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दिल्ली की पहली महिला सीएम से लेकर विपक्ष की पहली महिला नेता, यह है सुषमा का राजनीतिक सफर - first women cm in delhi

भाजपा की बड़ी नेत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब नहीं रही. मंगलवार देर शाम उन्होंने दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली. सुषमा स्वराज के निधन के बाद देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी. बुधवार दोपहर 3 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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Published : Aug 7, 2019, 7:04 AM IST

जयपुर/नई दिल्ली. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्हे मंगलवार रात अचानक तबियत बिगड़ने के बाद एम्स में एडमिट कराया गया. कुछ देर बाद ही एम्स ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि उनका निधन हो गया. बुधवार दोपहर 3 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
सुषमा स्वराज के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं

स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था. उन्होंने अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री ली. बताया जाता है कि वह भाषण और वाद-विवाद में हमेशा से आगे रहीं. उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में पुरस्कार भी हासिल किए.
स्वराज कौशल से हुआ विवाह

सुषमा स्वराज का विवाह 13 जुलाई 1975 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील स्वराज कौशल से हुआ. उनकी एक बेटी बांसुरी है, जो लंदन में वकालत कर रही हैं.
इस तरह शुरू हुआ राजनीतिक सफर

⦁ सुषमा स्वराज चार साल तक जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या रह चुकी हैं.
⦁ चार साल तक उन्होंने हरियाणा राज्य में जनता पार्टी की अध्यक्षा का पद संभाला है.
⦁ कई वर्षों तक वह भारतीय जनता पार्टी की अखिल भारतीय सचिव भी रहीं हैं.
⦁ वर्ष 1977 में, जब सुषमा स्वराज ने हरियाणा में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली तो ये पहली बार विधानसभा के लिए चुनी गई थीं. वे भारत में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं और इन्होंने 1977 से 1979 तक जिनमें सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे आठ पद संभाले.
⦁ वर्ष 1987 में सुषमा स्वराज एक बार फिर हरियाणा विधानसभा पहुंची. उन्होंने 1987 से 1990 तक कई मंत्रालय संभाले.
⦁ यह अप्रैल 1990 का वक्त था जब स्वराज को राज्य सभा की सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया.
⦁ 11वीं लोकसभा के दूसरे कार्यकाल में सुषमा स्वराज लोकसभा की सदस्या बनी. यह 1996 का साल था.
⦁ 1996 में ही, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में तेरह दिन की सरकार के दौरान, उन्होंने सूचना और प्रसारण विभाग कि कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा वार्ता के लाइव प्रसारण का एक क्रांतिकारी कदम उठाया था.
⦁ 1998 में वे तीसरी बार लोकसभा पहुंची.
⦁ और फिर वक्त आया जब दिल्ली में पहली बार किसी महिला ने सीएम की कुर्सी संभाली. 13 अक्टूबर से 3 दिसंबर 1998 तक स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित रही.
⦁ अप्रैल 2000 में सुषमा स्वराज को दोबारा राज्यसभा की सदस्या बनी.
⦁ सितंबर 2000 से जनवरी 2003 तक वह सूचना एवं प्रसारण मंत्री के पद पर रही.
⦁ उन्होने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और संसदीय मामलों की मंत्री भी रहीं.
⦁ 2006 में दोबारा पांचवे सत्र के लिए वे राज्य सभा की सदस्या बनी.
⦁ 2009 में सुषमा स्वराज छठी बार लोकसभा की सदस्या बनी.
⦁ 21 दिसंबर 2009 को सुषमा स्वराज विपक्ष की पहली महिला नेता बनी थीं.
⦁ 26 मई 2014 को सुषमा स्वराज भारत सरकार में विदेश मामलों की केंद्रीय मंत्री बनीं.

पढ़ें: सुषमा स्वराज के निधन पर सीएम गहलोत ने जताया दुख, दोपहर 3 बजे होगा अंतिम संस्कार

इस दौरान सुषमा स्वराज सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रही. महज एक ट्वीट पर लोगों के बिगड़े काम चुटकी में हल करने के लिए सुषमा स्वराज को जाना गया. नौ बार सांसद रहीं सुषमा स्वराज आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थीं. देर शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. दिल का दौरा पड़ने से सुषमा स्वराज का निधन हो गया. इसके बाद देश के कोने-कोने में शोक की लहर दौड़ पड़ी. राजस्थान की राजनीतिक हस्तियों ने भी स्वराज के निधन पर दुख व्यक्त किया.

