जयपुर. मांगे पूरी नहीं होने के कारण राज्य के मंत्रालयिक कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति 11 अक्टूबर से सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत करेगी. संघर्ष समिति के सदस्य गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले एक आपात बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से 11 अक्टूबर से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
संघर्ष समिति के सदस्य गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 9 सितंबर को हजारों मंत्रालयिक कर्मचारियों ने शहीद स्मारक पर पड़ाव डाला था. मुख्य सचिव को वार्ता का एक पत्र भेजा था. लेकिन मुख्य सचिव ने संघर्ष समिति को वार्ता के लिए नहीं बुलाया. समिति की 7 सूत्रीय मांगे लंबित है.
11 अक्टूबर को सभी जिलों में संबंधित जिलाधिकारियों के नेतृत्व में जिले के मंत्रालयिक कर्मचारी एक दिन का सत्याग्रह करेंगे. 12 से 24 अक्टूबर तक सभी जिला संयोजक अपनी कार्यकारिणी के साथ ब्लॉक स्तर तक कर्मचारियों को आंदोलन के लिए जागरूक करेंगे. 25 अक्टूबर को राजधानी जयपुर में जिलेवार अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा.
पढ़ें-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत पहुंचे जोधपुर
मंत्रालयिक कर्मचारियों की सात सूत्रीय मांगे
राजस्थान स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक (लिपिक ग्रेड द्वितीय) को ग्रेड पर 3600 लेवल 10 में किया जाए और न्यूनतम योग्यता स्नातक की जाए. पूर्व में सरकार के साथ हुए समझौतों के अनुसार शेष रहे 11000 पदों को नवसृजित कर पदोन्नति के पदों पर मानदंडों में ढील दी जाए. 24 अप्रैल 2017 के वित्त विभाग के आदेश को पंचायत राज संस्थाओं के 12000 मंत्रालयिक कर्मचारियों पर लागू कर राजस्थान के अन्य 122 विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों की तर्ज पर कनिष्ठ सहायक से लेकर संस्थापन अधिकारी तक के पदोन्नति के पद तक करवाये जाए.
यह पंचायतराज संस्थाओं के मंत्रलायिक कर्मचारियों को अंतर जिला स्थानांतरण में एक बार ढील देकर पंचायत राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों को न्याय दिया जाए.शासन सचिवालय व अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग के राजपत्रित व अराजपत्रित पदों में व्याप्त असमानता को दूर कर पद पदोन्नति प्रावधान एवं वेतन में समानता के लिए नियमों में संशोधन किया जाए. चयनित वेतनमान 9,18, 27 के स्थान पर 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का लाभ दिया जाए.
विभाग के 30 अक्टूबर 2017 को जारी वेतन कटौती के आदेश को वापस लिया जाए. साथ ही 5 जुलाई 2013 को जारी आदेश को यथावत रखा जाए. मंत्रालयिक संवर्ग के पृथक निदेशालय की स्थापना के आदेश जारी किए जाएं.