जयपुर. देश के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर के एग्जाम को लेकर यूजीसी की गाइडलाइन को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों, अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को 30 सितंबर तक करवा लेने के यूजीसी के जारी निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 18 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था. वहीं शुक्रवार को यूजीसी के पक्ष में फैसला सुनाया.
सुनवाई के दौरान यूजीसी ने कई राज्य सरकारों द्वारा अपने-अपने राज्य की यूनिवर्सिटी की अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने के फैसले का विरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब प्रदेश के छात्र संगठनों और फाइनल ईयर के छात्रों ने सुरक्षा मानकों के साथ एग्जाम कराए जाने की मांग की है.
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उधर, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राज्य सरकार ने यूजीसी से निवेदन किया था. लेकिन केंद्र सरकार ने यूजीसी के माध्यम से प्रदेश के युवाओं के पीठ पर खंजर मारा है. सीएम अशोक गहलोत ने बिना एग्जाम प्रमोट करने का फैसला लिया था और केंद्र सरकार यूजीसी की तलवार लटका कर एग्जाम करवा रही है. बीजेपी की सरकार पाप कर रही है, जिसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा.
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बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में प्रमोट करने के आदेश जारी किए थे. ऐसे में अब केंद्र सरकार के आदेश और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार दोबारा मंथन में जुटेगी.