जयपुर. राजधानी में CGST एंटी इवेजन शाखा का एक बड़ा एक्शन देखने को मिला है. 14 फर्मों के दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हुए 212 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जारी कर टैक्स चोरी करने का मामला सामने आया है. फर्जीवाड़े से 42 करोड़ 82 लाख रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट से GST चोरी की गई है. 14 फर्मों के दस्तावेजों का अवैध उपयोग करते हुए सीमेंट, साइन बोर्ड का फर्जी तरीके से बेचान दिखाया गया है.
CGST आयुक्त महेंद्रपाल सिंह के नेतृत्व में उपायुक्त शुभ अग्रवाल और उनकी टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. CGST टीम ने 212 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जारी कर टैक्स चोरी करने के मामले में सोडाला निवासी प्रदीप कुमार बंसल को गिरफ्तार किया है. आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश किया गया, जहां से 30 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है.
जानकारी के मुताबिक CGST आयुक्तालय जयपुर के पास कोटपूतली में 8 फर्मों की ओर से करोड़ों रुपए लेन-देन किए जाने से संबंधित एक गुप्त सूचना पहुंची थी. प्राथमिक जांच के बाद CGST आयुक्त जयपुर के निर्देश पर उपायुक्त शुभ अग्रवाल के नेतृत्व में CGST टीम ने कोटपूतली में कार्रवाई की है.
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कार्रवाई करने पहुंचे CGST अधिकारियों को परिसर मालिक ने परिसर स्थल से किसी भी तरह के कारोबार किए जाने से अनभिज्ञता जाहिर की. उसने बताया कि यह सभी फर्मे सीमेंट का कारोबार करने वाले प्रिंस ट्रेडर्स के मालिक प्रदीप कुमार बंसल ने बनवाई और वह व्यक्ति इन सभी फर्मो के नाम से लेन-देन करता है. इसके बाद CGST की एंटी इवेजन शाखा ने प्रदीप कुमार बंसल के घर पर कार्रवाई की.
जांच पड़ताल में सामने आया कि प्रदीप कुमार बंसल ने 14 फर्मो के माध्यम से कुल 212 करोड़ रुपए के सीमेंट, साइन बोर्ड और अन्य उत्पादों के फर्जी बिल जारी कर 42 करोड 82 लाख रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट का दुरुपयोग किया है. फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद CGST अधिकारियों ने प्रदीप कुमार बंसल को गुरुवार देर रात को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को शुक्रवार को आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश किया गया.
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जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध न्यायालय को सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनवारी लाल धाकड़ ने बताया कि विभिन्न व्यक्तियों के निजी दस्तावेज हासिल कर फर्मे बनाकर फर्जीवाड़ा किया गया है. मामले की सुनवाई के बाद आर्थिक अपराध न्यायालय ने आरोपी प्रदीप कुमार बंसल को 30 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं. फर्जी बिलों के माध्यम से जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ CGST कार्यालय ही नहीं बल्कि डीजीजीआई भी काफी समय से कार्रवाई कर रहा है.
इस तरह के मामलों में अब तक अनेक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. लेकिन, इसके बावजूद भी फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों को कुछ खास सबक मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा. उम्मीद है कि इस कार्रवाई के बाद फर्जी बिलों के माध्यम से GST चोरी करने वालों को सबक मिलेगा. फिलहाल, CGST के अधिकारी पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटे हुए हैं.