जयपुर. राजधानी की बजाज नगर थाना पुलिस की ओर से प्लॉट बेचने के नाम पर 27 लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी मोहन शेखावत को 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन आरोपी के गिरफ्तार होने के पीछे की कहानी कुछ और ही है. आरोपी ने सितंबर 2019 में 72 साल के कारोबारी नवरत्न शर्मा को 60 लाख रुपए में एक प्लॉट बेचने का झांसा देकर 27 लाख रुपए एडवांस लिए और जब परिवादी ने प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के लिए कहा तो आरोपी टालमटोल करता रहा. शक होने पर परिवादी ने जब अपने स्तर पर उस प्लॉट की जांच की तो वह प्लॉट किसी और के नाम से रजिस्टर्ड पायाा और तब जाकर परिवादी को उसके साथ हुई ठगी का पता चला. इसके बाद परिवादी ने बजाज नगर थाने में मोहन शेखावत के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज करवाया.
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वहीं, ठगी का मामला दर्ज होने के बाद पिछले डेढ़ साल से पुलिस आरोपी को तलाशती रही और उसे गिरफ्तार करने के लिए तकरीबन तीन दर्जन बार दबिश भी दी गई, लेकिन इसके बावजूद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर रहा. पुलिस जब भी आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पहुंचती तो उससे कुछ समय पहले ही आरोपी उस लोकेशन से फरार हो जाता. साल 2020 में भी जब पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए जयसिंहपुरा स्थित एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग पहुंची तो उसी वक्त आरोपी बैरिकेड को टक्कर मारकर फरार हो गया.
पुलिस ने मानी हार, लेकिन परिवादी का बेटा आरोपी का पीछा करता रहा
इस पूरे प्रकरण में डेढ़ साल से आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाने के चलते बजाज नगर थाना पुलिस ने प्रकरण में हार मान ली और आरोपी को तलाशना बंद कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ इस पूरे प्रकरण में परिवादी के बेटे गिरिराज ने हार नहीं मानी है. उन्होंने एक साइबर एक्सपर्ट और एक प्राइवेट डिटेक्टिव हायर किया है और सेवर एक्सपर्ट ने सोशल मीडिया के माध्यम से आरोपी मोहन शेखावत की सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखनी शुरू की है. आरोपी की लोकेशन को ट्रेस आउट किया. आरोपी की लाइव लोकेशन हासिल करने के बाद परिवादी के बेटे गिरिराज ने पुलिस को आरोपी की जानकारी दी, जिस पर पुलिस ने 28 जनवरी को दबिश देकर कलेक्ट्रेट के पास से कर्नाटक नंबर की एक कार में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.