जयपुर. राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कई मुद्दों पर ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. चाहे वो हेमाराम चौधरी का इस्तीफा हो, विधायक मदन प्रजापत के आरोप हों या फिर पंजाब की राजनीति. उन्होंने साफगोई से ईटीवी भारत के सवालों के उत्तर दिये.
हेमाराम के इस्तीफे की वजह
बाड़मेर के गुडामालानी से विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को लेकर चर्चाएं थीं कि उन्होंने हरीश चौधरी की दखलंदाजी से नाराज हो कर इस्तीफा दिया है. इस पर चौधरी ने कहा कि हेमाराम के इस्तीफ से उनका कोई संबंध नहीं है. हेमाराम चौधरी से मेरे पहले भी अच्छे रिश्ते थे और आज भी अच्छे रिश्ते हैं. हेमाराम चौधरी ने खुद कहा है कि वह इस्तीफे का कारण वे वक्त आने पर बता देंगे. हेमाराम जी जो बोलते हैं वही करते हैं. ऐसा नहीं है कि वे कमरे के अंदर अलग बात कहें और कमरे के बाहर अलग.
विधायक मदन प्रजापत के आरोपों पर
पचपदरा विधायक मदन प्रजापत के आरोपों पर भले ही हेमाराम चौधरी ने हरीश चौधरी का नाम नहीं लिया हो. लेकिन बाड़मेर के पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत ने खुलकर हरीश चौधरी पर आरोप लगाए. इन आरोपों पर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि मदन प्रजापत ने जिस विषय में मेरा नाम लिया है, अगर उस विषय पर अभी वे जवाब देंगे तो कोविड-19 से चल रही लड़ाई से भटक जाएंगे. ऐसे में अभी हमारी प्राथमिकता अपनी क्षमता और समय का इस्तेमाल कोविड-19 से लड़ने में करना है. जो भी आरोप मदन प्रजापत ने मेरे ऊपर लगाए हैं, उस बात का जवाब मैं फैक्ट और फिगर के साथ समय आने पर दूंगा.
राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियां और कैबिनेट विस्तार
राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों और कैबिनेट विस्तार के सवाल पर उन्होंने कहा कि कैबिनेट का पूर्ण अधिकार मुख्यमंत्री के पास है. मुख्यमंत्री ही उचित समय पर कैबिनेट विस्तार का फैसला करेंगे. उन्होंने कहा कि आज प्राथमिकता कोविड-19 से लड़ाई है. मुख्यमंत्री इसी में जुटे हैं. दूसरी चीजों के बारे में निर्णय लेना है या नहीं लेना यह मुख्यमंत्री पर है. संगठन में जो निर्णय होने हैं वह प्रदेश प्रभारी और संगठन के अध्यक्ष को लेने हैं. पूरा संगठन कोविड-19 में काम रहा है. मेरे क्षेत्र में मुझे किसी ने नहीं कहा कि हमें राजनीतिक नियुक्ति चाहिएं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हां संगठन बनना चाहिए. लेकिन आज ही बने, यह प्रश्न रिलेवेंट नहीं है. अभी कोविड-19 चल रहा है और जब कोविड-19 जाएगा उसके बाद संगठन को लेकर निर्णय ले लिए जाएंगे.
कोविड-19, पोस्ट कोविड और कोरोना की तीसरी लहर
मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि उनके क्षेत्र बायतु में 15 लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. ऐसे में ये नहीं कह सकते की कोविड-19 की दूसरी लहर समाप्त हो गई है. अभी हम कोविड-19 की दूसरी लहर से मुकाबला कर रहे हैं. जैसा विशेषज्ञ कह रहे हैं कि तीसरी वेव आ सकती है, उससे भी गंभीर बात ये है कि अगर कोरोना म्यूटेंट हो गया तो फिर सरकारों के सामने बड़ी दिक्कत आ खड़ी होगी. क्योंकि अब तक का वैक्सीन कोरोना के पुराने वैरीअंट के लिए था. अगर कोरोना म्यूटेंट होकर चेंज हुआ तो फिर हमें तैयारियां वापस करनी होंगी. ऐसे में लोगों को पूरी सावधानी बरतते हुए अभी कोरोना गाइड लाइन का पूरा ध्यान रखना चाहिए.
पढ़ें- पंजाब कांग्रेस कलह : बैठक का तीसरा दिन, महत्वपूर्ण विषयों पर हो रही चर्चा
पंजाब की राजनीति और हरीश चौधरी
हरीश चौधरी पंजाब के सह प्रभारी रह चुके हैं. माना जा रहा है कि वे बगावती तेवर अपना रहे पंजाब के विधायकों के संपर्क में है. चर्चा यह भी है कि राहुल गांधी से बागी विधायकों की बात करवाने का जिम्मा भी चौधरी का ही है. बताया जा रहा है कि पंजाब के एक विधायक के साथ हरीश चौधरी की बातचीत का एक ऑडियो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर तक पहुंचा है. जिसे उन्होंने कांग्रेस आलाकमान तक भिजवा दिया है.
पंजाब में दखल नहीं- चौधरी
ईटीवी भारत से खास बात करते हुए हरीश चौधरी ने इस बात का खंडन किया कि पंजाब में वर्तमान राजनीति की स्थितियों में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें औपचारिक रूप से कोई जिम्मेदारी दी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 7 साल पंजाब की राजनीति को दिए हैं. वहां के विधायकों और नेताओं से उनके अच्छे संबंध है. वे लगातार उनके संपर्क में रहते भी हैं और बात भी करते हैं. लेकिन पंजाब की वर्तमान राजनीति में उनका सीधा दखल नहीं है.
पंजाब में बागी विधायकों से संपर्क
मंत्री हरीश चौधरी को लेकर चर्चाएं हैं कि वे पंजाब में हो रही राजनीतिक उठा-पटक के बीच उन विधायकों से संपर्क में हैं जो बगावत कर रहे हैं. पंजाब के विधायकों से संपर्क के सवाल पर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पंजाब में मैंने अपने जीवन के 7 साल दिए हैं. मैं पंजाब की हर विधानसभा और हर ब्लॉक में कई बार गया हूं. मेरे वहां के लोगों से अच्छे संबंध हैं और वह व्यक्तिगत हैं. लेकिन अभी जो घटनाक्रम पंजाब में चल रहा है उसकी मुझे प्रत्यक्ष तौर पर कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. इस पूरे घटनाक्रम में किसी तरीके का कोई अधिकारिक रोल मुझे पंजाब में नहीं दिया गया है. पंजाब में 3 सदस्य कमेटी बनी हुई है. वह कमेटी और पार्टी ही निर्णय करेगी कि पंजाब में क्या करना है.
पंजाब में अनौपचारिक भूमिका ?
हालांकि उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि आधिकारिक तौर पर इस घटना को लेकर तो विधायकों से मेरा कोई संपर्क नहीं है. लेकिन मैं उनके साथ 7 साल रहा हूं. ऐसे में मेरी उनसे निरंतर बात होती रहती है. चाहे वो कोविड-19 के विषय में हो या फिर कोई अन्य व्यक्तिगत बात पर. ऐसे में मंत्री हरीश चौधरी ने साफ कर दिया है कि पंजाब की राजनीति को लेकर भले ही उन्हें औपचारिक रूप से जिम्मेदारी नहीं दी गई हो लेकिन अनौपचारिक जिम्मेदारी को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा. मतलब साफ है कि इशारों ही इशारों में उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वे पंजाब के विधायकों के संपर्क में हैं.