जयपुर. कोराना संक्रमण प्रदेश में लगातार अपने पैर पसार रहा है और प्रदेश में हर दिन 2000 से अधिक संक्रमित मामले देखने को मिल रहे हैं. वहीं यदि टेस्टिंग क्षमता की बात करें तो चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में 45 हजार टेस्टिंग की क्षमता विकसित कर ली गई है और हर दिन करीब 30 हजार कोविड-19 टेस्ट प्रदेश में किए जा रहे हैं. बता दें कि वायरस का पता लगाने के लिए फिलहाल आरटी पीसीआर टेस्ट को ही प्राथमिकता दी गई है.
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि जब प्रदेश में 2 मार्च को कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था, तो चिकित्सा विभाग के पास टेस्टिंग के संसाधन उपलब्ध नहीं थे. लेकिन बीते 6 महीने में कोविड-19 टेस्टिंग की क्षमता को 45 हजार तक विकसित कर लिया गया है. ऐसे में अब हर दिन 30 हजार संदिग्ध मरीजों के टेस्ट किए जा रहे हैं. हालांकि मंत्री ने यह भी चिंता जाहिर की बीते कुछ समय से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन रिकवरी रेट 90 प्रतिशत से ज्यादा प्रदेश में अब पहुंच चुकी है.
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फिलहाल आरटी पीसीआर टेस्ट
प्रदेश में फिलहाल आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट द्वारा कोविड-19 संक्रमित मरीजों की जांच की जा रही है. चिकित्सा मंत्री ने दावा किया है कि आरटी पीसीआर टेस्ट ही बिल्कुल सटीक टेस्टिंग प्रणाली है. जिससे संक्रमण का पता लगाया जा सकता है. हालांकि हर दिन राजस्थान में 2 हजार से अधिक संक्रमित मामले भी देखने को मिल रहे हैं.
आंकड़ों के जरिए जानते हैं टेस्टिंग के हालात
एंटीजन टेस्ट नहीं कारगर
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि फिलहाल प्रदेश में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट द्वारा ही संक्रमित मरीजों की जांच की जा रही है, लेकिन आईसीएमआर द्वारा एंटीजन टेस्टिंग की बात भी कही जा रही है. हालांकि राजस्थान में फिलहाल एंटीजन टेस्टिंग के द्वारा जांच नहीं की जा रही और कुछ खुद चिकित्सा मंत्री ने एंटीजन टेस्ट पर सवाल भी उठाए हैं.
मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि उन्होंने आईसीएमआर से एंटीजन टेस्टिंग किट की मांग की थी, लेकिन उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए. ऐसे में करीब 100 एंटीजन टेस्ट एक निजी अस्पताल से चिकित्सा विभाग ने खरीदे और मंत्री ने बताया कि जब संक्रमित मरीजों पर एंटीजन टेस्टिंग किट द्वारा टेस्ट किए गए तो वह गलत साबित हुए.
आधे मरीजों को बताया नेगेटिव
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि उन्होंने करीब 100 पॉजिटिव मरीजों पर जब एंटीजन टेस्ट का इस्तेमाल किया था. करीब 50 मरीजों को एंटीजन टेस्टिंग किट ने नेगेटिव बताया. ऐसे में राज्य सरकार ने एंटीजन टेस्टिंग किट के विश्वसनीयता पर सवाल भी उठाए और आईसीएमआर को भी इसकी जानकारी उपलब्ध कराई गई.