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Special: कोरोना की दूसरी लहर ने बिगाड़ा टूर एंड ट्रेवल्स उद्योग का गणित

कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से लोग पैकेज टूर, तीर्थ यात्रा, पिकनिक, सैर सपाटा से पूरी तरह दूर हो चुके हैं. जिससे पर्यटन उद्योग और पैकेज टूर प्लानर्स की हालत खराब है. ज्यादातर टूर ट्रैवल्स लगभग बंद होने की कगार पर हैं.

कोरोना की दूसरी लहर में पर्यटन उद्योग ठप
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Published : May 25, 2021, 7:25 PM IST

Updated : May 27, 2021, 7:43 PM IST

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर ने ट्रैवल ट्रेड की कमर तोड़ दी है. राजस्थान की 11000 से ज्यादा होटलों के 30000 से ज्यादा कमरे खाली पड़े हैं. होटल, रिसोर्ट, क्लब, रेस्टोरेंट, टूरिस्ट गाइड, टैक्सी संचालक, टूर ट्रैवल्स, वेंडर, हस्तशिल्प, लोक कलाकार, शाही ट्रेन समेत सभी को नुकसान हो रहा है. ट्रैवल ट्रेड से जुड़े करीब 30 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से बेरोजगार हो गए हैं.

कोरोना की दूसरी लहर का पर्यटन पर असर

अगले 2 साल की बुकिंग भी रद्द

  • अगले 2 साल की 30,000 से ज्यादा पर्यटकों की बुकिंग रद्द हो चुकी है.
  • अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का अगले 2 वर्ष तक आगमन मुश्किल नजर आ रहा है.
  • पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन लगातार दूसरे साल भी रद्द हो सकती है, क्योंकि कोरोना के चलते बुकिंग नहीं हो पा रही है.
  • पिछले करीब एक महीने में ट्रैवल ट्रेड को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है.
  • कोरोना की दूसरी लहर के बाद घरेलू पर्यटकों को भी आकर्षित करना मुश्किल हो गया है.
    Rajasthan Corona Transition Economic Activities
    पर्यटन पर बुरा असर

होटल मालिक परेशान

आरटीडीसी कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष तेज सिंह राठौड़ ने बताया कि कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है. प्रदेशभर की सभी होटल पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है. जिन होटल व्यवसायियों ने होटल्स ठेके पर ले रखी थी, उनकी हालत ज्यादा खराब हो रही है.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
पर्यटन विकास निगम की हालत खराब

पढ़ें- Baba Ramdev vs IMA Controversy : बाबा रामदेव ने लिखी IMA को खुली चिट्ठी, पूछे 25 सवाल

राजस्थान पर्यटन विकास निगम का हाल

राजस्थान पर्यटन विकास निगम की हालत यह है कि 3 महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. रिटायर्ड कर्मचारियों को पहले से ही परिलाभ नहीं मिल रहे हैं. पर्यटन उद्योग की कमर बिल्कुल टूट चुकी है. पर्यटन उद्योग में राजस्थान सरकार किसी तरह का सहयोग नहीं करेगी तो पर्यटन को इसका बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.

  • प्रदेशभर में राजस्थान पर्यटन विकास निगम की करीब 30 होटल है, जो बिल्कुल बंद की स्थिति में हैं.
  • होटल्स में लॉकडाउन के चलते बुकिंग बंद हो चुकी है. जिससे राजस्थान पर्यटन विकास निगम को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है. स्थिति सामान्य कब होगी, यह कहना भी मुश्किल है.
  • होटल, बार, कैटरिंग समेत आरटीडीसी के सभी उद्योग बंद पड़े हैं. कम से कम 10 करोड़ रुपए से ज्यादा प्रतिमाह आरटीडीसी को नुकसान हो रहा है.
  • शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील भी बंद करनी है, जिससे भी राजस्थान पर्यटन विकास निगम को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है.
  • पैकेज टूर बिल्कुल बंद पड़े हुए हैं. आरटीडीसी की ओर से संचालित पैकेज टूर भी रिफंड करने पड़ गए. पिछले दिनों जिन लोगों ने बुकिंग करवाई थी, उन लोगों ने भी अपनी बुकिंग वापस कैंसिल करवा ली है.
  • आने वाले पर्यटक सीजन को देखते हुए भी नहीं लगता है कि टूरिस्ट आ पाएंगे. क्योंकि महीनों पहले बुकिंग हो जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते एक भी बुकिंग नहीं आ रही. धार्मिक पुष्कर, गलता तीर्थ समेत अन्य पैकेज टूर भी इस बार नहीं आ रहे. पैकेज टूर की लगातार कमी होती जा रही है.
    Rajasthan Corona Transition Economic Activities
    बस ऑपरेटर्स की हालत खराब

करीब डेढ़ साल से मंदा है धंदा

ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह महरौली ने बताया कि करीब डेढ़ साल होने को आया टूरिज्म का काम बिल्कुल बन्द है. कोरोना काल में टूर एंड ट्रेवल्स वालों की स्थिति बहुत खराब हो रही है. ऐसा कोई गाड़ी मालिक नहीं है, जिसने नगद में गाड़ी खरीदी हो. सभी की गाड़ियां फाइनेंस पर चल रही है.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
पैकेज टूर प्लानर्स की हालत खस्ता

कोई सब्जी बेच रहा तो कोई खेती कर रहा...

टूर एंड ट्रेवल्स वालों की तो यह हालत हो गई है कि कई लोग सब्जी बेच रहे हैं तो कोई खेती कर रहा है. कोई कबाड़ी का काम तक करने लगा है. परिवार के पालन-पोषण के साथ फाइनेंस कंपनियों का भी डर सता रहा है. लॉकडाउन खुलने के बाद फाइनेंस कंपनी वाले गाड़ियों को कैप्चर करने आएंगे. काम-धंधा चलाने के लिए आदमी कर्जा करके गाड़ी लेता है, लेकिन अब कर्जा चुकाना मुश्किल हो गया है.

पढ़ें- भरतपुर के इस डॉक्टर ने कोरोना के आंकड़ों को लेकर बताई ये बात तो सांसद ने घेरा राज्य सरकार को, वीडियो वायरल

मुआवजे की मांग

टूरिज्म लाइन पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. टूरिस्ट कार वालों की हालत भी खराब है. प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह महरौली ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि प्रदेश में जितने भी टैक्सी कार वाले हैं, उनको मुआवजा दिया जाए. होटल लाइन की भी हालत खराब चल रही है. गाइड भी बेरोजगार बैठे हैं. ट्रैवल लाइन का काम चौपट हो चुका है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिल्ली की तर्ज पर जितने भी ड्राइवर हैं, उनको सहायता राशि दी जाए.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
टूर ट्रेवल व्यवसाय पर मार

करीब 60 लाख लोग प्रभावित

पिछले डेढ़ साल से ट्रेवल्स गाड़ियां बंद पड़ी हैं. ऐसे में सरकारों को चाहिए कि बैंक और फाइनेंस वालों को निर्देश दिया जाए कि डेढ़ साल तक किस्तों के लिए परेशान नहीं किया जाए. जयपुर जिले में करीब 55000 से भी ज्यादा ट्रैवल टैक्सियां हैं. पूरे राजस्थान में करीब 5 लाख से भी ज्यादा टैक्सी कारे हैं. इसके साथ ही टैक्सी कार वालों के परिजन भी हैं. प्रदेश में कुल मिलाकर करीब 60 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
ट्रेवल उद्योग से जुड़े लोगों पर संकट

टैक्सी ड्राइवर और कार मालिकों की दशा दयनीय

ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप कुमार पाराशर ने बताया कि राजस्थान में टैक्सी ड्राइवर और कार मालिकों की दयनीय स्थिति बनी हुई है. राज्य सरकार से भी कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. टैक्सी ड्राइवर और मालिकों के घर का राशन-पानी भी मुश्किल हो रहा है. टैक्सी गाड़ियां सरकार को राजस्व देती है. जब सरकार टैक्स वसूलती है तो उनकी जिम्मेदारी भी बनती है कि संकट के समय सहायता की जाए. सरकार केवल मौखिक तौर पर ही छूट देती है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो रहा. टैक्सी कार वालों से जुर्माने के नाम पर बिना गलती जबरदस्ती वसूली कर ली जाती है, जो गलत है.

