जयपुर. कांग्रेस पार्टी पूरे देश में 14 नवंबर से 29 नवंबर तक जन जागरण अभियान (Congress public awareness campaign) चलाने जा रही है. इस अभियान के तहत कांग्रेस के नेता ,कार्यकर्ता पदयात्रा और प्रभात फेरी के जरिए पेट्रोल, डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों के लिए केंद्र की नीतियों के बारे में जनता को अवगत कराएंगे. राजस्थान में भी सभी जिलों में कांग्रेस पार्टी की ओर से अभियान चलाया जाएगा.
केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटा दी है. जिसके चलते पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये हर राज्य में घट गए. ऐसे में कांग्रेस पार्टी जन जागरण अभियान के जरिए केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जो माहौल बनाना चाहती थी उस पर केंद्र सरकार ने पहले ही बड़ा कदम उठा लिया है.
केंद्र के इस निर्णय के बाद भी कांग्रेस पार्टी का जन जागरण अभियान 14 नवंबर से 29 नवंबर तक हर राज्य में चलेगा. लेकिन यह जन जागरण अभियान राजस्थान की कांग्रेस के लिए एक कशमकश अभियान साबित हो सकता है. क्योंकि राजस्थान का पेट्रोल में देश में सबसे ज्यादा लगाया गया 36% वैट और डीजल में देश का दूसरे नंबर का 26 %सबसे ज्यादा वैट.
डीजल पर वैट लगाने के मामले में राजस्थान दूसरे नंबर
आलम यह है कि राजस्थान में देश का सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा है. भले ही डीजल पर वैट (VAT) लगाने के मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर हो लेकिन कीमत देश में सबसे ज्यादा डीजल की राजस्थान में ही बिक रहा है. सबसे महंगे पेट्रोल वाले राज्यों की बात करें तो इस लिस्ट में भाजपा शासित मध्यप्रदेश चौथे और भाजपा-जेडीयू शासित बिहार 5 वें नंबर पर है.
CM गहलोत ने दिए संकेत वैट की दरों में नहीं होगी कमी
मध्यप्रदेश और राजस्थान में पेट्रोल की कीमतों में करीब 4 रुपए का अंतर है तो वहीं डीजल की बात करें तो डीजल की कीमतें भी राजस्थान में देश की सबसे ज्यादा है. ऐसे में जब जन जागरण अभियान राजस्थान में चलेगा तो प्रदेश भाजपा यह सवाल जरूर उठाएगी. जन जागरण अभियान चलाने से पहले कांग्रेस अपने शासित राजस्थान में वैट की दरें कम करवाएं यही नहीं इन कीमतों का असर कांग्रेस के जन जागरण अभियान पर पूरे देश में भी पड़ेगा. भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार ट्वीट कर यह संकेत दिए हैं कि अभी राजस्थान में सरकार वैट में कमी नहीं करेगी. लेकिन जन जागरण अभियान को राजस्थान की कांग्रेस सरकार की वैट की दरें जरूर प्रभावित करेगी. ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत पर यह दबाव रहेगा कि वह राजस्थान में वैट की दरें कम की जाए.
इन पांच राज्यों में सबसे महंगा पेट्रोल
इन 5 राज्यों में सबसे महंगा डीजल