जयपुर. नींदड़ जमीन समाधि सत्याग्रह के 10वें दिन भी किसान सरकार के जवाब का इंतजार करते रहे. होली का मौका होने पर किसानों को सरकार से राहत की उम्मीद थी, लेकिन आखिर में होली का मौका होने पर किसानों को निराशा ही हाथ लगी. वहीं, होली के मौके पर किसानों ने अनूठी होली मनाई.
होली के मौके पर किसानों ने नींदड़ गांव को प्रहलाद और जेडीए को होलिका के रूप में प्रस्तुत किया. किसानों ने समाधि स्थल पर ही होलिका दहन भी की. साथ ही जेडीए की ओर से दिए गए आरक्षण पत्रों के लिए होलिका जलाई गई.
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इस संबंध में नींदड़ संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. नगेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, कि जेडीए नींदड़ को जलाना चाहता है. ऐसे जेडीए को होलिका मानते हुए उसका दहन किया गया और नींदड़ को बचाया गया. इस दौरान जेडीए की ओर से दिए गए आरक्षण पत्रों की भी होली जलाई गई. साथ ही प्रतिज्ञा ली गई कि जब तक नींदड़ के किसान को उसका वाजिब हक नहीं मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
गौरतलब है कि जेडीए ने 1 जनवरी से जमीन पर कब्जा करना शुरू किया था. इसके विरोध में किसान लगातार आंदोलनरत हैं. वहीं, अब नींदड़ के 81 किसान जमीन समाधि लेकर सत्याग्रह कर रहे हैं, जिसमें 21 महिलाएं भी शामिल हैं.