जयपुर. मुख्यमंत्री जन आवास योजना को लेकर राज्य सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है. योजना के तहत सरकार कृषि मॉडल में गरीबों को भूखंडों का भी आवंटन करती आई है. लेकिन अब इस योजना में मकान के बजाय भूखंड देने के मॉडल पर रोक लगने जा रही (Stay on land allotment in Mukhyamantri Jan Awas Yojana) है. भूखंड आवंटन सीधे विकासकर्ता के स्तर पर होने से गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए नगरीय विकास विभाग इस संबंध में जल्द आदेश जारी करने जा रहा है.
राजस्थान सरकार ने प्रदेश के गरीबों के लिए साल 2015 में मुख्यमंत्री जन आवास योजना की शुरुआत की थी. योजना के तहत सरकार ने कम आय वर्ग (EWS) श्रेणी में आने वाले लोगों को उनके घर का सपना पूरा करने में भूमिका अदा की. योजना के तहत 3C मॉडल में गरीबों को भूखंड भी आवंटित किए जाते रहे हैं. जिसमें 50 फीसदी भूखंड ईडब्ल्यूएस, 20 फीसदी एलआईजी और बचे हुए भूखंड एमआईजी ए वर्ग के आवेदकों को दिए जाने का प्रावधान है. चूंकि भूखंड आवंटन संबंधित विकासकर्ता के स्तर पर ही होता है, ऐसे में आवंटन में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री जन आवास योजना को लेकर बनी समिति ने मकान के बजाय सीधे भूखंड देने के मॉडल पर रोक लगाने का फैसला लिया है.
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बीते दिनों यूडीएच सलाहकार जीएस संधु की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में चर्चा भी हुई और गड़बड़ी आशंका को देखते हुए समिति ने फिलहाल इस तरह के आवंटन को होल्ड पर रखने का फैसला लिया है. साथ ही निकायों को 30 मई तक अब तक योजना के तहत स्वीकृत किए गए प्रकरण, भूखंड आवंटन, भूखंड आवंटन प्रक्रिया का पालन हुआ या नहीं इस संबंध में जानकारी भेजने के भी निर्देश दिए हैं. वहीं मुख्यमंत्री जन आवास योजना को लेकर गठित समिति की ओर से निजी भूमि पर गरीबों के लिए मकान बनाने के मामले में 25 प्रतिशत भूमि का उपयोग संस्थानिक करने को लेकर भी राज्य सरकार को सिफारिश भेजने का फैसला लिया गया है.