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कोरोना काल में टीचर्स को मुख्यालय बुलाने के फैसले का शिक्षक संगठन कर रहे विरोध - Rajasthan News

राजस्थान में स्कूली शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए शिक्षा मंत्री ने शिक्षक संगठनों के साथ वार्ता कर कई अहम फैसले लिए हैं. लेकिन, इसके साथ ही विभाग की ओर से निकाला गया एक आदेश विवाद का कारण बन गया है. दरअसल, लॉकडाउन के दौरान ही शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को मुख्यालय पर उपस्थिति देने का आदेश भी निकाला गया है, जिसका शिक्षक संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

Rajasthan News, राजस्थान में स्कूली शिक्षा
राजस्थान में शिक्षक संगठन शिक्षा विभाग के फैसले का कर रहे विरोध
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Published : May 8, 2020, 3:49 PM IST

Updated : May 9, 2020, 8:12 PM IST

जयपुर. कोरोना महामारी से पूरा प्रदेश जूझ रहा है. लगातार कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ती जा रही है. प्रदेश में ज्यादातर जिले कोरोना महामारी से प्रभावित हो चुके हैं, जिसके चलते लॉकडाउन जारी है. इस बीच शिक्षा मंत्री ने शिक्षक संगठनों से कई अहम मुद्दों पर वार्ता की और बड़े फैसले लिए. इनमें कुछ फैसलों की तो सराहना हो रही है. लेकिन, शिक्षकों को मुख्यालय पर बुलाए जाने के आदेश का विरोध भी हो रहा है.

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने मुख्यालय से बाहर रह रहे 54 हजार से ज्यादा शिक्षकों को 15 मई तक मुख्यालय पर उपस्थिति देने के निर्देश दिए हैं, जिसका शिक्षक संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

शिक्षक संगठन का विरोध

साथ ही इन फैसलों में रोजेदार शिक्षकों और गर्भवती शिक्षिकाओं को पूरी तरह ड्यूटी से मुक्त रखकर राहत दी गई है. वहीं, महिला शिक्षकों को रात के समय ड्यूटी पर नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा 10वीं 12वीं के एग्जाम हर हाल में कराए जाने, इंग्लिश मीडियम स्कूलों में जल्द ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने और स्कूलों की छुट्टियां 30 जून तक किए जाने जैसे कई अहम फैसले लिए गए हैं.

पढ़ें: प्रदेश में लॉकडाउन और कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर 5 हजार लोगों के खिलाफ 2350 मामले दर्

इस बीच शिक्षक संघ शेखावत के महावीर सिहाग ने कहा कि वर्तमान समय में प्रशासनिक ढर्रे के हिसाब से नहीं, कोरोना महामारी को देखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए. एक तरफ लॉकडाउन की पालना और कम से कम लोगों के मूवमेंट की बात की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों को बुलाना अनुचित फैसला है.

वहीं, शिक्षक संघ सियाराम के जगेश्वर शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी में करीब पौने दो लाख शिक्षक ड्यूटी दे रहे हैं और अब 54 हजार शिक्षकों को मुख्यालय पर बुलाया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि जिलों में अन्य विभाग के भी कर्मचारी मौजूद हैं, आखिर उनकी ड्यूटी क्यों नहीं लगाई जा रही है.

हालांकि प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के विपिन प्रकाश ने सरकार के फैसले का विरोध तो नहीं किया, लेकिन सार्वजनिक परिवहन के साधन उपलब्ध कराने और गांव में पहुंचने वाले शिक्षकों को स्कूलों में ही ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की.

शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए ये अहम फैसले

1. शिक्षा विभाग के विभिन्न पदों के लिए जो नियम पूर्व में बनाए गये हैं, जिनमें संशोधन और कई पदों पर नए नियम बनाने की बात सभी शिक्षक संगठनों द्वारा की गई, जिस पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा.
2. ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर विभागीय स्तर पर चर्चा कर कार्रवाई की जाएगी.
3. अल्पसंख्यक अध्यापक, जिन्होंने रमजान में रोजे रखे हैं, उनकी ड्यूटी ईद के बाद लगाई जाएगी.
4. गंभीर बीमारी से ग्रसित/गर्भवती महिलाओं/सेवानिवृत में दो वर्ष शेष रहे कार्मिकों/2 वर्ष की संतान वाली महिला कार्मिकों के लिए यथा सम्भव ड्यूटी में छूट होगी.
5. अन्नपूर्णा योजना के संबंध में सभी अन्य विकल्प ढूंढने पर सीएम से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा.
6. कोविड-19 में सरकारी कार्मिकों को एक जिले से दूसरे जिले जाने-आने के लिए सार्वजनिक परिवहन सुविधा को सीएम के संज्ञान में लाकर व्यवस्था की जाएगी.
7. रिव्यू डीपीसी/नियमित डीपीसी शीघ्र कराने और रोस्टर अपनाते हुए बैकलॉग भरने के निर्देश.
8. विवेकानन्द माॅडल विद्यालय में लगे कार्मिकों को वेतन संबंधी आ रही समस्या का निस्तारण करने के निर्देश.
9. ग्रीष्मकाल में अध्ययनरत बच्चों के पोषाहार वितरण को सुनिश्चित करने के निर्देश.
10. बोर्ड परीक्षाएं निश्चित रूप से कराए जाने पर सीएम के साथ चर्चा कर जल्द निर्णय लिया जाएगा.
11. शिक्षाकर्मी और पीडी हैड के कार्मिकों के लंबित वेतन जल्द जारी करने के निर्देश.
12. एल.डी.सी.भर्ती 2018 में नवचयनित कार्मिकों को ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्ति देने के निर्देश.
13. विभाग के कार्मिकों के साथ आमजन द्वारा दुर्व्यवहार पर पुलिस और प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई के निर्देश.
14. कफ्यूग्रस्त क्षेत्रों में कार्मिकों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक.
15. विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का परिणाम और नियुक्ति शीघ्र करने के लिए आरपीएससी और विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा.
16. ऐसे विद्यालय जहां एक हजार से अधिक का नामांकन हो, वहां दो पारियों में विद्यालय संचालित करने का प्रस्ताव,
17. 167 ब्लॉक में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन होगा शुरू, वहीं महात्मा गांधी विद्यालय में उर्दू का पद स्वीकृत किया जाएगा.
18.सभी पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश.
19. प्रत्येक विषय के महत्वपूर्ण बिन्दुओं की ई-कंटेंंट सामग्री ग्रीष्मकालीन अवकाश में विषय अध्यापकों द्वारा तैयार करने के निर्देश.

जयपुर. कोरोना महामारी से पूरा प्रदेश जूझ रहा है. लगातार कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ती जा रही है. प्रदेश में ज्यादातर जिले कोरोना महामारी से प्रभावित हो चुके हैं, जिसके चलते लॉकडाउन जारी है. इस बीच शिक्षा मंत्री ने शिक्षक संगठनों से कई अहम मुद्दों पर वार्ता की और बड़े फैसले लिए. इनमें कुछ फैसलों की तो सराहना हो रही है. लेकिन, शिक्षकों को मुख्यालय पर बुलाए जाने के आदेश का विरोध भी हो रहा है.

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने मुख्यालय से बाहर रह रहे 54 हजार से ज्यादा शिक्षकों को 15 मई तक मुख्यालय पर उपस्थिति देने के निर्देश दिए हैं, जिसका शिक्षक संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

शिक्षक संगठन का विरोध

साथ ही इन फैसलों में रोजेदार शिक्षकों और गर्भवती शिक्षिकाओं को पूरी तरह ड्यूटी से मुक्त रखकर राहत दी गई है. वहीं, महिला शिक्षकों को रात के समय ड्यूटी पर नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा 10वीं 12वीं के एग्जाम हर हाल में कराए जाने, इंग्लिश मीडियम स्कूलों में जल्द ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने और स्कूलों की छुट्टियां 30 जून तक किए जाने जैसे कई अहम फैसले लिए गए हैं.