आर्थिक पैकेज की मांग

राजस्थान बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार जैन ने बताया कि बस ऑपरेटर्स की स्थितियां खराब हो चुकी है. व्यक्ति घर परिवार और माहौल से खुश होता है, तभी घूमने की सोचता है. बस और कार जैसे साधनों का उपयोग करता है. लेकिन पिछले डेढ़ साल से बहुत खराब परिस्थितियां चल रही है. लोगों की फाइनेंशियल स्थिति भी खराब हो चुकी है. घूमने-फिरने वाले लोगों की भी कमी हो गई है. लॉकडाउन के चलते सब कुछ बंद पड़ा है.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
पर्यटन के लिए दरवाजे बंद
  • बसें संचालित नहीं हो रही हैं.
  • इनकम बंद पड़ी है लेकिन कई खर्चे चालू हैं.
  • बसों की किस्त, इंश्योरेंस और टैक्स लगातार जारी है, इनमें कोई छूट नहीं दी जा रही है.
  • बस ऑपरेटर्स को स्टाफ का खर्चा भी उठाना पड़ रहा है.
  • स्थाई खर्चे बंद नहीं होते हैं.
  • पिछले डेढ़ साल में 3-4 चार महीने के अलावा बस ऑपरेटर का काम बंद पड़ा है.
  • एक साल में 12 लाख रुपए प्रति गाड़ी का नुकसान हुआ है.
  • गाड़ियों की वैल्यू भी खत्म हो रही है.
  • ऐसी परिस्थितियों में सरकार को आर्थिक पैकेज देना चाहिए
  • बिना ब्याज के लोन मिलना चाहिए.
  • ऐसा नहीं हुआ तो टूरिज्म व्यवसाय चल नहीं पाएगा.

बस ऑपरेटरों की भी हालत खराब

राजस्थान में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स करीब 30,000 हैं. जिनमें से 7000 बस ऑपरेटर्स अपनी बसों को टूर-ट्रेवल्स में चलाते हैं. एक बस पर कई लोग आश्रित रहते हैं. करीब एक लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं. अगर सरकार पर्यटन उद्योग पर ध्यान देती है तो इससे कई लोगों को फायदा होगा.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
दूसरी लहर में टूर एंड ट्रेवल उद्योग ठप

कार टैक्सी यूनियन के सलीम खान ने बताया कि दिल्ली सरकार ऑटो-रिक्शा वालों को सहायता दे रही है तो राजस्थान सरकार को भी सहायता देनी चाहिए. राजस्व देने वाली गाड़ियों की आर्थिक स्थितियां खराब है. ऐसे में सरकार को भी मदद करनी चाहिए. टैक्सी ड्राइवर बेरोजगार हुए बैठे हैं. खाने-पीने के भी लाले पड़ रहे हैं. एक तरफ किस्त वाले परेशान कर रहे हैं, तो दूसरी और परिवार का पालन-पोषण मुश्किल हो रहा है.

पढ़ें- ब्लैक फंगस पर HC : मरीजों का प्रभावी इलाज नहीं होने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

वनवे टैक्सी यूनियन अध्यक्ष संदीप कुमार यादव ने बताया कि कोविड की वजह से सारा काम ठप पड़ा हुआ है. सबसे ज्यादा प्रभाव टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ा है. लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार को टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए. प्रदेशभर के मॉन्यूमेंट्स की टिकट दर में कमी करनी चाहिए. जिससे टूरिस्ट प्रभावित होकर आएं. होटल्स में टैक्स की छूट दी जानी चाहिए, जिससे कस्टमर को भी राहत मिल सके.

पर्यटन व्यवसाय ठप

टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि पर्यटन व्यवसाय की बहुत गंभीर स्थिति है. पिछले साल कोरोना की पहली लहर के चलते टूरिज्म व्यवसाय बंद हुआ, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे शुरू होने लगा था कि वापस कोरोना की दूसरी लहरा आ गई और पर्यटन व्यवसाय फिर ठप हो गया. प्रदेश भर में करीब 20 लाख लोग पर्यटन व्यवसाय से प्रभावित हुए हैं. होटल इंडस्ट्री, टूरिस्ट गाइड, ट्रैवल्स, लोक कलाकार, टैक्सी समेत पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग काफी प्रभावित हुए हैं. जबतक पावणे नहीं आएंगे तब तक टूरिज्म की स्थिति नहीं सुधर सकती.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
पर्यटन व्यवसाय ठप

कोरोना काल में पर्यटकों ने बनाई दूरी

राजस्थान में मार्च महीने में रोजाना औसतन 15000 से 20000 पर्यटक आए थे. 15 मार्च के बाद पर्यटक बिल्कुल कम हो गए. पर्यटक स्थलों पर कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ दिखाई देता है. कोरोना की दूसरी लहर ने ट्रेवल, होटल, टूरिस्ट गाइड समेत पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की कमर तोड़ दी है. लॉकडाउन के चलते प्रदेश में सभी पर्यटक स्थल और स्मारक बंद पड़े हुए हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्दी देश और दुनिया कोरोना से निजात पाए और पर्यटन व्यवसाय एक बार फिर पटरी पर लौटे.

