ है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक केंद्र सरकार अपने फैसलों को वापस नहीं लेती.
वहीं धरने को 2 दर्जन से अधिक संगठनों ने समर्थन दिया है. संगठनों का कहना है कि मोदी सरकार देश को धर्म के नाम पर बांट रही है. जिस तरीके से CAA और NRC को लागू करने की कवायद की जा रही है. उससे देश में जो भाईचारे का भाव है, वह बिगड़ रहा है. केंद्र सरकार धर्म की राजनीति कर रही है.