जयपुर. जमीन अवाप्ति के मसले पर जमीन समाधि लेने वाले नींदड़ के किसानों से जेडीए प्रशासन ने एक बार फिर वार्ता का दौर शुरू किया है. इस बार नींदड़ के किसानों से उनकी मांगें भी पूछी जा रही है, और सुझाव भी. जिनका परीक्षण कर नीतिगत निर्णय लिया जाएगा.
जेडीए की पुरानी योजनाओं में चाहे न्यायिक विवाद हो या काश्तकार और जेडीए के बीच समझौता नहीं होने का. जिनकी वजह से योजना आज तक एग्जिक्यूट नहीं हो पाई हो. ऐसी पुरानी सभी योजनाओं को प्राथमिकता पर बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को नींदड़ आवासीय योजना के आरक्षण पत्रधारियों की संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से बात की गई. उनकी जो अपेक्षाएं और मांगे हैं, उनको सुना गया. साथ ही लिखित में भी प्राप्त किया गया.
इस संबंध में जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि नींदड़ के किसानों की एक संघर्ष समिति से शुक्रवार को वार्ता की गई है. इसी तरह नींदड़ के एक अन्य ग्रुप को भी बुलाया गया है. उनसे भी वार्ता की जाएगी. इनसे मिलने वाले सुझावों और उनकी मांगों को जोड़कर परीक्षण कर नीतिगत निर्णय लिया जाएगा. जिसे राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा, जिससे इस योजना के गतिरोध को समाप्त किया जा सके.
बता दें कि नींदड़ आरक्षण पत्र धारी किसान संघर्ष समिति ने रिंग रोड में किसानों को दी गई सुविधाओं की तर्ज पर 1 टोकन मनी लीज राशि पर भूखंडों का आवंटन, विभाजन और एकीकरण निशुल्क करने, खातेदारों को आरक्षण पत्र बेचान का अधिकार देने, अवाप्तशुदा खसरा नंबरों के 20 प्रतिशत आवासीय भूखंड सीकर रोड/200 फ़ीट सेक्टर रोड के आसपास आवंटित करने और 5 प्रतिशत व्यवसायिक भूखंड 100 फीट, 120 फीट, 150 फीट और 200 फीट रोड पर देने, योजना में निर्मित खातेदारों के मकानों का नकद मुआवजा वर्तमान बीएसआर दर से देने, जेडीए द्वारा भूमि पर बने हुए निर्माण का मुआवजा बीएसआर 2006 के अनुसार देने, खातेदारों की भूमि समर्पण दिनांक से 30 दिन में आरक्षण पत्र देने और विकसित भूमि के भूखंड देने की मांग की.