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Womens Day Special: स्वाति ने तीर-कमान से लिखी सफलता की कहानी...अभी साधने हैं कई निशाने - तीरंदाज स्वाति दूधवाल स्पेशल स्टोरी

राजस्थान की एक महिला तीरंदाज का निशाना अर्जुन की तरह अचूक है. जब ये तीरदांज निशाना लगाती हैं तो जीत उनकी कदम चूमती है. यही वजह है कि चूरू के सुजानगढ़ की स्वाति दूधवाल ने तीरंदाजी में अपने सटीक निशानों के बलबूते अर्जुन अवॉर्ड और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार अपने नाम करना चाहती हैं. हाल ही में उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है.

Swati Dudhwal of Sujangarh  Churu news
स्वाती दूधवाल ने तीरदांजी में बनाया मुकाम
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Published : Mar 7, 2021, 10:40 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 10:02 AM IST

जयपुर. 8 मार्च को पूरे विश्व में महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है और आधी आबादी के तौर पर महिलाएं हमारे समाज और जीवन का एक मजबूत आधार भी है. महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना असंभव है. महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व साबित कर रही है. एक ऐसी ही राजस्थान की महिला तीरंदाज है, जिन्होंने अपने तीर और कमान से सटीक निशाने लगाए और भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है.

स्वाती दूधवाल ने तीरदांजी में बनाया मुकाम

हम बात कर रहे हैं राजस्थान की तीरंदाज स्वाति दूधवाल की, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम किए हैं. साथ ही हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है. चूरू के सुजानगढ़ की रहने वाली स्वाति पहले वालीबॉल खेला करती थी लेकिन इसके बाद उन्होंने आर्चरी यानी तीरंदाजी खेल को अपनाया और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम कर देश का ही नहीं बल्कि राजस्थान का नाम भी रोशन किया. अब स्वाति की निगाहें तीरंदाजी में अपने सटीक निशानों के बलबूते अर्जुन अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पर भी हैं.

परिवार वालों का रहा सहयोग

स्वाति ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि वह एक खिलाड़ी बने ऐसे में सबसे पहले स्वाति ने वॉलीबॉल खेल खेलना शुरू किया लेकिन इसके बाद स्वाति ने तीरंदाजी खेल को अपनाया और स्टेट लेवल पर काफी मेडल भी जीते. स्वाति बताती है कि इस दौरान उनके परिवार वालों का पूरा सहयोग रहा और इसी की बदौलत आज खेल के क्षेत्र में वह एक अलग मुकाम बना पाई है और उन्हें खुशी है कि हाल ही में उनका सिलेक्शन एक बार फिर भारतीय टीम में किया गया है, जहां वह देश का प्रतिनिधित्व करेगी.

कई मेडल किए अपने नाम

शुरुआती समय में स्वाति ने राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम की है जिसमें राजस्थान स्टेट आर्चरी चैंपियनशिप में स्वाति ने अपना पहला इंडिविजुअल गोल्ड मेडल जीता इसके अलावा ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में भी स्वाति ने मेडल अपने नाम किया.

यह भी पढ़ें. Womens Day Special: इस महिला पुलिस अधिकारी ने आसाराम को पहुंचाया था सलाखों के पीछे

वर्ष 2013 में मंगोलिया में आयोजित हुए सेकंड एशियन आर्चरी ग्रैंड प्रिक्स में टीम इवेंट में स्वाति ने ब्रोंज मेडल जीता तो वही वर्ष 2015 में थाईलैंड में आयोजित 19वीं एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में स्वाति ने टीम इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. इसके अलावा वर्ष 2016 मंगोलिया में आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में टीम इवेंट में स्वाति ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया इसके अलावा स्वाति ने देश-विदेश में आयोजित कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया और मेडल जीते.

