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रिपोर्टः लॉकडाउन के दौरान सरकारी अस्पतालों में महिलाओं के प्रसव में आई गिरावट, घर में प्रसव के आंकड़ों में बढ़ोतरी

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. कोरोना की वजह से महिलाएं अस्पताल जाने से डरती थी जिस वजह से इस साल अधिकतर महिलाओं का प्रसव घर में ही हुआ. साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में सरकारी अस्पतालों में महलाओं के प्रसव में काफी गिरावट दर्ज की गई. वहीं प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव का आंकड़ा बढ़ा है.

महिलाओं के प्रसव में गिरावट, Decline in delivery of women
महिलाओं के प्रसव में आई गिरावट
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Published : Jul 18, 2020, 1:21 PM IST

जयपुर. कोरोना महामारी और लॉकडाउन का असर यू तो हर क्षेत्र पर देखा गया. लेकिन इसका स्वास्थ्य सुविधाओं पर इसका प्रभाव काफी ज्यादा देखने को मिला है. प्रदेश में जब लॉकडाउन लगा तो सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं के प्रसव को लेकर हुई. क्योंकि लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्टेशन सुविधा बंद हो चुकी थी, तो ऐसे में समय पर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही थी.

महिलाओं के प्रसव में आई गिरावट

प्रदेश के सबसे बड़े जनाना अस्पताल से मिले आंकड़ों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान अस्पताल में चलने वाली ओपीडी और अस्पताल में होने वाले प्रसव की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली. इसके अलावा साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में घर पर होने वाली डिलीवरी के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. आमतौर पर घर में होने वाली यह डिलीवरी क्षेत्र की दाई द्वारा करवाई जाती है.

पढ़ेंः जयपुर: जिला प्रशासन के अधिकारी ही अब कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करेंगे, कलेक्टर ने दिए निर्देश

जयपुर का सबसे बड़ा प्रसव केंद्र जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. पुष्पा नागर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अस्पताल में होने वाली डिलीवरी की संख्या में काफी कमी देखने को मिली. जहां जनवरी माह में अस्पताल में 4 हजार से अधिक महिलाओं को भर्ती किया गया तो वहीं अप्रैल और मई माह में इस आंकड़े में बड़ी गिरावट देखने को मिली. वहीं चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भी अप्रैल और मई माह में प्रदेश के अन्य जिलों में भी संस्थागत प्रसव में कमी देखने को मिली.

सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के आंकड़ेः

महीनाआंकड़े
अप्रैल60169
मई68522
जून70633

सरकार से अनुबंधित प्राइवेट अस्पतालों का आंकड़ाः

महीनाआंकड़ा
अप्रैल 3543
मई 4205
जून 4184
महिलाओं के प्रसव में गिरावट, Decline in delivery of women
सरकारी अस्पतालों में प्रसव के आंकड़े में गिरावट

प्राइवेट अस्पतालों का आंकड़ाः

महीनाआंकड़ा
अप्रैल 13497
मई 21444
जून 19853

पढ़ेंः कांग्रेस को कटारिया की दो टूक, कहा- आरोप लगाने वाले खुद भी कार्रवाई के लिए रहें तैयार

साल 2020 में घर पर हुई डिलीवरी का आंकड़ाः

महीनाआंकड़ा
अप्रैल 1844
मई2645
जून2583

2019 में घर पर हुई डिलीवरी के आंकड़ेः

महीनाआंकड़ा
अप्रैल 1660
मई1937
जून2311
महिलाओं के प्रसव में गिरावट, Decline in delivery of women
लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं को ज्यादा समस्या

आंकड़ों से यह माना जा सकता है कि जहां सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे थे तो ऐसे में महिलाओं ने प्रसव के लिए प्राइवेट अस्पतालों का रुख किया. पिछले कुछ साल के मुकाबले लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव के आंकड़ों में बढ़ोतरी भी देखने को मिली. वहीं घर पर होने वाले प्रसव के आंकड़ों में भी कुछ प्रतिशत का इजाफा इस लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला.

जयपुर जनाना अस्पताल का आंकड़ाः

महीनाआंकड़ा
जनवरी 1663
फरवरी 1547
मार्च 1424
अप्रैल 1050
मई 1120
जून 1450

इस दौरान सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल को डेडीकेट कोविड-19 सेंटर बना दिया गया. ऐसे में इस अस्पताल में प्रसव बंद हो गए. तो वहीं चार दिवारी स्थित गणगौरी अस्पताल को कंटेंनमेंट जोन के लिए रिजर्व रख दिया गया. जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. पुष्पा नागर ने यह भी बताया कि बड़े अस्पतालों में कोरोना के मामले मिलने के बाद कोरोना के डर के चलते सीएचसी और पीएचसी के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी प्रसव की संख्या में इजाफा देखने को मिला.

