जयपुर. राजस्थान राजीव गांधी पैराटीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स और शिक्षा कर्मियों की संयुक्त संघर्ष समिति की राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल हो गई है. संघर्ष समिति की ओर से 5 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने शासन सचिवालय में संयुक्त सचिव और मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी से वार्ता की. वार्ता विफल होने के बाद संघर्ष समिति ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है.
प्रदेश के राजीव गांधी पैराटीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लंबे समय से नियमित करने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. इस मामले को लेकर दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान पिछले 6 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं. 15 अक्टूबर से सैकड़ों राजीव गांधी पैराटीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी शहीद स्मारक पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश भी जता रहे हैं. मंगलवार शाम को संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने वार्ता के लिए बुलाया था.
पढ़ें- राजस्थान : पुलिस थानों में अब नहीं हो सकेगा पूजा स्थलों का निर्माण, आदेश जारी
संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी ललित कुमार शर्मा के साथ वार्ता हुई. शमशेर भालू खान ने कहा कि नियमित करने की मांग कर रहे हैं. जबकि सरकार मानदेय बढ़ाने की बात करती है. इसलिए वार्ता को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई.
अधिकारियों पर सहयोग नहीं करने का लगाया आरोप
शमशेर भालू खान ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान राजीव गांधी, पैराटीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी रीट पास नहीं है. इन्हें नियमित नहीं किया जा सकता है. इस पर उन्होंने कहा कि जब यह रीट पास नहीं है तो हम लोग गैर कानूनी तरीके से पढ़ा रहे हैं. तुरंत हटाया जाए. ऐसा करने से भी अधिकारियों ने मना कर दिया. अधिकारियों ने बात करने में सहयोग नहीं किया. अधिकारी वार्ता से बीच में ही उठकर चले गए. शमशेर भालू खान ने अधिकारियों पर वार्ता के दौरान सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है. सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से वार्ता में भी पूरा सहयोग नहीं मिल पाया.