जयपुर. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मीना शर्मा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता शोवित झाझडिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता साल 2018 की विशेष शिक्षक भर्ती में चयन होकर करीब डेढ़ साल से काम कर रहा है.
राज्य सरकार ने गत 10 फरवरी को एक आदेश जारी कर कहा कि उसके पास विशेष शिक्षा में दो साल का डिप्लोमा नहीं है. ऐसे में उसकी सेवा समाप्त की जाती है. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से जारी भर्ती विज्ञापन में अभ्यर्थी की पात्रता के तौर पर सिर्फ विशेष शिक्षा में डिप्लोमा होने की शर्त थी. विज्ञापन में डिप्लोमा की अवधि के बारे में कोई समयावधि तय नहीं थी.
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राज्य सरकार ने उसका चयन कर नियुक्ति दे दी और बाद में आदेश निकाल कर दो साल के डिप्लोमा की शर्त जोड दी, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं.