जयपुर. शहर में अब तक बीवीजी कंपनी है डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम कर रही थी. हेरिटेज नगर निगम ने बड़ा फैसला लेते हुए कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाया. वहीं ग्रेटर नगर निगम भी कोर्ट का ऑर्डर आने के बाद इस क्रम में आगे बढ़ रहा है. लेकिन कंपनी को टर्मिनेट करने के बाद अब तक हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा संग्रहण (door to door garbage collection) की व्यवस्था सुव्यवस्थित नहीं हो पाई है. हालांकि अब सभी जोन में डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए अलग-अलग टेंडर कर 1 महीने में शहर में गुणवत्तापूर्ण सफाई व्यवस्था का दावा किया जा रहा है.
हेरिटेज निगम के स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने बताया कि सभी जोन में टेंडर की प्रक्रिया फाइनल हो चुकी है. इस बार सीएनजी गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये गाड़ियां अपग्रेडेड भी हैं और इसमें कचरे को कवर करने की भी व्यवस्था है. इन गाड़ियों की डिजाइन स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों के अनुरूप है. हवा महल और किशनपोल जोन का भी टेंडर फाइनल हो चुका है. जल्द इनकी गाड़ियां की सड़कों पर दिखेंगी. चरणबद्ध तरीके से उन गाड़ियों में भी आवश्यक सुधार कर मानकों और अपेक्षाओं के अनुरूप उन्हें सड़कों पर लाएंगे.
अब प्लानिंग यही है कि कोई भी घर छूटे नहीं. इसकी मॉनिटरिंग के लिए तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है. सभी गाड़ियों पर जीपीएस लगाने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने माना कि ये मुश्किल समय था लेकिन जल्द गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था शहर में देखने को मिलेगी. हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था सुचारू होने के बाद अगला टारगेट कचरा डिपो को चिह्नित कर खत्म करने का होगा. इसे लेकर अवेयरनेस कैंपेन भी चलाया जाएगा. साथ ही पेनल्टी प्रोविजन भी रखा जाएगा.
साथ ही कचरा डिपो बने ही ना, इसके लिए स्मार्ट मशीन भी खरीदी गई हैं, जो वेक्यूम और मैकेनिकल बेस्ड हैं. इससे पूरे परकोटे में सफाई भी करेंगे. फिलहाल सभी जोन उपायुक्तों के सफाई व्यवस्था के नियमित मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं. केंद्र की टीम 1 मार्च के बाद कभी भी जयपुर आकर सर्वे कर सकती है. स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan 2022) इस बार 7500 अंकों के लिए होगा. लिहाजा दोनों ही नगर निगम इसके लिए पूरा जोर लगा रहे हैं, लेकिन फिलहाल चुनौतियां कई हैं.