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कोरोना वैक्सीन आने से राजस्थान पर्यटन में सुधार, जनवरी महीने में तेजी से बढ़ी पर्यटकों की संख्या

कोरोना वायरस से नेगेटिव हुए प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए एक अच्छी खबर है. वैक्सीन आने के साथ ही जनवरी में प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 5 लाख के करीब तक पहुंच गई है, जिसे अच्छा संकेत भी माना जा रहा है. ऐसे में अगर जनवरी का ट्रेंड फरवरी में भी जारी रहा तो टूरिज्म इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी.

राजस्थान पर्यटन, Rajasthan tourism
कोरोना वैक्सीन आने से राजस्थान पर्यटन में सुधार
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Published : Feb 5, 2021, 9:38 AM IST

जयपुर. कोरोना वायरस से नेगेटिव हुए प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए एक अच्छी खबर है. वैक्सीन आने के साथ ही जनवरी में प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 5 लाख के करीब तक पहुंच गई है, जिसे अच्छा संकेत भी माना जा रहा है.

दरअसल, राजस्थान को पर्यटन का प्रदेश माना जाता है. राजधानी जयपुर के स्मारक देश और दुनिया में इतने प्रसिद्धि हासिल कर चुके हैं कि गूगल पर भी एक क्लिक करें तो एक-एक स्मारक के लाखों पेज खुल जाते हैं. प्रदेश में पर्यटन ढाचा इतना मजबूत हुआ करता था कि जिस पर स्वाइन फ्लू, जीका ना जाने कितने वायरस आक्रमण कर चुके हैं, लेकिन राजस्थान के पर्यटन ढांचे को टस से मस नहीं कर पाए थे, लेकिन इस बार देश और प्रदेश के पर्यटन पर कोविड ने हमला किया, उसके आगे प्रदेश का पर्यटन ढांचा हिलता दिखाई दिया और उसके चलते प्रदेश में पिछले वर्ष 18 मार्च को सभी पर्यटन स्थल जिनमें मॉन्यूमेंट, म्यूजियम, बायोलॉजिकल पार्क, सफारी सभी को बंद कर दिया गया था.

यह भी पढ़ेंः सियासी टूर : किसान सम्मेलन के जरिए राजनीतिक जमीन सींचने उतरेंगे सचिन पायलट

यही नहीं टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम स्टेक होल्डर जिनमें होटल, रिसॉर्ट ,रेस्टोरेंट, हाथी गांव जैसे तमाम पर्यटन से जुड़े स्थलों को भी बंद कर दिया गया था. इससे पर्यटन उद्योग को अरबों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. आखिर अनलॉक वन में 1 जून को प्रदेश के पर्यटन स्थलों को दोबारा से शुरू किया गया था, जिसके बाद 8 जून से तमाम होटल रेस्टोरेंट और पर्यटन से जुड़े अन्य स्थल भी सैलानियों के लिए खोल दिए गए. अब पिछले 6 महीने से लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के चेहरे पर भी थोड़ी रौनक लौटी है.

प्रदेश में 1 सितंबर से पर्यटन सत्र शुरू हुआ था. सितंबर के महीने में कोविड-19 के बावजूद रिकॉर्ड पर्यटकों का आगमन भी हुआ था. इसके बाद कोरोना का डर कम होता गया और प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली गई. कोरोना वायरस ने 2020 में 1 जून से 31 दिसंबर तक कुल 7 लाख 63 हज़ार 385 सैलानी आए. इनमें राजधानी के स्मारकों पर 5 लाख 98 हज़ार 572 पर्यटक. वहीं, प्रदेश के शहरों के स्मारकों पर कुल 1 लाख 64 हज़ार 543 पर्यटक पहुंचे. इस दौरान सबसे खास बात यह रही की राजधानी जयपुर के स्मारकों का पर्यटकों में खासा क्रेज देखने को मिला. प्रदेश में आए कुल पर्यटकों में से 75 फ़ीसदी जयपुर, 25 फीसदी राजस्थान के अलग अलग पर्यटक स्थल पहुंचे.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान कांग्रेस में राजनीति नियुक्तियों का दौर, जिला स्तर पर 65 समितियों में कार्यकर्ताओं को मिली जिम्मेदारी...यहां देखें लिस्ट

नए साल के पहले महीने जनवरी में प्रदेश में 4 लाख 44 हज़ार 339 सैलानी आए. राजधानी जयपुर में 3 लाख 72 हज़ार 477 पर्यटक और प्रदेश के अन्य स्थल पर 71 हज़ार 862 पर्यटक पहुंचे. राजधानी जयपुर में जनवरी महीने के अंतर्गत सर्वाधिक पर्यटक नाहरगढ़ और विश्व विरासत में शुमार आमेर, अपाचे आमेर में पर्यटकों की संख्या 1 लाख 11 हज़ार से ज्यादा रही, जबकि नाहरगढ़ में यह आंकड़ा 90 हजार से ज्यादा के स्तर पर रहा.