जयपुर. कोरोना महामारी और लॉकडाउन का असर यू तो हर क्षेत्र पर देखा गया. लेकिन इसका स्वास्थ्य सुविधाओं पर इसका प्रभाव काफी ज्यादा देखने को मिला है. प्रदेश में जब लॉकडाउन लगा तो सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं के प्रसव को लेकर हुई. क्योंकि लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्टेशन सुविधा बंद हो चुकी थी, तो ऐसे में समय पर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही थी.

महिलाओं के प्रसव में आई गिरावट

प्रदेश के सबसे बड़े जनाना अस्पताल से मिले आंकड़ों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान अस्पताल में चलने वाली ओपीडी और अस्पताल में होने वाले प्रसव की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली. इसके अलावा साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में घर पर होने वाली डिलीवरी के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. आमतौर पर घर में होने वाली यह डिलीवरी क्षेत्र की दाई द्वारा करवाई जाती है.

पढ़ेंः जयपुर: जिला प्रशासन के अधिकारी ही अब कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करेंगे, कलेक्टर ने दिए निर्देश

जयपुर का सबसे बड़ा प्रसव केंद्र जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. पुष्पा नागर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अस्पताल में होने वाली डिलीवरी की संख्या में काफी कमी देखने को मिली. जहां जनवरी माह में अस्पताल में 4 हजार से अधिक महिलाओं को भर्ती किया गया तो वहीं अप्रैल और मई माह में इस आंकड़े में बड़ी गिरावट देखने को मिली. वहीं चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भी अप्रैल और मई माह में प्रदेश के अन्य जिलों में भी संस्थागत प्रसव में कमी देखने को मिली.

सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के आंकड़ेः

महीनाआंकड़े
अप्रैल60169
मई68522
जून70633

सरकार से अनुबंधित प्राइवेट अस्पतालों का आंकड़ाः

महीनाआंकड़ा
अप्रैल 3543
मई 4205
जून 4184
महिलाओं के प्रसव में गिरावट, Decline in delivery of women
सरकारी अस्पतालों में प्रसव के आंकड़े में गिरावट

प्राइवेट अस्पतालों का आंकड़ाः

महीनाआंकड़ा
अप्रैल 13497
मई 21444
जून 19853

पढ़ेंः कांग्रेस को कटारिया की दो टूक, कहा- आरोप लगाने वाले खुद भी कार्रवाई के लिए रहें तैयार

साल 2020 में घर पर हुई डिलीवरी का आंकड़ाः

महीनाआंकड़ा
अप्रैल 1844
मई2645
जून2583

2019 में घर पर हुई डिलीवरी के आंकड़ेः

महीनाआंकड़ा
अप्रैल 1660
मई1937
जून2311
महिलाओं के प्रसव में गिरावट, Decline in delivery of women
लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं को ज्यादा समस्या

आंकड़ों से यह माना जा सकता है कि जहां सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे थे तो ऐसे में महिलाओं ने प्रसव के लिए प्राइवेट अस्पतालों का रुख किया. पिछले कुछ साल के मुकाबले लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव के आंकड़ों में बढ़ोतरी भी देखने को मिली. वहीं घर पर होने वाले प्रसव के आंकड़ों में भी कुछ प्रतिशत का इजाफा इस लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला.

जयपुर जनाना अस्पताल का आंकड़ाः

महीनाआंकड़ा
जनवरी 1663
फरवरी 1547
मार्च 1424
अप्रैल 1050
मई 1120
जून 1450

इस दौरान सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल को डेडीकेट कोविड-19 सेंटर बना दिया गया. ऐसे में इस अस्पताल में प्रसव बंद हो गए. तो वहीं चार दिवारी स्थित गणगौरी अस्पताल को कंटेंनमेंट जोन के लिए रिजर्व रख दिया गया. जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. पुष्पा नागर ने यह भी बताया कि बड़े अस्पतालों में कोरोना के मामले मिलने के बाद कोरोना के डर के चलते सीएचसी और पीएचसी के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी प्रसव की संख्या में इजाफा देखने को मिला.

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