जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय जयपुर एयरपोर्ट की ऑपरेशन एरिया में विमानन कंपनियों के संचालित हो रहे अवैध वाहनों पर आरटीओ ने कार्रवाई 1 साल पहले की थी. लेकिन टैक्स की अभी तक वसूली नहीं की गई है. विमानन कंपनियों के 150 से अधिक वाहनों पर करीब 5 करोड़ का टैक्स बकाया है. ऐसे में अब परिवहन विभाग की ओर से दोबार वसूली की जाएगी.
बता दें कि इस टैक्स की वसूली के लिए परिवहन विभाग के मुख्यालय में बैठक आयोजित की गई. जिसमें विभाग के अधिकारियों से लेकर मंत्री तक ने नाराजगी जताई. जयपुर आरटीओ राजस्व वसूली में प्रेदश में हमेशा पीछे रहता है. पिछले साल राजस्व अधिसूचना निर्देशालय ने एयरपोर्ट पर छापा मारकर कंपनियों की ओर से वाहनों की टैक्स चोरी और राजस्व के नुकसान का खुलासा भी किया था. साथ ही 100 से अधिक वाहनों की सूची भी परिवहन विभाग को सौंपी थी. लेकिन विभाग के की और से अभी तक टैक्स भी वसूला नहीं गया है. विभाग को टैक्स वसूलने के दिशा निर्देश दिए गए. इसके साथ ही जनवरी महीने में भी जयपुर आरटीओ टीम ने एयरपोर्ट जाकर 7 दिन तक प्रत्येक वाहनों की जांच रिपोर्ट तैयार की थी.
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि जिन वाहनों का इस्तेमाल यात्रियों को बसों में बैठाकर प्लेन तक ले जाने के लिए किया जाता है. वह बिना रजिस्ट्रेशन ही चल रहे हैं. दूसरे राज्यों के वाहन भी बिना टैक्स चुकाए चलाए जा रहे है. उस दौरान एयरपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए गए उड़न दस्ते को पहले ऑपरेशन एरिया में प्रवेश नहीं दिया गया था. जिसके बाद वहां कार्रवाई नहीं की गई थी.
परिवहन आयुक्त बोले, जारी किया गया नोटिस...
इस संबंध में परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि, जयपुर एयरपोर्ट पर एयरलाइंस कंपनियों की बसें हैं, जो यात्रियों को सिक्योरिटी चेकिंग के बाद एरोप्लेन तक ले जाती है. उनमें काफी बसें ऐसी हैं, जिसका परिवहन विभाग को टैक्स नहीं दिया जाता है. कुछ बसों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है. इन बसों का करीब 5 करोड़ से ज्यादा का टैक्स बकाया है. इस संबंध में एयरलाइंस कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है. जिसके बाद कुछ कंपनियों ने रेगुलर टैक्स जमाना शुरू कर दिया है.
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साथ ही बताया कि कुछ कंपनियों ने अभी तक टैक्स जमा नहीं करवाया है. उन कंपनियों के साथ मीटिंग भी की गई है. कंपनियों से बसों के दस्तावेज मांगे गए थे और वह उन्होंने दिए हैं. लेकिन विभाग ने जांच में पाया कि, एयरलाइंस कंपनियों की ओर से जो बसें चलाई जा रही हैं, उनका 5 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है. ऐसे में विभाग के की ओर से उन कंपनियों को नोटिस भी दिया गया है. विभाग ने एक नोटिस जारी कर उनसे कहा है कि, वह नियमित रूप से टैक्स जमा करवाएं अन्यथा विभाग की ओर से उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.