बढ़ रही भागीदारी

स्वाति का कहना है कि खेल के क्षेत्र में अब महिलाएं आगे आने लगी है और अपने दम पर एक अलग मुकाम बना रही है. साथ ही स्वाति ने परिजनों से अपील करते हुए कहा है कि वह अपनी लड़कियों को खेल के क्षेत्र में भाग लेने के लिए प्रेरित करें क्योंकि एक नहीं कहावत अब शुरू हो चुकी है "पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब खेलोगे कूदोगे तो बनोगे लाजवाब". साथ ही स्वाति ने प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि खिलाड़ियों को सरकारी क्षेत्र में जो नौकरी का तोहफा दिया गया है, उससे बच्चों के खेल की रूचि बढ़ेगी.

जयपुर. 8 मार्च को पूरे विश्व में महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है और आधी आबादी के तौर पर महिलाएं हमारे समाज और जीवन का एक मजबूत आधार भी है. महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना असंभव है. महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व साबित कर रही है. एक ऐसी ही राजस्थान की महिला तीरंदाज है, जिन्होंने अपने तीर और कमान से सटीक निशाने लगाए और भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है.

स्वाती दूधवाल ने तीरदांजी में बनाया मुकाम

हम बात कर रहे हैं राजस्थान की तीरंदाज स्वाति दूधवाल की, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम किए हैं. साथ ही हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है. चूरू के सुजानगढ़ की रहने वाली स्वाति पहले वालीबॉल खेला करती थी लेकिन इसके बाद उन्होंने आर्चरी यानी तीरंदाजी खेल को अपनाया और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम कर देश का ही नहीं बल्कि राजस्थान का नाम भी रोशन किया. अब स्वाति की निगाहें तीरंदाजी में अपने सटीक निशानों के बलबूते अर्जुन अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पर भी हैं.

परिवार वालों का रहा सहयोग

स्वाति ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि वह एक खिलाड़ी बने ऐसे में सबसे पहले स्वाति ने वॉलीबॉल खेल खेलना शुरू किया लेकिन इसके बाद स्वाति ने तीरंदाजी खेल को अपनाया और स्टेट लेवल पर काफी मेडल भी जीते. स्वाति बताती है कि इस दौरान उनके परिवार वालों का पूरा सहयोग रहा और इसी की बदौलत आज खेल के क्षेत्र में वह एक अलग मुकाम बना पाई है और उन्हें खुशी है कि हाल ही में उनका सिलेक्शन एक बार फिर भारतीय टीम में किया गया है, जहां वह देश का प्रतिनिधित्व करेगी.

कई मेडल किए अपने नाम

शुरुआती समय में स्वाति ने राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम की है जिसमें राजस्थान स्टेट आर्चरी चैंपियनशिप में स्वाति ने अपना पहला इंडिविजुअल गोल्ड मेडल जीता इसके अलावा ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में भी स्वाति ने मेडल अपने नाम किया.

यह भी पढ़ें. Womens Day Special: इस महिला पुलिस अधिकारी ने आसाराम को पहुंचाया था सलाखों के पीछे

वर्ष 2013 में मंगोलिया में आयोजित हुए सेकंड एशियन आर्चरी ग्रैंड प्रिक्स में टीम इवेंट में स्वाति ने ब्रोंज मेडल जीता तो वही वर्ष 2015 में थाईलैंड में आयोजित 19वीं एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में स्वाति ने टीम इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. इसके अलावा वर्ष 2016 मंगोलिया में आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में टीम इवेंट में स्वाति ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया इसके अलावा स्वाति ने देश-विदेश में आयोजित कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया और मेडल जीते.

बढ़ रही भागीदारी

स्वाति का कहना है कि खेल के क्षेत्र में अब महिलाएं आगे आने लगी है और अपने दम पर एक अलग मुकाम बना रही है. साथ ही स्वाति ने परिजनों से अपील करते हुए कहा है कि वह अपनी लड़कियों को खेल के क्षेत्र में भाग लेने के लिए प्रेरित करें क्योंकि एक नहीं कहावत अब शुरू हो चुकी है "पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब खेलोगे कूदोगे तो बनोगे लाजवाब". साथ ही स्वाति ने प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि खिलाड़ियों को सरकारी क्षेत्र में जो नौकरी का तोहफा दिया गया है, उससे बच्चों के खेल की रूचि बढ़ेगी.

Last Updated : Mar 8, 2021, 10:02 AM IST
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