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Happy Birthday Jaipur: विश्व पटल पर अमिट छाप छोड़ने वाला जयपुर हुआ 293 साल का, सदियों के इतिहास का रहा है गवाह - Femous food of Jaipur

दुनियाभर में पिंकसिटी के नाम से मशहूर जयपुर आज 293 बरस हो गया है. 18 नवंबर 1727 को गुलाबी नगरी की स्थापना पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी. हर साल 18 नवंबर को जयपुर का स्थापना दिवस मनाया जाता है. हालांकि इस बार कोविड-19 के चलते इस मौके पर बड़े स्तर पर कोई कार्यक्रम नहीं हो रहे है. दीपावली पर जयपुर की रोशनी का भी अपने आप में अलग ही आकर्षण रहता है. जयपुर के खानपान में दाल बाटी चूरमा के अलावा घेवर, खिचड़ी बाटी काफी फेमस है. पढ़ें पूरी खबर...

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
विश्व पटल पर अमिट छाप छोड़ने वाला जयपुर हुआ 293 साल का
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Published : Nov 18, 2020, 8:32 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 10:49 PM IST

जयपुर. गुलाबी नगर जयपुर और इसका इतिहास, जयपुर के फेसम बाजार और यहां की ऐतिहासिक इमारतें..यही खास आकर्षण देसी-विदेशी पर्यटकों को जयपुर खींच लाता है. यहां की कला संस्कृति, खानपान आज भी विश्व पटल पर अपनी अलग अहमियत रखता है. 10 सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल जयपुर आज 293 साल का हो गया है, लेकिन आज भी इसकी विरासत अपनी कहानी खुद कहती नजर आती है.

विश्व मानचित्र पर ऐतिहासिक नगरी में शामिल गुलाबी नगरी आज 293 साल की हो गई है. इस दौरान शहर ने कई बदलाव देखे हैं, लेकिन इन बदलावों के बीच भी आज यहां के किले, बावड़ियां, चौपड़ें, चौकड़ियां और दरवाजे शहर की धरोहर को बरकरार रखे हुए हैं. इसी का नतीजा है कि 2019 में जयपुर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट का तमगा भी मिला और आधुनिक दौर में पिंक सिटी अब मेट्रो सिटी भी बन गई है. पीढ़ियों से यहां बसे लोगों की मानें तो जयपुर शहर काफी बदल गया है.

विश्व पटल पर अमिट छाप छोड़ने वाला जयपुर हुआ 293 साल का

पढ़ेंः Special : 75 साल बाद भी सड़क, सीवरेज, ट्रैफिक जाम...पानी की सुविधाओं को तरसता दौसा

जयपुरवासी ग्यारसीलाल माली ने बताया कि जयपुर में पहले आबादी बहुत कम थी. जयपुर को बहुत ही अच्छे तरीके से बसाया गया है. शहर में सभी रास्ते एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. जयपुर जैसा नक्शा कहीं भी नहीं है. पहले जयपुर की राजधानी आमेर थी. पहले रेलगाड़ी और ऊंट गाड़ी की सवारी होती थी. इन्हीं गाड़ियों से लोग आते जाते थे. लेकिन अब बस टैक्सी, मैट्रो और अन्य साधन भी शुरू हो गए हैं. पहले जयपुर बहुत शांतिप्रिय था और प्रदूषण भी नहीं था. आज आबादी बढ़ने के साथ ही शांति कम हो रही है और प्रदूषण भी बढ़ गया है. पहले जयपुर परकोटा के चारों तरफ रात को दरवाजे बंद कर दिए जाते थे. जिससे बाहरी लोगों का आवागमन नहीं हो पाता था और किसी तरह की आपराधिक गतिविधियां होने की भी संभावना नहीं होती थी. कुल मिलाकर आज जयपुर शहर काफी बदल गया है.

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
जयपुर का हवा महल

आज जयपुर में छोटी छोटी गलियों में कॉलोनियां बसा दी गई हैं. पहले बड़े-बड़े रास्ते हुआ करते थे. जयपुर का खानपान भी देश विदेश में प्रसिद्ध है. यहां का दाल, बाटी, चूरमा और अन्य राजस्थानी खाना पर्यटकों को खूब भाता है. जयपुरवासी गिर्राज कुमावत ने बताया कि जयपुर पूरे विश्व में गुलाबी नगरी के नाम से प्रसिद्ध है. देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए जयपुर आकर्षण का केंद्र रहता है. जयपुर का राजस्थानी खाना काफी प्रसिद्ध है. दाल, बाटी, चूरमा, बाजरे की रोटी, राबड़ी और अन्य फेमस पकवान पर्यटकों के खाने की पसंद होती है.

टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि इस बार जयपुर का बर्थडे बहुत ही स्पेशल है. स्पेशल इसलिए है कि साल 2019 में जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया था. जयपुर में भूमिगत मेट्रो भी शुरू हो चुकी है. आज टूरिस्ट भी जयपुर के प्रति आकर्षित होते हैं. जयपुर की स्थापत्य कला अपने आप में अलग ही आकर्षण है. जयपुर की चौपड़, हवा महल, जंतर मंतर, अल्बर्ट हॉल, आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट, जयगढ़ किला, सिटी पैलेस समेत सभी पर्यटक स्थल वर्ल्ड फेमस हैं. इन सभी पर्यटक स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी जयपुर आते हैं.

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
यहां की लोककला सबसे अद्धभुत है

पढ़ेंः Special : चुनाव और दिवाली के बाद अब शादी सीजन बढ़ाएगा संक्रमण...दिसंबर रहेगा स्वास्थ्य पर भारी

जयपुर का नाहरगढ़ फोर्ट एक मुकुट के समान पहाड़ी पर सजा हुआ है. जयपुर का जंतर-मंतर वर्ल्ड फेमस वेधशाला है. जयपुर के धार्मिक स्थल भी काफी प्रसिद्ध हैं, यहां पर भी देश विदेश से सैलानी पहुंचते हैं. आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, आमेर शिला माता मंदिर, गढ़ गणेश मंदिर, मोती डूंगरी गणेश मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, ताड़केश्वर महादेव मंदिर समेत अनेक कई प्राचीन मंदिर हैं. फेस्टिवल में तीज गणगौर, होली, दिवाली पर भी सैलानी जयपुर की ओर आकर्षित होते हैं. जयपुर में आध्यात्म और संस्कृति का मेल होता दिखाई देता है. जयपुर में हर फेस्टिवल का अलग ही आनंद आता है.

दीपावली पर जयपुर की रोशनी का भी अपने आप में अलग ही आकर्षण रहता है. जयपुर के खानपान में दाल बाटी चूरमा के अलावा घेवर, खिचड़ी बाटी काफी फेमस है. जयपुर में मौसम के साथ-साथ खानपान का जायका भी बदलता रहता है. सर्दी के मौसम के साथ ही जयपुर में खिचड़ी और राबड़ी बनना शुरू हो गई है. जयपुर में इन चीजों को ज्यादा पसंद किया जाता है. जयपुर के लहंगा चुन्नी, यहां की प्यारी बोलियां, पधारो म्हारे देश जैसा स्वागत, बैठो सा, जीमो सा जैसी सुहानी बातें पर्यटकों को काफी लुभाती हैं.

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
विदेशी सैलानियों की पहली पसंद बना जयपुर

जयपुर में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है. पुरातत्व और पर्यटन स्थलों पर पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में लोक कलाकारों की शानदार प्रस्तुतिया देशी विदेशी सैलानियों को खूब पसंद आती है. कालबेलिया नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य, शहनाई वादन समेत अनेक कार्यक्रम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल जयपुर 18 नवंबर 2020 को 293 साल का हो गया है.

पढ़ेंः Special - विरासत के साथ विकास के पथ पर बढ़ रहा जयपुर, जानिए वर्ल्ड फेमस पिंक सिटी से जुड़ा इतिहास

जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 18 नवंबर 1727 को जयपुर शहर की स्थापना की थी. लगभग तीन सदियों से गुलाबी नगरी का गौरवशाली इतिहास रहा है. दुनिया भर से सैलानी गुलाबी नगर के भ्रमण के लिए आते हैं. जयपुर के पर्यटक स्थलों को देखकर पर्यटक भी काफी प्रसन्न होते हैं. यहां आने वाले पर्यटक गुलाबी नगरी के पर्यटक स्थलों पर शानदार पलों को अपने कैमरों में कैद कर ले जाते हैं.

