जयपुर. विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्था में किया (State level honor ceremony organized in Jaipur) गया. जहां जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बेहतर कार्य करने वाले सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में सरकारी संगठन से बारां जिले ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तो वहीं गैर सरकारी संगठन से एक एनजीओ को पहला पुरस्कार दिया गया.
इस मौके पर राज्य में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले जिलों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि बारां जिले को पहला पुरस्कार दिया गया है. क्योंकि नसबंदी को लेकर जो लक्ष्य इस जिले को दिए गए थे, उससे 113 फीसदी अधिक लक्ष्य हासिल किया है. इसके अलावा गैर सरकारी संगठन क्षेत्र में एफआरएचएस को पहला पुरस्कार दिया गया. इस संस्था ने पिछले 1 वर्ष में 5401 नसबंदी कर एक रिकॉर्ड कायम किया है.
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कार्यक्रम के दौरान पीपीआईयूसीडी निवेशक में बांसवाड़ा जिले को पहला पुरस्कार दिया गया. इस मौके पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. पृथ्वी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राजस्थान राज्य बेहतर काम कर रहा है और आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2018 के अनुसार राजस्थान की कुल प्रजनन दर 2.5 प्रतिशत थी. डॉक्टर पृथ्वी का कहना है कि अब यह गिरकर 2.1 प्रतिशत से भी नीचे आ गई है और हमारी कोशिश है राजस्थान की प्रजनन दर को कम किया जाए, ताकि बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण रखा जा सके.
नसबंदी में पुरुष पीछे : भले ही प्रदेश में सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चला रही हो, लेकिन महिलाओं के मुकाबले पुरुष, नसबंदी कार्यक्रम में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की मानें तो राजस्थान में परिवार नियोजन के लिए सिर्फ 0.3 प्रतिशत ही पुरुष नसबंदी करवाते हैं. जबकि प्रदेश की 42.2 प्रतिशत महिलाएं गर्भ निरोधक उपाय जैसे नसबंदी या अन्य तरीकों के प्रयोग से गर्भधारण को रोक रही है.