जयपुर. प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को 1 दिन में तीन आदेश जारी करते हुए कड़ी हिदायत दी है. मुख्य सचिव ने अपने पहले आदेश में सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को दफ्तर में बिना मास्क आने पर नो एंट्री के निर्देश दिए हैं. वही दूसरा विधायक और सांसदों के सम्मान में अधिकारियों और कर्मचारियों के खड़े होने के निर्देश दिए हैं. तीसरा सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर दफ्तर आने की और समय पर ही दफ्तर से जाने की हिदायत दी गई है.
सांसदों का खड़े होकर करना होगा सम्मान
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने अधिकारियों को कड़ी हिदायत देते हुए कहा है कि कोई भी सांसद, विधायक उनसे मिलने आए तो उनके स्वागत और विदाई के समय उनके सम्मान में खड़े होना चाहिए. यही नहीं उनकी बताई हुई समस्या या सुझाव पर विशेष ध्यान देते हुए जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए. मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधि के जनहित में काम के बारे में किसी भी विभाग को पत्राचार होता है, तो विभाग द्वारा उनके पत्रों की रसीद और उत्तर जरूर भेजें. उनके द्वारा उठाए गए मामलों लंबित हो तो मामलों की प्रगति में उन्हें समय-समय पर बताना जरूरी होगा.
निर्देशों का कठोरता से हो पालन
नियुक्ति या तबादले से संबंधित पत्रों के बारे में सिर्फ पत्रावली पत्र भेजना होगा. ऐसे मामलों का निरंतर व्यवहार ही होना चाहिए. मुख्य सचिव ने अपने निर्देश के कठोरता से पालन करने के लिए निर्देश दिए हैं. हाल ही में सांसद और विधायकों ने इस बारे में मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और उसमें जनप्रतिनिधियों नाराजगी जताई थी. इसी कड़ी में एक्शन लेते हुए मुख्य सचिव ने यह पत्र जारी किया गया है.
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उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता राज्य में पारदर्शी, जवाबदेही और संवेदनशील शासन उपलब्ध कराने की है. सांसद विधायक अपने क्षेत्र की जनता के प्रतिनिधि के रूप में नागरिकत सत्ता का विधायक निर्वहन करते हैं. विकास और जन समस्याओं संबंधी कार्यों में उनका विशेष योगदान रहता है. ऐसे में उनके प्रति व्यवहार बहुत शालीन और विन्रम रहना चाहिए.
मास्क ही वैक्सीन
मुख्य सचिव ने कोरोना काल में मास्क को ही वैक्सीन बताते हुए कहा कि देश दुनिया में विख्यात डॉक्टर भी यह कह चुके हैं कि जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती, यह सबसे बड़ा कवच है. डॉक्टर का तो यहां तक कहना है कि अगर सिर्फ 4 सप्ताह के लिए ही भी यह प्रण कर ले कि बिना मास घर से बाहर नहीं निकलेंगे तो कोरोना नवंबर तक खत्म हो सकता है. अगर ऐसा ना किया तो कम से कम 1 साल तक कोरोना के साथ जीना होगा.
मुख्य सचिव ने अपने आदेश में साफ कर दिया कि अफसर और कर्मचारी की बिना मां के नो एंट्री होगी. कोई भी कर्मचारी या अधिकारी बिना मास्क के ना दफ्त में आएगा और ना दफ्तर से बाहर जाएगा. यहां तक कि वह किसी भी बैठक मीटिंग या अन्य सार्वजनिक स्थल पर जाता है तो उसे मास्काक लगाना ही होगा.
समय पर दफ्तर आने के निर्देश
सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर दफ्तर आने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव के निर्देश के बाद प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी किए हैं. आदेशों में स्पष्ट कहा गया है कि सुबह 9:30 और शाम को 6 बजे तक अधिकारियों कर्मचारियों को ऑफिस में रुकना होगा. लेट आने जल्दी जाने पर रजिस्टर में क्रॉस किया जाएगा. दोनों समय रजिस्टर में आने और जाने के समय सिग्नेचर करने होंगे.
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आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारी अपने कार्यस्थल पर उपलब्ध नहीं रहते हैं. ऐसे में दूरदराज से आने वाले लोगों को अपने काम के लिए भटकना पड़ता है . सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही है. सरकार हर आम नागरिक को उसका काम समय पर हो इसको लेकर जवाब देते करना चाहती है और इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है.