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय

कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से इस बार कोई बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं. वहीं, जयपुर के स्थापना दिवस पर छोटे-मोटे कार्यक्रम और पौधारोपण जैसे कार्यक्रम आयोजित कर जयपुर वासी गुलाबी नगरी का हैप्पी बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से सरकार ने प्रदेशभर के पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया था, लेकिन अनलॉक के दौरान धीरे-धीरे सभी पर्यटक स्थलों को खोल दिया गया है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ पर्यटकों को प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं, सभी पर्यटक स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन की पालना के साथ विजिट करवाई जा रही है.

जयपुर. गुलाबी नगर जयपुर और इसका इतिहास, जयपुर के फेसम बाजार और यहां की ऐतिहासिक इमारतें..यही खास आकर्षण देसी-विदेशी पर्यटकों को जयपुर खींच लाता है. यहां की कला संस्कृति, खानपान आज भी विश्व पटल पर अपनी अलग अहमियत रखता है. 10 सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल जयपुर आज 293 साल का हो गया है, लेकिन आज भी इसकी विरासत अपनी कहानी खुद कहती नजर आती है.

विश्व मानचित्र पर ऐतिहासिक नगरी में शामिल गुलाबी नगरी आज 293 साल की हो गई है. इस दौरान शहर ने कई बदलाव देखे हैं, लेकिन इन बदलावों के बीच भी आज यहां के किले, बावड़ियां, चौपड़ें, चौकड़ियां और दरवाजे शहर की धरोहर को बरकरार रखे हुए हैं. इसी का नतीजा है कि 2019 में जयपुर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट का तमगा भी मिला और आधुनिक दौर में पिंक सिटी अब मेट्रो सिटी भी बन गई है. पीढ़ियों से यहां बसे लोगों की मानें तो जयपुर शहर काफी बदल गया है.

विश्व पटल पर अमिट छाप छोड़ने वाला जयपुर हुआ 293 साल का

पढ़ेंः Special : 75 साल बाद भी सड़क, सीवरेज, ट्रैफिक जाम...पानी की सुविधाओं को तरसता दौसा

जयपुरवासी ग्यारसीलाल माली ने बताया कि जयपुर में पहले आबादी बहुत कम थी. जयपुर को बहुत ही अच्छे तरीके से बसाया गया है. शहर में सभी रास्ते एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. जयपुर जैसा नक्शा कहीं भी नहीं है. पहले जयपुर की राजधानी आमेर थी. पहले रेलगाड़ी और ऊंट गाड़ी की सवारी होती थी. इन्हीं गाड़ियों से लोग आते जाते थे. लेकिन अब बस टैक्सी, मैट्रो और अन्य साधन भी शुरू हो गए हैं. पहले जयपुर बहुत शांतिप्रिय था और प्रदूषण भी नहीं था. आज आबादी बढ़ने के साथ ही शांति कम हो रही है और प्रदूषण भी बढ़ गया है. पहले जयपुर परकोटा के चारों तरफ रात को दरवाजे बंद कर दिए जाते थे. जिससे बाहरी लोगों का आवागमन नहीं हो पाता था और किसी तरह की आपराधिक गतिविधियां होने की भी संभावना नहीं होती थी. कुल मिलाकर आज जयपुर शहर काफी बदल गया है.

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
जयपुर का हवा महल

आज जयपुर में छोटी छोटी गलियों में कॉलोनियां बसा दी गई हैं. पहले बड़े-बड़े रास्ते हुआ करते थे. जयपुर का खानपान भी देश विदेश में प्रसिद्ध है. यहां का दाल, बाटी, चूरमा और अन्य राजस्थानी खाना पर्यटकों को खूब भाता है. जयपुरवासी गिर्राज कुमावत ने बताया कि जयपुर पूरे विश्व में गुलाबी नगरी के नाम से प्रसिद्ध है. देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए जयपुर आकर्षण का केंद्र रहता है. जयपुर का राजस्थानी खाना काफी प्रसिद्ध है. दाल, बाटी, चूरमा, बाजरे की रोटी, राबड़ी और अन्य फेमस पकवान पर्यटकों के खाने की पसंद होती है.

टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि इस बार जयपुर का बर्थडे बहुत ही स्पेशल है. स्पेशल इसलिए है कि साल 2019 में जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया था. जयपुर में भूमिगत मेट्रो भी शुरू हो चुकी है. आज टूरिस्ट भी जयपुर के प्रति आकर्षित होते हैं. जयपुर की स्थापत्य कला अपने आप में अलग ही आकर्षण है. जयपुर की चौपड़, हवा महल, जंतर मंतर, अल्बर्ट हॉल, आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट, जयगढ़ किला, सिटी पैलेस समेत सभी पर्यटक स्थल वर्ल्ड फेमस हैं. इन सभी पर्यटक स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी जयपुर आते हैं.

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
यहां की लोककला सबसे अद्धभुत है

पढ़ेंः Special : चुनाव और दिवाली के बाद अब शादी सीजन बढ़ाएगा संक्रमण...दिसंबर रहेगा स्वास्थ्य पर भारी

जयपुर का नाहरगढ़ फोर्ट एक मुकुट के समान पहाड़ी पर सजा हुआ है. जयपुर का जंतर-मंतर वर्ल्ड फेमस वेधशाला है. जयपुर के धार्मिक स्थल भी काफी प्रसिद्ध हैं, यहां पर भी देश विदेश से सैलानी पहुंचते हैं. आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, आमेर शिला माता मंदिर, गढ़ गणेश मंदिर, मोती डूंगरी गणेश मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, ताड़केश्वर महादेव मंदिर समेत अनेक कई प्राचीन मंदिर हैं. फेस्टिवल में तीज गणगौर, होली, दिवाली पर भी सैलानी जयपुर की ओर आकर्षित होते हैं. जयपुर में आध्यात्म और संस्कृति का मेल होता दिखाई देता है. जयपुर में हर फेस्टिवल का अलग ही आनंद आता है.

दीपावली पर जयपुर की रोशनी का भी अपने आप में अलग ही आकर्षण रहता है. जयपुर के खानपान में दाल बाटी चूरमा के अलावा घेवर, खिचड़ी बाटी काफी फेमस है. जयपुर में मौसम के साथ-साथ खानपान का जायका भी बदलता रहता है. सर्दी के मौसम के साथ ही जयपुर में खिचड़ी और राबड़ी बनना शुरू हो गई है. जयपुर में इन चीजों को ज्यादा पसंद किया जाता है. जयपुर के लहंगा चुन्नी, यहां की प्यारी बोलियां, पधारो म्हारे देश जैसा स्वागत, बैठो सा, जीमो सा जैसी सुहानी बातें पर्यटकों को काफी लुभाती हैं.

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
विदेशी सैलानियों की पहली पसंद बना जयपुर

जयपुर में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है. पुरातत्व और पर्यटन स्थलों पर पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में लोक कलाकारों की शानदार प्रस्तुतिया देशी विदेशी सैलानियों को खूब पसंद आती है. कालबेलिया नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य, शहनाई वादन समेत अनेक कार्यक्रम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल जयपुर 18 नवंबर 2020 को 293 साल का हो गया है.

पढ़ेंः Special - विरासत के साथ विकास के पथ पर बढ़ रहा जयपुर, जानिए वर्ल्ड फेमस पिंक सिटी से जुड़ा इतिहास

जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 18 नवंबर 1727 को जयपुर शहर की स्थापना की थी. लगभग तीन सदियों से गुलाबी नगरी का गौरवशाली इतिहास रहा है. दुनिया भर से सैलानी गुलाबी नगर के भ्रमण के लिए आते हैं. जयपुर के पर्यटक स्थलों को देखकर पर्यटक भी काफी प्रसन्न होते हैं. यहां आने वाले पर्यटक गुलाबी नगरी के पर्यटक स्थलों पर शानदार पलों को अपने कैमरों में कैद कर ले जाते हैं.

जयपुर का स्थापना दिवस, Foundation Day of Jaipur
जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय

कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से इस बार कोई बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं. वहीं, जयपुर के स्थापना दिवस पर छोटे-मोटे कार्यक्रम और पौधारोपण जैसे कार्यक्रम आयोजित कर जयपुर वासी गुलाबी नगरी का हैप्पी बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से सरकार ने प्रदेशभर के पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया था, लेकिन अनलॉक के दौरान धीरे-धीरे सभी पर्यटक स्थलों को खोल दिया गया है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ पर्यटकों को प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं, सभी पर्यटक स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन की पालना के साथ विजिट करवाई जा रही है.

Last Updated : Nov 18, 2020, 10:49 PM IST
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