जयपुर. राजधानी जयपुर की डेयरी में 11 जुलाई को पकड़े गए मिलावटी दूध से भरे टैंकरों के मामले में 50 दिन बाद भी कोई खास सफलता नहीं मिली है. वहीं दूसरी ओर डेयरी और सीएमएचओ से मिले दूध के सैंपल की जांच को लेकर भी अब लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि एसओजी ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से मिलावट को लेकर विरोधाभासी स्थिति को स्पष्ट करने को कहा था. जिसके बाद भी जयपुर डेयर प्रशासन के ही उच्च स्तर के अधिकारी इस मामले को स्पष्ट करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.
बता दें कि 11 जुलाई को 3 हजार 800 लीटर दूध से भरे टैंकर में मिलावट होने की आशंका हुई थी. डेयरी प्रशासन ने सैंपल लेकर उसकी जांच भी की थी. जिसमें दूध में वनस्पति तेल के मिलावट होने की पुष्टि भी सामने आई थी. इस मामले की शिकायत के बाद जयपुर डेयरी में एसओजी की टीम भी पहुंच गई थी और मामले में गंभीरता जताते हुए उन्होंने सीएमएचओ की टीम बुलाकर सैंपलिंग करवाई थी. जिसके बाद सीएमएचओ ने एसओजी को भेजी रिपोर्ट में दूध में मिलावट होने से इनकार कर दिया था.
इधर जयपुर डेयरी प्रशासन अपनी जांच रिपोर्ट को लेकर भी अड़ा हुआ है. उन्होंने डेयरी की रिपोर्ट को सही बताया है. अब एसओजी दोनों की विरोधाभासी स्थिति से निपटने के लिए दोबारा से जांच कराने और विरोधाभास दूर करने का प्रयास कर रही है. अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि डेयरी में रोजाना दूध से भरे सैकड़ों टैंकरों की जांच होना शुरू हो गई है. अगर रिपोर्ट में गड़बड़ी होती है तो आगे मिलावट रोकने के लिए एक बड़ी चुनौती भी साबित हो सकती है.
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वहीं डेयरी प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की मांग की है. वही जयपुर डेयरी के एमडी एके गुप्ता का कहना है कि डेयरी ने टैंकरों में मिलावटी दूध की पुष्टि अपनी रिपोर्ट के आधार पर की है. अगर दुग्ध समिति को भी निष्कासित कर दिया है टैंकरों के परिवहन पर रोक लगा दी है और कार्रवाई के लिए पुलिस को पत्र भी लिख दिया है. एके गुप्ता ने कहा हमें सीएमएचओ से कोई रिपोर्ट के प्राप्त नहीं हुई है. हमने कार्रवाई कर दी है अब एसओजी का इंतजार है कि एसओजी इस पर क्या कार्रवाई करती है.