जयपुर/नई दिल्ली. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्हे मंगलवार रात अचानक तबियत बिगड़ने के बाद एम्स में एडमिट कराया गया. कुछ देर बाद ही एम्स ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि उनका निधन हो गया. बुधवार दोपहर 3 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
सुषमा स्वराज के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं

स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था. उन्होंने अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री ली. बताया जाता है कि वह भाषण और वाद-विवाद में हमेशा से आगे रहीं. उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में पुरस्कार भी हासिल किए.
स्वराज कौशल से हुआ विवाह

सुषमा स्वराज का विवाह 13 जुलाई 1975 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील स्वराज कौशल से हुआ. उनकी एक बेटी बांसुरी है, जो लंदन में वकालत कर रही हैं.
इस तरह शुरू हुआ राजनीतिक सफर

⦁ सुषमा स्वराज चार साल तक जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या रह चुकी हैं.
⦁ चार साल तक उन्होंने हरियाणा राज्य में जनता पार्टी की अध्यक्षा का पद संभाला है.
⦁ कई वर्षों तक वह भारतीय जनता पार्टी की अखिल भारतीय सचिव भी रहीं हैं.
⦁ वर्ष 1977 में, जब सुषमा स्वराज ने हरियाणा में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली तो ये पहली बार विधानसभा के लिए चुनी गई थीं. वे भारत में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं और इन्होंने 1977 से 1979 तक जिनमें सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे आठ पद संभाले.
⦁ वर्ष 1987 में सुषमा स्वराज एक बार फिर हरियाणा विधानसभा पहुंची. उन्होंने 1987 से 1990 तक कई मंत्रालय संभाले.
⦁ यह अप्रैल 1990 का वक्त था जब स्वराज को राज्य सभा की सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया.
⦁ 11वीं लोकसभा के दूसरे कार्यकाल में सुषमा स्वराज लोकसभा की सदस्या बनी. यह 1996 का साल था.
⦁ 1996 में ही, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में तेरह दिन की सरकार के दौरान, उन्होंने सूचना और प्रसारण विभाग कि कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा वार्ता के लाइव प्रसारण का एक क्रांतिकारी कदम उठाया था.
⦁ 1998 में वे तीसरी बार लोकसभा पहुंची.
⦁ और फिर वक्त आया जब दिल्ली में पहली बार किसी महिला ने सीएम की कुर्सी संभाली. 13 अक्टूबर से 3 दिसंबर 1998 तक स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित रही.
⦁ अप्रैल 2000 में सुषमा स्वराज को दोबारा राज्यसभा की सदस्या बनी.
⦁ सितंबर 2000 से जनवरी 2003 तक वह सूचना एवं प्रसारण मंत्री के पद पर रही.
⦁ उन्होने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और संसदीय मामलों की मंत्री भी रहीं.
⦁ 2006 में दोबारा पांचवे सत्र के लिए वे राज्य सभा की सदस्या बनी.
⦁ 2009 में सुषमा स्वराज छठी बार लोकसभा की सदस्या बनी.
⦁ 21 दिसंबर 2009 को सुषमा स्वराज विपक्ष की पहली महिला नेता बनी थीं.
⦁ 26 मई 2014 को सुषमा स्वराज भारत सरकार में विदेश मामलों की केंद्रीय मंत्री बनीं.

पढ़ें: सुषमा स्वराज के निधन पर सीएम गहलोत ने जताया दुख, दोपहर 3 बजे होगा अंतिम संस्कार

इस दौरान सुषमा स्वराज सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रही. महज एक ट्वीट पर लोगों के बिगड़े काम चुटकी में हल करने के लिए सुषमा स्वराज को जाना गया. नौ बार सांसद रहीं सुषमा स्वराज आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थीं. देर शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. दिल का दौरा पड़ने से सुषमा स्वराज का निधन हो गया. इसके बाद देश के कोने-कोने में शोक की लहर दौड़ पड़ी. राजस्थान की राजनीतिक हस्तियों ने भी स्वराज के निधन पर दुख व्यक्त किया.

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