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर ने ट्रैवल ट्रेड की कमर तोड़ दी है. राजस्थान की 11000 से ज्यादा होटलों के 30000 से ज्यादा कमरे खाली पड़े हैं. होटल, रिसोर्ट, क्लब, रेस्टोरेंट, टूरिस्ट गाइड, टैक्सी संचालक, टूर ट्रैवल्स, वेंडर, हस्तशिल्प, लोक कलाकार, शाही ट्रेन समेत सभी को नुकसान हो रहा है. ट्रैवल ट्रेड से जुड़े करीब 30 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से बेरोजगार हो गए हैं.

कोरोना की दूसरी लहर का पर्यटन पर असर

अगले 2 साल की बुकिंग भी रद्द

  • अगले 2 साल की 30,000 से ज्यादा पर्यटकों की बुकिंग रद्द हो चुकी है.
  • अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का अगले 2 वर्ष तक आगमन मुश्किल नजर आ रहा है.
  • पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन लगातार दूसरे साल भी रद्द हो सकती है, क्योंकि कोरोना के चलते बुकिंग नहीं हो पा रही है.
  • पिछले करीब एक महीने में ट्रैवल ट्रेड को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है.
  • कोरोना की दूसरी लहर के बाद घरेलू पर्यटकों को भी आकर्षित करना मुश्किल हो गया है.
    Rajasthan Corona Transition Economic Activities
    पर्यटन पर बुरा असर

होटल मालिक परेशान

आरटीडीसी कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष तेज सिंह राठौड़ ने बताया कि कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है. प्रदेशभर की सभी होटल पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है. जिन होटल व्यवसायियों ने होटल्स ठेके पर ले रखी थी, उनकी हालत ज्यादा खराब हो रही है.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
पर्यटन विकास निगम की हालत खराब

पढ़ें- Baba Ramdev vs IMA Controversy : बाबा रामदेव ने लिखी IMA को खुली चिट्ठी, पूछे 25 सवाल

राजस्थान पर्यटन विकास निगम का हाल

राजस्थान पर्यटन विकास निगम की हालत यह है कि 3 महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. रिटायर्ड कर्मचारियों को पहले से ही परिलाभ नहीं मिल रहे हैं. पर्यटन उद्योग की कमर बिल्कुल टूट चुकी है. पर्यटन उद्योग में राजस्थान सरकार किसी तरह का सहयोग नहीं करेगी तो पर्यटन को इसका बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.

  • प्रदेशभर में राजस्थान पर्यटन विकास निगम की करीब 30 होटल है, जो बिल्कुल बंद की स्थिति में हैं.
  • होटल्स में लॉकडाउन के चलते बुकिंग बंद हो चुकी है. जिससे राजस्थान पर्यटन विकास निगम को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है. स्थिति सामान्य कब होगी, यह कहना भी मुश्किल है.
  • होटल, बार, कैटरिंग समेत आरटीडीसी के सभी उद्योग बंद पड़े हैं. कम से कम 10 करोड़ रुपए से ज्यादा प्रतिमाह आरटीडीसी को नुकसान हो रहा है.
  • शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील भी बंद करनी है, जिससे भी राजस्थान पर्यटन विकास निगम को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है.
  • पैकेज टूर बिल्कुल बंद पड़े हुए हैं. आरटीडीसी की ओर से संचालित पैकेज टूर भी रिफंड करने पड़ गए. पिछले दिनों जिन लोगों ने बुकिंग करवाई थी, उन लोगों ने भी अपनी बुकिंग वापस कैंसिल करवा ली है.
  • आने वाले पर्यटक सीजन को देखते हुए भी नहीं लगता है कि टूरिस्ट आ पाएंगे. क्योंकि महीनों पहले बुकिंग हो जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते एक भी बुकिंग नहीं आ रही. धार्मिक पुष्कर, गलता तीर्थ समेत अन्य पैकेज टूर भी इस बार नहीं आ रहे. पैकेज टूर की लगातार कमी होती जा रही है.
    Rajasthan Corona Transition Economic Activities
    बस ऑपरेटर्स की हालत खराब

करीब डेढ़ साल से मंदा है धंदा

ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह महरौली ने बताया कि करीब डेढ़ साल होने को आया टूरिज्म का काम बिल्कुल बन्द है. कोरोना काल में टूर एंड ट्रेवल्स वालों की स्थिति बहुत खराब हो रही है. ऐसा कोई गाड़ी मालिक नहीं है, जिसने नगद में गाड़ी खरीदी हो. सभी की गाड़ियां फाइनेंस पर चल रही है.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
पैकेज टूर प्लानर्स की हालत खस्ता

कोई सब्जी बेच रहा तो कोई खेती कर रहा...

टूर एंड ट्रेवल्स वालों की तो यह हालत हो गई है कि कई लोग सब्जी बेच रहे हैं तो कोई खेती कर रहा है. कोई कबाड़ी का काम तक करने लगा है. परिवार के पालन-पोषण के साथ फाइनेंस कंपनियों का भी डर सता रहा है. लॉकडाउन खुलने के बाद फाइनेंस कंपनी वाले गाड़ियों को कैप्चर करने आएंगे. काम-धंधा चलाने के लिए आदमी कर्जा करके गाड़ी लेता है, लेकिन अब कर्जा चुकाना मुश्किल हो गया है.

पढ़ें- भरतपुर के इस डॉक्टर ने कोरोना के आंकड़ों को लेकर बताई ये बात तो सांसद ने घेरा राज्य सरकार को, वीडियो वायरल

मुआवजे की मांग

टूरिज्म लाइन पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. टूरिस्ट कार वालों की हालत भी खराब है. प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह महरौली ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि प्रदेश में जितने भी टैक्सी कार वाले हैं, उनको मुआवजा दिया जाए. होटल लाइन की भी हालत खराब चल रही है. गाइड भी बेरोजगार बैठे हैं. ट्रैवल लाइन का काम चौपट हो चुका है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिल्ली की तर्ज पर जितने भी ड्राइवर हैं, उनको सहायता राशि दी जाए.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
टूर ट्रेवल व्यवसाय पर मार

करीब 60 लाख लोग प्रभावित

पिछले डेढ़ साल से ट्रेवल्स गाड़ियां बंद पड़ी हैं. ऐसे में सरकारों को चाहिए कि बैंक और फाइनेंस वालों को निर्देश दिया जाए कि डेढ़ साल तक किस्तों के लिए परेशान नहीं किया जाए. जयपुर जिले में करीब 55000 से भी ज्यादा ट्रैवल टैक्सियां हैं. पूरे राजस्थान में करीब 5 लाख से भी ज्यादा टैक्सी कारे हैं. इसके साथ ही टैक्सी कार वालों के परिजन भी हैं. प्रदेश में कुल मिलाकर करीब 60 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
ट्रेवल उद्योग से जुड़े लोगों पर संकट

टैक्सी ड्राइवर और कार मालिकों की दशा दयनीय

ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप कुमार पाराशर ने बताया कि राजस्थान में टैक्सी ड्राइवर और कार मालिकों की दयनीय स्थिति बनी हुई है. राज्य सरकार से भी कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. टैक्सी ड्राइवर और मालिकों के घर का राशन-पानी भी मुश्किल हो रहा है. टैक्सी गाड़ियां सरकार को राजस्व देती है. जब सरकार टैक्स वसूलती है तो उनकी जिम्मेदारी भी बनती है कि संकट के समय सहायता की जाए. सरकार केवल मौखिक तौर पर ही छूट देती है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो रहा. टैक्सी कार वालों से जुर्माने के नाम पर बिना गलती जबरदस्ती वसूली कर ली जाती है, जो गलत है.

आर्थिक पैकेज की मांग

राजस्थान बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार जैन ने बताया कि बस ऑपरेटर्स की स्थितियां खराब हो चुकी है. व्यक्ति घर परिवार और माहौल से खुश होता है, तभी घूमने की सोचता है. बस और कार जैसे साधनों का उपयोग करता है. लेकिन पिछले डेढ़ साल से बहुत खराब परिस्थितियां चल रही है. लोगों की फाइनेंशियल स्थिति भी खराब हो चुकी है. घूमने-फिरने वाले लोगों की भी कमी हो गई है. लॉकडाउन के चलते सब कुछ बंद पड़ा है.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
पर्यटन के लिए दरवाजे बंद
  • बसें संचालित नहीं हो रही हैं.
  • इनकम बंद पड़ी है लेकिन कई खर्चे चालू हैं.
  • बसों की किस्त, इंश्योरेंस और टैक्स लगातार जारी है, इनमें कोई छूट नहीं दी जा रही है.
  • बस ऑपरेटर्स को स्टाफ का खर्चा भी उठाना पड़ रहा है.
  • स्थाई खर्चे बंद नहीं होते हैं.
  • पिछले डेढ़ साल में 3-4 चार महीने के अलावा बस ऑपरेटर का काम बंद पड़ा है.
  • एक साल में 12 लाख रुपए प्रति गाड़ी का नुकसान हुआ है.
  • गाड़ियों की वैल्यू भी खत्म हो रही है.
  • ऐसी परिस्थितियों में सरकार को आर्थिक पैकेज देना चाहिए
  • बिना ब्याज के लोन मिलना चाहिए.
  • ऐसा नहीं हुआ तो टूरिज्म व्यवसाय चल नहीं पाएगा.

बस ऑपरेटरों की भी हालत खराब

राजस्थान में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स करीब 30,000 हैं. जिनमें से 7000 बस ऑपरेटर्स अपनी बसों को टूर-ट्रेवल्स में चलाते हैं. एक बस पर कई लोग आश्रित रहते हैं. करीब एक लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं. अगर सरकार पर्यटन उद्योग पर ध्यान देती है तो इससे कई लोगों को फायदा होगा.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
दूसरी लहर में टूर एंड ट्रेवल उद्योग ठप

कार टैक्सी यूनियन के सलीम खान ने बताया कि दिल्ली सरकार ऑटो-रिक्शा वालों को सहायता दे रही है तो राजस्थान सरकार को भी सहायता देनी चाहिए. राजस्व देने वाली गाड़ियों की आर्थिक स्थितियां खराब है. ऐसे में सरकार को भी मदद करनी चाहिए. टैक्सी ड्राइवर बेरोजगार हुए बैठे हैं. खाने-पीने के भी लाले पड़ रहे हैं. एक तरफ किस्त वाले परेशान कर रहे हैं, तो दूसरी और परिवार का पालन-पोषण मुश्किल हो रहा है.

पढ़ें- ब्लैक फंगस पर HC : मरीजों का प्रभावी इलाज नहीं होने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

वनवे टैक्सी यूनियन अध्यक्ष संदीप कुमार यादव ने बताया कि कोविड की वजह से सारा काम ठप पड़ा हुआ है. सबसे ज्यादा प्रभाव टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ा है. लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार को टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए. प्रदेशभर के मॉन्यूमेंट्स की टिकट दर में कमी करनी चाहिए. जिससे टूरिस्ट प्रभावित होकर आएं. होटल्स में टैक्स की छूट दी जानी चाहिए, जिससे कस्टमर को भी राहत मिल सके.

पर्यटन व्यवसाय ठप

टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि पर्यटन व्यवसाय की बहुत गंभीर स्थिति है. पिछले साल कोरोना की पहली लहर के चलते टूरिज्म व्यवसाय बंद हुआ, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे शुरू होने लगा था कि वापस कोरोना की दूसरी लहरा आ गई और पर्यटन व्यवसाय फिर ठप हो गया. प्रदेश भर में करीब 20 लाख लोग पर्यटन व्यवसाय से प्रभावित हुए हैं. होटल इंडस्ट्री, टूरिस्ट गाइड, ट्रैवल्स, लोक कलाकार, टैक्सी समेत पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग काफी प्रभावित हुए हैं. जबतक पावणे नहीं आएंगे तब तक टूरिज्म की स्थिति नहीं सुधर सकती.

Rajasthan Corona Transition Economic Activities
पर्यटन व्यवसाय ठप

कोरोना काल में पर्यटकों ने बनाई दूरी

राजस्थान में मार्च महीने में रोजाना औसतन 15000 से 20000 पर्यटक आए थे. 15 मार्च के बाद पर्यटक बिल्कुल कम हो गए. पर्यटक स्थलों पर कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ दिखाई देता है. कोरोना की दूसरी लहर ने ट्रेवल, होटल, टूरिस्ट गाइड समेत पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की कमर तोड़ दी है. लॉकडाउन के चलते प्रदेश में सभी पर्यटक स्थल और स्मारक बंद पड़े हुए हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्दी देश और दुनिया कोरोना से निजात पाए और पर्यटन व्यवसाय एक बार फिर पटरी पर लौटे.

Last Updated : May 27, 2021, 7:43 PM IST
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