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RUHS में तीन मौत के मामले की जांच पूरी...'ऑक्सीजन के कम दबाव से नहीं, गंभीर बीमारी से हुईं मौत'

प्रदेश के प्रमुख कोविड डेडीकेटड सेंटर आरयूएचएस में 14 मई को तीन मरीजों की मौत के प्रकरण में गठित चिकित्सीय कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जांच में पाया गया है कि तीनों मौतें गंभीर बीमारी के कारण हुई हैं. ऑक्सीजन का दबाव में कोई गड़बड़ी नहीं थी.

जांच रिपोर्ट पेश की, गंभीर बीमारी से मौत, matter of Three death at RUAHS,  probe report submitted,  Death due to serious illness, Covid Dedicated Center RUHS
आरयूएएचएस में तीन मौत का मामला
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Published : May 15, 2021, 9:38 PM IST

जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर प्रदेश के प्रमुख कोविड डेडीकेटड सेंटर राजस्थान स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, आयुर्विज्ञान (आरयूएचएस) में 14 मई को एक साथ 3 मरीजों की मौत के कारणों की जांच रिपोर्ट आ गई है. जांच में स्पष्ट हुआ है कि तीनों मौतें गंभीर बीमारी के कारण हुई थी. मामले की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने चिकिसकों की 5 सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति में अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह, डॉ. पी एस लाम्बा, डॉ. पवन सिंघल, डॉ. वेदपाल सिंह व डॉ. हेमेंद्र भारद्वाज शामिल थे. समिति ने शनिवार को जांच रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें सामने आया कि मौत का कारण गंभीर बीमारी ही थी.

पढ़ें: RUHS में ऑक्सीजन प्रेशर गड़बड़ाने से 3 मरीजों की मौत का मामला, प्रशासन ने कहा- टेक्निकल कमेटी गठित, जल्द सौंपेगी रिपोर्ट

आरयूएएचएस के अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन का दबाव सामान्य था. इन मरीजों की मौत के वक्त 24 मरीज वेंटीलेर या आक्सीजन सपोर्ट पर थे. आरयूएचएस में 200 मरीज वेंटीलेटर पर, 60 मरीज एचएफएनसी पर तथा 442 मरीज ऑक्सीजन लाइन पर थे. यदि ऑक्सीजन का दबाव कम होता तो सभी मरीजों पर इसका प्रभाव पड़ता. उन्होंने बताया कि जिन तीन मरीजों की मौत हुई जो कि बहुत गंभीर थे तथा चिकित्सक व स्टाफ उन्हें कई दिनों से बचाने का प्रयास कर रहे थे.

एक मरीज के परिजन ने जब ऑक्सीजन सेचुरेशन में उतार चढ़ाव देखा तो वह घबरा गया और उसने शोर मचाना प्रारंभ कर दिया. मरीजों की गंभीर स्थिति देखते हुए वहां मौजूद स्टाफ व चिकित्सकों ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया. उनके लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन सिंलेंडर की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. आरयूएचएस प्रभारी ने कहा कि घटना की पूर्ण जांच की गई है और जिम्मेदारों से लिखित में पूरी रिपोर्ट प्राप्त की गई है. यह स्पष्ट हुआ है कि 14 मई को हुई तीन मरीजों की मौत ऑक्सीजन का दबाव कम होने से नहीं हुई है.

पढ़ें: RUHS अस्पताल में ऑक्सीजन से मौत के मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश

बायोमेडिकल इंजीनियर और आक्सीजन मॉनिटर की होगी नियुक्त

चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने आवश्यक आदेश जारी किए हैं. उन्होंने प्रत्येक डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में बायोमेडिकल इंजीनियर की उपलब्धता के लिए जिला कलेक्टर व सीएमएचओ को निर्देश दिए गए हैं. इंजीनियर का मुख्य कार्य अस्पताल में ऑक्सीजन प्रेशर की जांच व अस्पताल की अन्य सामान्य व्यवस्था के साथ नियुक्त किए जाने वाले ऑक्सीजन मॉनिटर को लेकर स्टाफ को प्रशिक्षण देना होगा. बायोमेडिकल इंजीनियर की उपलब्धता से ऑक्सीजन सप्लाई के मैनेजमेंट को अधिक बेहतर किया जा सकता है.

