कोटा: रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन पर घाटोली तक ट्रेन का संचालन किया जा रहा है. इसके आगे खिलचीपुर तक रेलवे ट्रैक पर निर्माण का कार्य पूरा हो गया था. रेलवे के संरक्षण आयुक्त मनोज अरोड़ा ने गुरुवार को इसका निरीक्षण किया. यह निरीक्षण नयागांवपुरा कुमारा व खिलचीपुर क्षेत्र में किया गया. इस क्षेत्र की दूरी 22.32 किलोमीटर है. इसमें ट्रेन को 130 गति से दौड़ा कर ट्रायल रन किया गया. सीआरएस अरोड़ा के साथ कोटा के डीआरएम अनिल कालरा ने रेल लाइन पर नए बने मोटर ट्रॉली व खिलचीपुर स्टेशन यार्ड निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण ) एम हाशमी, मुख्य परियोजना प्रबंधक विजय पांडे, प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर रामनेंद्र निगम सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.
कोटा के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन में 276 किलोमीटर का एरिया है. इस पर 3335 करोड़ रुपए से निर्माण करवाया जा रहा है. कोटा रेल मंडल के क्षेत्र में रामगंज मंडी से ब्यावरा तक 165 किलोमीटर का क्षेत्र है. इसमें रामगंज मंडी से नयागांवपुरा कुमार तक निर्माण हो गया है. इस प्रकार 126 किलोमीटर तक निर्माण हो गया है. शेष 39 किलोमीटर में इस वर्ष में ही निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है.
पढ़ें: कोटा के इस नए स्टेशन पर 2 साल बाद भी नहीं बढ़ी ट्रेनें, कैसे कम होगा जंक्शन का यात्री भार ?
2 घंटे की होगी बचत: सीनियर डीसीएम जैन ने बताया कि रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन में राजस्थान और मध्य प्रदेश के पांच जिले में होकर गुजर रहे है. इनमें कोटा, झालावाड़, राजगढ़, सीहोर और भोपाल शामिल है. रामगंज मंडी से भोपाल रेल लाइन बन जाने के बाद सीधी ट्रेन जा सकेगी और करीब 115 किलोमीटर की बचत होगी. इसमें काफी समय भी बचेगा. वर्तमान में ट्रेन नागदा, उज्जैन व सीहोर या फिर बारां- बीना रेल लाइन से होकर गुजरती है.
कालीसिंध थर्मल प्लांट को भी होगा फायदा: झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल प्लांट में भी कोयले की ढुलाई में करीब 42 किलोमीटर की कमी आएगी. वर्तमान में यह रुठियाई कोटा रामगंजमंडी होकर आती है. यह रूट 257 किलोमीटर पड़ता है, लेकिन रुठियाई ब्यावरा झालावाड़ होकर यह 215 किलोमीटर ही पड़ेगा.