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Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा पर शिष्य करेंगे अपने गुरुओं का पूजन, पूरा दिन है शुभ मुहूर्त

पूरे देश में बुधवार को गुरुजनों को समर्पित पर्व गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) मनाई जाएगी. शिष्य अपने गुरुजनों का पूजन करेंगे. इस बार पूरा दिन गुरु पूजन के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त है. ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन अनेक मठ, मंदिर और शिक्षा मंदिरों में गुरुओं की पूजा-अर्चना की जाएगी. मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा से ही वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है.

Guru Purnima 2022
गुरु पूर्णिमा पर शिष्य करेंगे अपने गुरुओं का पूजन
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Published : Jul 13, 2022, 6:52 AM IST

Updated : Jul 13, 2022, 8:12 AM IST

जयपुर. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस वर्ष आषाढ़ महीने की पूर्णिमा आज यानी 13 जुलाई को है. ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि गुरु के पूजन के लिए शिष्यों को ये दिन मिलता है. गु - अंधकार और रु - प्रकाश, मतलब अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला ही गुरु होता है.

गुरु आध्यात्मिक, धार्मिक, संगीत और शिक्षा देने वाला हो सकता है. इस दौरान लोग अपने राजनीतिक गुरुओं की भी पूजा करते हैं (Guru purnima teachers Worshiped), इसलिए कहा गया है...
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरु: साक्षात् परम् ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।।

पूरा दिन है शुभ मुहूर्त

यही वजह है कि गुरु को सर्वोपरि माना जाता है. उन्होंने बताया इस बार गुरु पूर्णिमा पर पूरा दिन गुरु पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ है. ज्योतिष गणित के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर शनि वक्रीय हो रहे हैं. शनि उल्टी चाल चलेंगे जो कुछ राशियों के लिए अच्छा, तो कुछ राशियों के लिए संघर्ष की स्थिति पैदा करेंगे.

पढ़ें-शनिदेव ने बदली है चाल, 7 राशियों को मिलेगा अपना प्यार, इन लोगों में बढ़ेगी तकरार

क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा?: पौराणिक मान्यता है कि आषाढ़ माह की पूर्णिमा को ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. महर्षि वेदव्यास का सनातन संस्कृति में काफी खास योगदान रहा. उनके इसी योगदान को देखते हुए आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इसके अलावा आषाढ़ पूर्णिमा पर व्रत रखना भी श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन व्रत रखने वाले लोग विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं.

जयपुर. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस वर्ष आषाढ़ महीने की पूर्णिमा आज यानी 13 जुलाई को है. ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि गुरु के पूजन के लिए शिष्यों को ये दिन मिलता है. गु - अंधकार और रु - प्रकाश, मतलब अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला ही गुरु होता है.

गुरु आध्यात्मिक, धार्मिक, संगीत और शिक्षा देने वाला हो सकता है. इस दौरान लोग अपने राजनीतिक गुरुओं की भी पूजा करते हैं (Guru purnima teachers Worshiped), इसलिए कहा गया है...
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरु: साक्षात् परम् ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।।

पूरा दिन है शुभ मुहूर्त

यही वजह है कि गुरु को सर्वोपरि माना जाता है. उन्होंने बताया इस बार गुरु पूर्णिमा पर पूरा दिन गुरु पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ है. ज्योतिष गणित के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर शनि वक्रीय हो रहे हैं. शनि उल्टी चाल चलेंगे जो कुछ राशियों के लिए अच्छा, तो कुछ राशियों के लिए संघर्ष की स्थिति पैदा करेंगे.

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क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा?: पौराणिक मान्यता है कि आषाढ़ माह की पूर्णिमा को ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. महर्षि वेदव्यास का सनातन संस्कृति में काफी खास योगदान रहा. उनके इसी योगदान को देखते हुए आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इसके अलावा आषाढ़ पूर्णिमा पर व्रत रखना भी श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन व्रत रखने वाले लोग विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं.

Last Updated : Jul 13, 2022, 8:12 AM IST
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