कोविड अस्पताल में प्रत्येक 100 ऑक्सीजन या आईसीयू बेड पर तीन पालियों में दो-दो नर्सिंग स्टॉफ को ऑक्सीजन मॉनिटर के तौर पर नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए हैं. जिन अस्पतालों में 100 से कम बेड हैं वहां तीन पालियों में एक-एक ऑक्सीजन मॉनिटर की नियुक्ति की जाएगी. ऑक्सीजन मॉनिटर मरीज की स्थिति को देखते हुए मेडिकल आक्सीजन की आवश्यक मात्रा के विपरीत दी जा रही ऑक्सीजन की मात्रा से सबंधित जानकारी चिकित्सक को देगा. इससे चिकित्सक के परामर्श के बाद मरीज की मेडिकल ऑक्सीजन की ​स्थिति को बदला जा सकेगा.

जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर प्रदेश के प्रमुख कोविड डेडीकेटड सेंटर राजस्थान स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, आयुर्विज्ञान (आरयूएचएस) में 14 मई को एक साथ 3 मरीजों की मौत के कारणों की जांच रिपोर्ट आ गई है. जांच में स्पष्ट हुआ है कि तीनों मौतें गंभीर बीमारी के कारण हुई थी. मामले की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने चिकिसकों की 5 सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति में अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह, डॉ. पी एस लाम्बा, डॉ. पवन सिंघल, डॉ. वेदपाल सिंह व डॉ. हेमेंद्र भारद्वाज शामिल थे. समिति ने शनिवार को जांच रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें सामने आया कि मौत का कारण गंभीर बीमारी ही थी.

पढ़ें: RUHS में ऑक्सीजन प्रेशर गड़बड़ाने से 3 मरीजों की मौत का मामला, प्रशासन ने कहा- टेक्निकल कमेटी गठित, जल्द सौंपेगी रिपोर्ट

आरयूएएचएस के अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन का दबाव सामान्य था. इन मरीजों की मौत के वक्त 24 मरीज वेंटीलेर या आक्सीजन सपोर्ट पर थे. आरयूएचएस में 200 मरीज वेंटीलेटर पर, 60 मरीज एचएफएनसी पर तथा 442 मरीज ऑक्सीजन लाइन पर थे. यदि ऑक्सीजन का दबाव कम होता तो सभी मरीजों पर इसका प्रभाव पड़ता. उन्होंने बताया कि जिन तीन मरीजों की मौत हुई जो कि बहुत गंभीर थे तथा चिकित्सक व स्टाफ उन्हें कई दिनों से बचाने का प्रयास कर रहे थे.

एक मरीज के परिजन ने जब ऑक्सीजन सेचुरेशन में उतार चढ़ाव देखा तो वह घबरा गया और उसने शोर मचाना प्रारंभ कर दिया. मरीजों की गंभीर स्थिति देखते हुए वहां मौजूद स्टाफ व चिकित्सकों ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया. उनके लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन सिंलेंडर की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. आरयूएचएस प्रभारी ने कहा कि घटना की पूर्ण जांच की गई है और जिम्मेदारों से लिखित में पूरी रिपोर्ट प्राप्त की गई है. यह स्पष्ट हुआ है कि 14 मई को हुई तीन मरीजों की मौत ऑक्सीजन का दबाव कम होने से नहीं हुई है.

पढ़ें: RUHS अस्पताल में ऑक्सीजन से मौत के मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश

बायोमेडिकल इंजीनियर और आक्सीजन मॉनिटर की होगी नियुक्त

चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने आवश्यक आदेश जारी किए हैं. उन्होंने प्रत्येक डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में बायोमेडिकल इंजीनियर की उपलब्धता के लिए जिला कलेक्टर व सीएमएचओ को निर्देश दिए गए हैं. इंजीनियर का मुख्य कार्य अस्पताल में ऑक्सीजन प्रेशर की जांच व अस्पताल की अन्य सामान्य व्यवस्था के साथ नियुक्त किए जाने वाले ऑक्सीजन मॉनिटर को लेकर स्टाफ को प्रशिक्षण देना होगा. बायोमेडिकल इंजीनियर की उपलब्धता से ऑक्सीजन सप्लाई के मैनेजमेंट को अधिक बेहतर किया जा सकता है.

कोविड अस्पताल में प्रत्येक 100 ऑक्सीजन या आईसीयू बेड पर तीन पालियों में दो-दो नर्सिंग स्टॉफ को ऑक्सीजन मॉनिटर के तौर पर नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए हैं. जिन अस्पतालों में 100 से कम बेड हैं वहां तीन पालियों में एक-एक ऑक्सीजन मॉनिटर की नियुक्ति की जाएगी. ऑक्सीजन मॉनिटर मरीज की स्थिति को देखते हुए मेडिकल आक्सीजन की आवश्यक मात्रा के विपरीत दी जा रही ऑक्सीजन की मात्रा से सबंधित जानकारी चिकित्सक को देगा. इससे चिकित्सक के परामर्श के बाद मरीज की मेडिकल ऑक्सीजन की ​स्थिति को बदला जा सकेगा.

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