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गहलोत को 'सुप्रीम' झटका, प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश के अंतरिम आदेश में दखल से इनकार

सुप्रीम कोर्ट से गहलोत सरकार (Gehlot Government) को झटका लगा है. न्यायालय ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश के अंतरिम आदेश में दखल से इनकार कर दिया है.

admission under RTE in pre primary classes
सुप्रीम कोर्ट से गहलोत सरकार को झटका
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Published : Aug 9, 2022, 10:13 AM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने गहलोत सरकार (Gehlot Government) को झटका देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश (Rajasthan Highcourt Order) में दखल से इनकार कर दिया है, जिसमें हाइकोर्ट ने गत 23 मई को मौजूदा शिक्षा सत्र में अल्प आय वर्ग के बच्चों को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश की व्यवस्था (admission under RTE in pre primary classes) जारी रखने का अंतरिम आदेश दिया था. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सुधांशु धुलिया की खंडपीठ ने एसएलपी को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपनी आपत्तियों को हाईकोर्ट के सामने रखे और इस संबंध में जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल करें.

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट प्री-प्राइमरी में प्रवेश के लिए ऐसा आदेश नहीं दे सकता और राज्य सरकार ने कानून के अनुसार ही आरटीई में प्रवेश को लेकर फैसला लिया था. वहीं हाइकोर्ट में याचिकाकर्ता संस्था की ओर से अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आरटीई कानून के तहत प्री प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश दिया जाता रहा है, लेकिन राज्य सरकार ने नियमों की मनमानी व्याख्या करते हुए 2019-20 सत्र से आरटीई के तहत प्रथम कक्षा से प्रवेश देने का फैसला किया. इससे गरीब बच्चों का प्रवेश बाधित हुआ है, जो कानून की मूल भावना के खिलाफ है.

पढ़ें- सर्वोच्च न्यायालय ने जुर्माने के आदेश के खिलाफ पेश अपीलों में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

गौरतलब है कि न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश शुभा मेहता की खंडपीठ ने 23 मई को अभ्यूथानम सोसायटी व अन्य की जनहित याचिकाओं पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं में इसी सत्र से प्रवेश देने का अंतरिम आदेश दिया था. इससे पहले हाईकोर्ट ने 23 अक्टूबर 2021 को भी बच्चों को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश का अंतरिम आदेश दिया था.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने गहलोत सरकार (Gehlot Government) को झटका देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश (Rajasthan Highcourt Order) में दखल से इनकार कर दिया है, जिसमें हाइकोर्ट ने गत 23 मई को मौजूदा शिक्षा सत्र में अल्प आय वर्ग के बच्चों को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश की व्यवस्था (admission under RTE in pre primary classes) जारी रखने का अंतरिम आदेश दिया था. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सुधांशु धुलिया की खंडपीठ ने एसएलपी को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपनी आपत्तियों को हाईकोर्ट के सामने रखे और इस संबंध में जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल करें.

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट प्री-प्राइमरी में प्रवेश के लिए ऐसा आदेश नहीं दे सकता और राज्य सरकार ने कानून के अनुसार ही आरटीई में प्रवेश को लेकर फैसला लिया था. वहीं हाइकोर्ट में याचिकाकर्ता संस्था की ओर से अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आरटीई कानून के तहत प्री प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश दिया जाता रहा है, लेकिन राज्य सरकार ने नियमों की मनमानी व्याख्या करते हुए 2019-20 सत्र से आरटीई के तहत प्रथम कक्षा से प्रवेश देने का फैसला किया. इससे गरीब बच्चों का प्रवेश बाधित हुआ है, जो कानून की मूल भावना के खिलाफ है.

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गौरतलब है कि न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश शुभा मेहता की खंडपीठ ने 23 मई को अभ्यूथानम सोसायटी व अन्य की जनहित याचिकाओं पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं में इसी सत्र से प्रवेश देने का अंतरिम आदेश दिया था. इससे पहले हाईकोर्ट ने 23 अक्टूबर 2021 को भी बच्चों को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश का अंतरिम आदेश दिया था.

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