- जयपुर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने विकसित की माइक्रोबायोलॉजी लैब
- एक दिन में हो सकेंगे कोरोना के 5 हजार टेस्ट
- इस तरह की जांच करने वाला देश का पहला आयुर्वेद संस्थान
- ICMAR से जांच की अनुमति का इंतजार
जयपुर. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान अब जल्द ही कोरोना सैंपल की टेस्टिंग शुरू करेगा. कोरोना सैंपल की टेस्टिंग करने वाला यह देश का पहला आयुर्वेद संस्था होगा. इसके लिए आयुर्वेद संस्थान ने एक अत्याधुनिक लैब तैयार की है, जहां सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि अन्य बीमारियों से जुड़ी जांच भी हो सकेगी. इसे आयुर्वेद संस्थान पीपीपी मोड पर चलाएगा.
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने अपने स्तर पर एक अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब तैयार की है, जहां एक बार में करीब पांच हजार कोरोना सैंपल की जांच संभव हो सकेगी. इसे 95 लाख रुपए की लागत से तैयार करवाया गया है. कोरोना टेस्टिंग को लेकर आयुर्वेद संस्थान ने ICMAR से अनुमति मांगी थी.
जिसके बाद ICMAR ने आयुर्वेद संस्थान से माइक्रोबायोलॉजी लैब विकसित करने की बात कही, जो अब बन चुकी है. इस अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब में आने वाले 3 से 4 दिन के अंदर यहां कोरोना और अन्य बीमारियों से जुड़ी जांचें शुरू हो सकेगी.
देश की पहली लैब
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक डॉक्टर संजीव शर्मा ने यह भी बताया कि इस माइक्रोबायोलॉजी लैब को पीपीपी मोड पर शुरू किया गया है, जहां कोरोना के अलावा अन्य बड़ी बीमारियों की जांच भी आसानी से हो सकेगी. वहीं आयुर्वेद संस्थान में एनएबीएल यानी National Accreditation Board for Testing and Collaboration Laboratory से अप्रूव्ड यह देश की पहली लैब होगी.
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डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि एनएबीएल से तो सर्टिफिकेशन लैब को मिल चुका है और आने वाले 2 से 4 दिन में आईसीएमआर को भी पत्र लिखा जाएगा. जैसे ही ICMAR से जांच की अनुमति मिलती है तो राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में भी कोरोना सैंपल की टेस्टिंग शुरू कर दी जाएगी. इस तरह की जांच करने वाला यह देश का पहला आयुर्वेद संस्थान बन जाएगा.