पढ़ें: प्रदेश में लॉकडाउन और कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर 5 हजार लोगों के खिलाफ 2350 मामले दर्

इस बीच शिक्षक संघ शेखावत के महावीर सिहाग ने कहा कि वर्तमान समय में प्रशासनिक ढर्रे के हिसाब से नहीं, कोरोना महामारी को देखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए. एक तरफ लॉकडाउन की पालना और कम से कम लोगों के मूवमेंट की बात की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों को बुलाना अनुचित फैसला है.

वहीं, शिक्षक संघ सियाराम के जगेश्वर शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी में करीब पौने दो लाख शिक्षक ड्यूटी दे रहे हैं और अब 54 हजार शिक्षकों को मुख्यालय पर बुलाया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि जिलों में अन्य विभाग के भी कर्मचारी मौजूद हैं, आखिर उनकी ड्यूटी क्यों नहीं लगाई जा रही है.

हालांकि प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के विपिन प्रकाश ने सरकार के फैसले का विरोध तो नहीं किया, लेकिन सार्वजनिक परिवहन के साधन उपलब्ध कराने और गांव में पहुंचने वाले शिक्षकों को स्कूलों में ही ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की.

शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए ये अहम फैसले

1. शिक्षा विभाग के विभिन्न पदों के लिए जो नियम पूर्व में बनाए गये हैं, जिनमें संशोधन और कई पदों पर नए नियम बनाने की बात सभी शिक्षक संगठनों द्वारा की गई, जिस पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा.
2. ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर विभागीय स्तर पर चर्चा कर कार्रवाई की जाएगी.
3. अल्पसंख्यक अध्यापक, जिन्होंने रमजान में रोजे रखे हैं, उनकी ड्यूटी ईद के बाद लगाई जाएगी.
4. गंभीर बीमारी से ग्रसित/गर्भवती महिलाओं/सेवानिवृत में दो वर्ष शेष रहे कार्मिकों/2 वर्ष की संतान वाली महिला कार्मिकों के लिए यथा सम्भव ड्यूटी में छूट होगी.
5. अन्नपूर्णा योजना के संबंध में सभी अन्य विकल्प ढूंढने पर सीएम से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा.
6. कोविड-19 में सरकारी कार्मिकों को एक जिले से दूसरे जिले जाने-आने के लिए सार्वजनिक परिवहन सुविधा को सीएम के संज्ञान में लाकर व्यवस्था की जाएगी.
7. रिव्यू डीपीसी/नियमित डीपीसी शीघ्र कराने और रोस्टर अपनाते हुए बैकलॉग भरने के निर्देश.
8. विवेकानन्द माॅडल विद्यालय में लगे कार्मिकों को वेतन संबंधी आ रही समस्या का निस्तारण करने के निर्देश.
9. ग्रीष्मकाल में अध्ययनरत बच्चों के पोषाहार वितरण को सुनिश्चित करने के निर्देश.
10. बोर्ड परीक्षाएं निश्चित रूप से कराए जाने पर सीएम के साथ चर्चा कर जल्द निर्णय लिया जाएगा.
11. शिक्षाकर्मी और पीडी हैड के कार्मिकों के लंबित वेतन जल्द जारी करने के निर्देश.
12. एल.डी.सी.भर्ती 2018 में नवचयनित कार्मिकों को ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्ति देने के निर्देश.
13. विभाग के कार्मिकों के साथ आमजन द्वारा दुर्व्यवहार पर पुलिस और प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई के निर्देश.
14. कफ्यूग्रस्त क्षेत्रों में कार्मिकों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक.
15. विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का परिणाम और नियुक्ति शीघ्र करने के लिए आरपीएससी और विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा.
16. ऐसे विद्यालय जहां एक हजार से अधिक का नामांकन हो, वहां दो पारियों में विद्यालय संचालित करने का प्रस्ताव,
17. 167 ब्लॉक में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन होगा शुरू, वहीं महात्मा गांधी विद्यालय में उर्दू का पद स्वीकृत किया जाएगा.
18.सभी पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश.
19. प्रत्येक विषय के महत्वपूर्ण बिन्दुओं की ई-कंटेंंट सामग्री ग्रीष्मकालीन अवकाश में विषय अध्यापकों द्वारा तैयार करने के निर्देश.

Last Updated : May 9, 2020, 8:12 PM IST
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