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ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को पदोन्नति का अवसर क्यों नहींः हाई कोर्ट - promotion of rural Ayurveda medical officers

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख आयुर्वेद सचिव और निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को अन्य मेडिकल अधिकारियों के समान पदोन्नति का अवसर क्यों नहीं दिया जा रहा है? न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. सतीश चन्द मीणा और अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : May 19, 2021, 10:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख आयुर्वेद सचिव और निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को अन्य मेडिकल अधिकारियों के समान पदोन्नति का अवसर क्यों नहीं दिया जा रहा है? न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. सतीश चन्द मीणा और अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी और ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी कैडर का गठन कर पद सृजित किए थे. वर्ष 2012 में ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी के कैडर को चिकित्सकों के सामान्य कैडर में शामिल कर लिया गया, लेकिन ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के कैडर को जारी रखा गया.

यह भी पढ़ेंः 'मैं पीएम मोदी से अनुरोध करूंगा कि अपनी आंखों का पर्दा हटाकर लाशों के ढेर को देखें और राजधर्म का पालन करें'

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को वर्ष 2013 में ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पद पर नियुक्ति दी गई. याचिकाकर्ता अब पदोन्नति के लिए तय वरिष्ठता प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन पदोन्नति के पद ही नहीं होने के कारण वे पदोन्नति से वंचित हो रहे हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख आयुर्वेद सचिव और निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को अन्य मेडिकल अधिकारियों के समान पदोन्नति का अवसर क्यों नहीं दिया जा रहा है? न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. सतीश चन्द मीणा और अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी और ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी कैडर का गठन कर पद सृजित किए थे. वर्ष 2012 में ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी के कैडर को चिकित्सकों के सामान्य कैडर में शामिल कर लिया गया, लेकिन ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के कैडर को जारी रखा गया.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को वर्ष 2013 में ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पद पर नियुक्ति दी गई. याचिकाकर्ता अब पदोन्नति के लिए तय वरिष्ठता प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन पदोन्नति के पद ही नहीं होने के कारण वे पदोन्नति से वंचित हो रहे हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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