जयपुर. शिक्षा विभाग के आदेश से आक्रोशित शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. दीपावली पर होने वाले मध्यावधि अवकाश को निरस्त करने के शिक्षा विभाग के आदेश के खिलाफ शिक्षक संगठनों ने सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है.
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ (रेस्टा) ने शिक्षा विभाग के आदेशों के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है. वहीं राजस्थान प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षक संघ ने 18 अक्टूबर को इन आदेशों की होली जलाने का ऐलान किया है. शिक्षक संघों का कहना है कि लर्निंग लॉस की आड़ में शिक्षकों को प्रताड़ित करने वाला आदेश निकाला गया है. जब पाठ्यक्रम में 30 फीसदी कटौती की जा चुकी है तो किस बात का लर्निग लॉस हो रहा है. शिक्षक लगातार बिना रुके 7 जून से विद्यालय आ रहे हैं. कोरोना में ड्यूटियां कर रहे हैं. ऑनलाइन अध्यापन कार्य भी कर रहे हैं.
शिक्षकों ने कोरोना ड्यूटी के साथ-साथ विद्यालय के समस्त कार्य, स्माइल 3.0 में अध्यापन और जांच की दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन भी किया है. कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की ओर से कॉलेजों में 9 दिन का दीपावली अवकाश घोषित किया जा चुका है. तो विद्यालयों में क्यों नहीं ? जबकि परिणाम की जिम्मेदारी शिक्षक और संस्था प्रधान की है, तो फिर विभाग शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों करने पर तुला हुआ है?
शिक्षक संगठनों का तर्क है कि बहुत से शिक्षक 500-700 किलोमीटर दूर लगातार 7 जून से ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में दीपावली पर तीन दिन का जो अवकाश घोषित किया गया है. उतना समय तो ऐसे शिक्षकों को घर आने-जाने में ही लग जाएंगे. इसलिए शिक्षक संघों की मांग है कि मध्यावधि अवकाश के संबंध में जारी आदेश पर पुनर्विचार किया जाए और इसे पूर्ववत रखा जाए.
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रेस्टा के प्रदेशाध्यक्ष भैरूराम चौधरी ने इन आदेशों को वापस नहीं लेने पर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है. वहीं, राजस्थान प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि मध्यावधि अवकाश संबंधी आदेशों के विरोध में 18 अक्टूबर को इन आदेशों की होली जलाई जाएगी.