वहीं, राजधानी के बाहर सर्वाधिक संख्या पर्यटको कि अलवर, गागरोन किला चित्तौड़ में रही. प्रदेश में पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं, जिनमें गाइड, महावत, लोक कलाकार और बड़े स्तर पर होटल रिसॉर्ट संचालक तक शामिल हैं. कोविड-19 संक्रमण का इन सभी पर बुरा असर भी हुआ है. अब प्रयास करने चाहिए कि प्रदेश में इस तरह का माहौल तैयार किया जाए, जिससे घरेलू पर्यटक ज्यादा से ज्यादा संख्या में राजस्थान आए और टूरिज्म इंडस्ट्री को भी उम्मीद है, कि जनवरी का ट्रेंड फरवरी में जारी रहा तो टूरिज्म इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी.

जयपुर. कोरोना वायरस से नेगेटिव हुए प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए एक अच्छी खबर है. वैक्सीन आने के साथ ही जनवरी में प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 5 लाख के करीब तक पहुंच गई है, जिसे अच्छा संकेत भी माना जा रहा है.

दरअसल, राजस्थान को पर्यटन का प्रदेश माना जाता है. राजधानी जयपुर के स्मारक देश और दुनिया में इतने प्रसिद्धि हासिल कर चुके हैं कि गूगल पर भी एक क्लिक करें तो एक-एक स्मारक के लाखों पेज खुल जाते हैं. प्रदेश में पर्यटन ढाचा इतना मजबूत हुआ करता था कि जिस पर स्वाइन फ्लू, जीका ना जाने कितने वायरस आक्रमण कर चुके हैं, लेकिन राजस्थान के पर्यटन ढांचे को टस से मस नहीं कर पाए थे, लेकिन इस बार देश और प्रदेश के पर्यटन पर कोविड ने हमला किया, उसके आगे प्रदेश का पर्यटन ढांचा हिलता दिखाई दिया और उसके चलते प्रदेश में पिछले वर्ष 18 मार्च को सभी पर्यटन स्थल जिनमें मॉन्यूमेंट, म्यूजियम, बायोलॉजिकल पार्क, सफारी सभी को बंद कर दिया गया था.

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यही नहीं टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम स्टेक होल्डर जिनमें होटल, रिसॉर्ट ,रेस्टोरेंट, हाथी गांव जैसे तमाम पर्यटन से जुड़े स्थलों को भी बंद कर दिया गया था. इससे पर्यटन उद्योग को अरबों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. आखिर अनलॉक वन में 1 जून को प्रदेश के पर्यटन स्थलों को दोबारा से शुरू किया गया था, जिसके बाद 8 जून से तमाम होटल रेस्टोरेंट और पर्यटन से जुड़े अन्य स्थल भी सैलानियों के लिए खोल दिए गए. अब पिछले 6 महीने से लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के चेहरे पर भी थोड़ी रौनक लौटी है.

प्रदेश में 1 सितंबर से पर्यटन सत्र शुरू हुआ था. सितंबर के महीने में कोविड-19 के बावजूद रिकॉर्ड पर्यटकों का आगमन भी हुआ था. इसके बाद कोरोना का डर कम होता गया और प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली गई. कोरोना वायरस ने 2020 में 1 जून से 31 दिसंबर तक कुल 7 लाख 63 हज़ार 385 सैलानी आए. इनमें राजधानी के स्मारकों पर 5 लाख 98 हज़ार 572 पर्यटक. वहीं, प्रदेश के शहरों के स्मारकों पर कुल 1 लाख 64 हज़ार 543 पर्यटक पहुंचे. इस दौरान सबसे खास बात यह रही की राजधानी जयपुर के स्मारकों का पर्यटकों में खासा क्रेज देखने को मिला. प्रदेश में आए कुल पर्यटकों में से 75 फ़ीसदी जयपुर, 25 फीसदी राजस्थान के अलग अलग पर्यटक स्थल पहुंचे.

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वहीं, राजधानी के बाहर सर्वाधिक संख्या पर्यटको कि अलवर, गागरोन किला चित्तौड़ में रही. प्रदेश में पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं, जिनमें गाइड, महावत, लोक कलाकार और बड़े स्तर पर होटल रिसॉर्ट संचालक तक शामिल हैं. कोविड-19 संक्रमण का इन सभी पर बुरा असर भी हुआ है. अब प्रयास करने चाहिए कि प्रदेश में इस तरह का माहौल तैयार किया जाए, जिससे घरेलू पर्यटक ज्यादा से ज्यादा संख्या में राजस्थान आए और टूरिज्म इंडस्ट्री को भी उम्मीद है, कि जनवरी का ट्रेंड फरवरी में जारी रहा तो टूरिज्म इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी.

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