जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि पंचायत चुनाव जीते जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरे 5 वर्ष ही होगा. परिणाम घोषणा के दिन से यह कार्यकाल माना जाएगा. फिलहाल प्रदेश के 12 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव होने हैं.
दरअसल, 12 जिलों में पंचायत चुनाव का कार्यकाल 2020 में समाप्त हो गया था. लेकिन कोरोना समेत विभिन्न कारणों की वजह से बार-बार चुनाव कार्यक्रम स्थगित होते रहे. ऐसे में में यह माना जा रहा था कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल कम समय के लिए होगा. आयोग ने स्थिति स्पष्ट कर दी है कि कार्यकाल पूरे 5 वर्ष होगा.
कोरोना की वजह से राज्य निर्वाचन आयोग 12 जिलों में चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं कर पाया था. बार-बार चुनाव कार्यक्रम स्थगित हो रहा था. राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव अशोक जैन ने बताया कि चुनाव परिणाम घोषित होने से आगामी 5 वर्ष तक कार्यकाल माना जाएगा.
राजस्थान के अलवर, बारां, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, जोधपुर, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सिरोही और श्रीगंगानगर के जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव होने हैं. जनवरी 2020 में होने वाले इन चुनावों के लिये राज्य सरकार की ओर से पंचायती राज संस्थाओं के परिसीमन बाबत जारी की गई अधिसूचनाओं को कोर्ट में चुनौती देने कारण चुनाव नहीं हो सके थे. इसके बाद कोविड- 19 के कारण चुनाव नहीं हो सके थे. फिलहाल इन 12 जिलों में प्रशासक कामकाज संभाल रहे हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग ने 8 जुलाई को प्रदेश के 22 जिलों के 50 सरपंच, 8 उपसरपंच और 71 वार्ड पंचों का चुनाव कार्यक्रम जारी किया था. अब यह प्रबल संभावना बन रही है कि आयोग अगस्त के अंतिम महीने में प्रदेश के 12 जिलों में चुनाव कार्यक्रम जारी कर सकता है. राज्य निर्वाचन आयोग के जुड़े सूत्रों के अनुसार आयोग को संबंधित जिलों के कलेक्टरों ने कोरोना संबंधी रिपोर्ट भेज दी है. इन 12 जिलों में कोरोना के केस बेहद कम हैं.